Bible

Engage

Your Congregation Like Never Before

Try RisenMedia.io Today!

Click Here

Psalms 11

:
Hindi - HINOVBSI
1 मेरा भरोसा परमेश्‍वर पर है; तुम कैसे मेरे प्राण से कह सकते हो, “पक्षी के समान अपने पहाड़ पर उड़ जा;
2 क्योंकि देखो, दुष्‍ट अपने धनुष चढ़ाते हैं, और अपने तीर धनुष की डोरी पर रखते हैं, कि सीधे मनवालों पर अन्धियारे में तीर चलाएँ;
3 यदि नीवें ढा दी जाएँ तो धर्मी क्या कर सकता है?”
4 परमेश्‍वर अपने पवित्र भवन में है; परमेश्‍वर का सिंहासन स्वर्ग में है; उसकी आँखें मनुष्य की सन्तान को नित देखती रहती हैं और उसकी पलकें उनको जाँचती हैं।
5 यहोवा धर्मी को परखता है, परन्तु वह उनसे जो दुष्‍ट हैं और उपद्रव से प्रीति रखते हैं अपनी आत्मा में घृणा करता है।
6 वह दुष्‍टों पर फन्दे बरसाएगा; आग और गन्धक और प्रचण्ड लूह उनके कटोरों में बाँट दी जाएँगी।
7 क्योंकि यहोवा धर्मी है, वह धर्म ही के कामों से प्रसन्न रहता है; धर्मीजन उसका दर्शन पाएँगे।