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Psalms 46

:
Hindi - CLBSI
1 परमेश्‍वर हमारा गढ़ और शक्‍ति है; वह संकट में उपलब्‍ध महा सहायक है।
2 इसलिए हम नहीं डरेंगे, चाहे पृथ्‍वी उलट जाए- चाहे पर्वत सागर के पेट में डूब जाएं;
3 चाहे समुद्र-जल गरजे और उफने और पर्वत उसकी उत्तेजना से कांप उठें! सेलाह
4 एक सरिता है जिसकी जल-धाराएं परमेश्‍वर के नगर को, सर्वोच्‍च परमेश्‍वर के पवित्र निवास स्‍थान को, हर्षित करती हैं।
5 परमेश्‍वर नगर के मध्‍य में है, नगर टलेगा नहीं; परमेश्‍वर पौ फटते ही उसकी सहायता करेगा।
6 राष्‍ट्र क्रोध करते हैं, राज्‍य विचलित होते हैं; किन्‍तु परमेश्‍वर के शब्‍द बोलते ही पृथ्‍वी पिघल जाती है।
7 स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु हमारे साथ है; याकूब का परमेश्‍वर हमारा गढ़ है। सेलाह
8 आओ, प्रभु के महाकर्म देखो; उसने पृथ्‍वी पर कैसा विस्‍मय उत्‍पन्न किया है।
9 वह पृथ्‍वी की सीमा तक युद्धबन्‍दी करता है; वह धनुष को तोड़ता और भाले को टुकड़े- टुकड़े करता है; वह रथों को अग्‍नि से भस्‍म करता है।
10 “शान्‍त हो, और जान लो कि मैं ही परमेश्‍वर हूँ। मैं राष्‍ट्रों में सर्वोच्‍च हूँ; मैं पृथ्‍वी पर सर्वोच्‍च हूँ।”
11 स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु हमारे साथ है; याकूब का परमेश्‍वर हमारा गढ़ है। सेलाह