Bible

Simplify

Your Church Tech & Streamline Your Worship

Try RisenMedia.io Today!

Click Here

Job 11

:
Hindi - HINOVBSI
1 तब नामाती सोपर ने कहा,
2 “बहुत सी बातें जो कही गई हैं, क्या उनका उत्तर देना चाहिये? क्या बकवादी मनुष्य धर्मी ठहराया जाए?
3 क्या तेरे बड़े बोल के कारण लोग चुप रहें, और जब तू ठट्ठा करता है, तो क्या कोई तुझे लज्जित करे?
4 तू तो यह कहता है, ‘मेरा सिद्धान्त शुद्ध है और मैं परमेश्‍वर की दृष्‍टि में पवित्र हूँ।’
5 परन्तु भला हो कि परमेश्‍वर स्वयँ बातें करे, और तेरे विरुद्ध मुँह खोले,
6 और तुझ पर बुद्धि की गुप्‍त बातें प्रगट करे, कि उनका मर्म तेरी बुद्धि से बढ़कर है। इसलिये जान ले कि परमेश्‍वर तेरे अधर्म में से बहुत कुछ भूल जाता है।
7 “क्या तू परमेश्‍वर का गूढ़ भेद पा सकता है? क्या तू सर्वशक्‍तिमान का मर्म पूरी रीति से जाँच सकता है?
8 वह आकाश सा ऊँचा है—तू क्या कर सकता है? वह अधोलोक से गहिरा है—तू क्या समझ सकता है?
9 उसकी माप पृथ्वी से भी लम्बी है और समुद्र से चौड़ी है।
10 यदि परमेश्‍वर बीच से गुजरे, बन्दी बना ले, और अदालत में बुलाए, तो कौन उसको रोक सकता है।
11 क्योंकि वह पाखण्डी मनुष्यों का भेद जानता है, और अनर्थ काम को देख कर क्या वह उस पर ध्यान देगा?
12 परन्तु मनुष्य छूछा और निर्बुद्धि होता है; क्योंकि मनुष्य जन्म ही से जंगली गदहे के बच्‍चे के समान होता है।
13 “यदि तू अपना मन शुद्ध करे, और ईश्‍वर की ओर अपने हाथ फैलाए,
14 और जो कोई अनर्थ काम तुझ से होता हो उसे दूर करे, और अपने डेरों में कोई कुटिलता रहने दे,
15 तब तो तू निश्‍चय अपना मुँह निष्कलंक दिखा सकेगा; और तू स्थिर होकर कभी डरेगा।
16 तब तू अपना दु:ख भूल जाएगा, तू उसे उस पानी के समान स्मरण करेगा जो बह गया हो।
17 और तेरा जीवन दोपहर से भी अधिक प्रकाशमान होगा; और चाहे अन्धेरा भी हो तौभी वह भोर सा हो जाएगा।
18 तुझे आशा होगी, इस कारण तू निर्भय रहेगा; और अपने चारों ओर देख देखकर तू निर्भय विश्राम कर सकेगा।
19 जब तू लेटेगा, तब कोई तुझे डराएगा नहीं; और बहुतेरे तुझे प्रसन्न करने का यत्न करेंगे।
20 परन्तु दुष्‍ट लोगों की आँखें धुँधली पड़ जाएँगी, और उन्हें कोई शरणस्थान मिलेगा और उनकी आशा यही होगी कि प्राण निकल जाए।”