Exodus 31
1 तब प्रभु मूसा से बोला,
2 ‘देख, मैं यहूदा-कुल के बसलएल को, जो ऊरी का पुत्र और हूर का पौत्र है, विशेष रूप से मनोनीत करता हूँ।
3 मैंने उसे अपने आत्मा से बुद्धि, प्रवीणता, ज्ञान और शिल्प-कौशल से परिपूर्ण किया है
4 कि वह ऐसे कलात्मक नमूने निकाले जिन्हें वह सोने, चांदी और पीतल के पात्रों पर बना सके,
5 जड़ने के लिए मणि काट सके, लकड़ी पर खुदाई कर सके तथा शिल्प के अन्य कार्य भी कर सके।
6 देख, मैंने उसके साथ दान कुल के अहीसामख के पुत्र ओहोलीआब को नियुक्त किया है। मैंने अन्य बुद्धिमान व्यक्तियों के हृदय भी बुद्धि से भर दिए हैं कि वे उन सब वस्तुओं को बनाएँ जिनकी आज्ञा मैंने तुझे दी है:
7 मिलन-शिविर, साक्षी-मंजूषा, उस पर लगा दया-आसन, तम्बू की सब वस्तुएँ,
8 मेज और उसके पात्र, शुद्ध सोने से बना दीपाधार तथा उसके सब पात्र, धूप-वेदी,
9 अग्नि-बलि की वेदी तथा उसके सब पात्र, कण्डाल और उसकी आधार-पीठिका,
10 सज्जापूर्ण पोशाकें−पुरोहित हारून की पोशाक, उसके पुत्रों की पोशाकें जिन्हें वे पुरोहित के कार्य करते समय पहनेंगे−
11 अभ्यंजन तेल और पवित्र-स्थान के लिए सुगन्धित द्रव्य। जैसी आज्ञा मैंने तुझे दी है, उसी के अनुसार तू सब कार्य करना।’
12 प्रभु ने मूसा से कहा,
13 ‘तू इस्राएली समाज से यह बोलना: तुम मेरे विश्राम-दिवसों को अवश्य मनाना। यह मेरे और तुम्हारे मध्य पीढ़ी से पीढ़ी तक एक चिह्न है जिससे तुम्हें ज्ञात हो कि मैं प्रभु, तुम्हें पवित्र करता हूँ।
14 तुम विश्राम-दिवस मनाना, क्योंकि वह तुम्हारे लिए पवित्र दिवस है। उसे अपवित्र करने वाले व्यक्ति को निश्चय ही मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा। जो व्यक्ति उस दिन कोई कार्य करेगा, वह अपने समाज में से नष्ट किया जाएगा।
15 छ: दिन तक काम किया जाएगा, पर सातवां दिन परम विश्राम-दिवस है, प्रभु के लिए पवित्र दिवस है। जो व्यक्ति विश्राम-दिवस पर कार्य करेगा, उसे मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा।
16 इसलिए इस्राएली समाज विश्राम-दिवस को मनाएगा। वे विश्राम-दिवस को शाश्वत विधान के रूप में पीढ़ी से पीढ़ी तक मानेंगे।
17 यह मेरे और इस्राएली समाज के मध्य इस बात का स्थायी चिह्न है कि प्रभु ने छ: दिन में आकाश और पृथ्वी बनाए, और सातवें दिन विश्राम करके शान्ति की सांस ली।’
18 जब प्रभु ने सीनय पर्वत पर मूसा से वार्तालाप समाप्त किया तब उन्हें साक्षी की दो पट्टियाँ, अपने हाथ से लिखी पत्थर की दो पट्टियाँ दीं।