Psalms 45
1 मेरे हृदय में सुन्दर भाव उमड़ रहे हैं − मैं राजा के लिए गीत गाऊंगा; मेरी जीभ निपुण लेखक की लेखनी है।
2 आप पुरुषों में सर्वसुन्दर हैं। आपके ओंठों से माधुर्य टपकता है। अत: परमेश्वर ने युग-युगांत आपको आशिष दी है।
3 ओ परम वीर! यश और प्रताप से अपनी तलवार कमर पर धारण कीजिए।
4 आपके यश की समृद्धि हो। सत्य और न्याय की रक्षा के लिए आप सवार होइए। आपका दाहिना हाथ आपको आतंकपूर्ण कार्यों के लिए प्रेरित करे।
5 आपके बाण तीक्ष्ण हैं, वे आपके शत्रुओं के हृदय को बेधते हैं, कौमें आपके चरणों पर गिर पड़ी हैं।
6 आपका सिंहासन युग-युगांत स्थिर है, जो परमेश्वर ने आप को दिया है। आपका राजदण्ड न्याय का राजदण्ड है।
7 आप धार्मिकता से प्रेम करते हैं और दुराचार से घृणा। इसलिए परमेश्वर ने, आपके परमेश्वर ने, आपके साथियों से आपको पृथक कर, हर्ष के तेल से आपका अभिषेक किया है।
8 आपके वस्त्र गंधरस, अगर और तेजपात से सुगंधित हैं। हाथी-दांत के महलों में संगीत आपको आनन्दित करता है।
9 राजकन्याएं आपकी सम्मानित महिलाओं में हैं; आपकी दाहिनी ओर रानी, ओपीर के कुन्दन से सजी हुई बैठी है।
10 ओ राजकन्या! सुन, विचार कर और ध्यान दे; अपनी जाति और मायके को भूल जा।
11 तब राजा तेरे रूप की कामना करेंगे। वह तेरे स्वामी हैं−तू उनके सामने सिर झुका।
12 ओ सोर देश की राजकन्या! प्रजा के सम्पत्तिशाली लोग, उपहार द्वारा तेरी अनुकंपा प्राप्त करेंगे।
13 राजकन्या ने अंत:पुर में सोलह सिंगार किया है− उनके वस्त्रों पर सोने की कढ़ाई है;
14 वह रंगीन वस्त्रों में, महाराज, आपके पास पहुंचाई गई। उसकी कुमारी सहेलियां उसके पीछे-पीछे आपके निकट लाई गईं।
15 उन्हें आनन्द और प्रसन्नता से पहुंचाया गया; उन्होंने राज महल में प्रवेश किया।
16 आपके पूर्वजों के स्थान पर आपके पुत्र शासक होंगे; आप उनको समस्त पृथ्वी पर सामन्त नियुक्त करेंगे।
17 मैं आपके नाम को समस्त पीढ़ियों में स्मरणीय बनाऊंगा; जातियां युग-युगांत आपकी स्तुति करती रहेंगी।