Zechariah 9
1 प्रभु की ओर से यह एक गंभीर चेतावनी है। हद्राक के देश के विरुद्ध प्रभु का यह सन्देश है: प्रभु ने दमिश्क नगर में स्वयं को प्रतिष्ठित किया है। जैसे इस्राएल के सब कुल प्रभु के हैं, वैसे ही सीरिया देश के सब नगर प्रभु के हैं।
2 हमात नगर जो सीरिया की सीमा पर स्थित है, सोर और सीदोन नगर-राज्य भी प्रभु के हैं; यद्यपि वे बड़े चालाक हैं।
3 सोर ने अपने लिए एक गढ़ बनाया है, उसने धूल-कणों के सदृश चांदी का ढेर लगाया है। उसने कच्ची सड़क के कीचड़ के सदृश सोना एकत्र किया है।
4 पर देख, स्वामी इन सबसे उसे वंचित कर देगा, उसके वैभव को समुद्र में फेंक देगा, यह नगर आग में भस्म हो जाएगा।
5 अश्कलोन नगर-राज्य यह देख कर भयभीत होगा, गाजा नगर भी पीड़ा से छटपटाएगा, और एक्रोन भी, क्योंकि उसकी आशाएं धूल में मिल गई हैं। गाजा नगर का राजवंश समाप्त हो जाएगा। अश्कलोन नगर उजड़ जाएगा।
6 वर्णसंकर जाति अश्दोद नगर में बसेगी। प्रभु कहता है: ‘मैं पलिश्ती कौम का घमण्ड चूर-चूर करूंगा।
7 मैं उसके मुंह में से पशु-बलि का रक्त, और उसके दांतों के मध्य से घृणित चढ़ावा छीनूंगा। पलिश्ती कौम मुझ-परमेश्वर के लिए इस्राएल के शेष वंशजों के सदृश अवशेष रहेगी, वह यहूदा कुल के सदृश एक कुल मात्र रह जाएगी, एक्रोन नगर के निवासी यबूसियों के सदृश रहेंगे।
8 मैं अपने भवन में प्रशासक के सदृश पड़ाव डालूंगा, एक भी व्यक्ति इधर से उधर नहीं जाएगा। कोई भी अत्याचारी राजा तुम पर चढ़ाई नहीं करेगा, क्योंकि अब मैंने अपनी आंखों से देख लिया।’
9 ओ सियोन के निवासियो, अत्यधिक आनन्द मनाओ! ओ यरूशलेम के निवासियो, जय-जयकार करो! देखो, तुम्हारा राजा तुम्हारे पास आ रहा है, वह धार्मिक है, उसने विजय प्राप्त की है । वह विनम्र है, और विनम्रता के प्रतीक गदहे पर, उसके बछेरू पर, नहीं, वह लद्दू के बछेरू पर बैठा है।
10 वह एफ्रइम-राज्य के रथों को यरूशलेम के युद्ध के घोड़ों को नष्ट करेगा। वह युद्ध के धनुषों को तोड़ेगा, और सब राष्ट्रों में शान्ति स्थापित करेगा। उसका साम्राज्य भूमध्यसागर से मृतसागर तक, फरात नदी से दक्षिणी सीमान्त, पृथ्वी की सीमांत तक होगा।
11 प्रभु कहता है: ‘मैंने तुझ से रक्त के द्वारा विधान का संबंध स्थापित किया है: अत: मैं तेरे बन्दियों को अन्धे कुंओं से मुक्त करूंगा।
12 ओ आशा रखनेवाले बन्दियो, अपने गढ़ में लौट आओ। आज मैं यह घोषित करता हूं: मैं तुम्हें दुहरी समृद्धि लौटाऊंगा।
13 ओ यहूदा, मैंने अपना धनुष ताना है। ओ एफ्रइम, मैंने अपने धनुष पर तीर रखा है। ओ सियोन, मैंने तेरे पुत्रों को यूनान के विरुद्ध युद्ध के लिए उभाड़ा है। मैं तुझे महायोद्धा की तलवार बनाऊंगा।’
14 तब प्रभु उनके ऊपर दिखाई देगा, विद्युत के सदृश उसके तीर छूटेंगे, स्वामी-प्रभु नरसिंगा फूंकेगा, और वह दक्षिणी बवन्डर में प्रस्थान करेगा।
15 स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु उनकी ढाल बनेगा, वे अपने शत्रुओं पर प्रबल होंगे। वे उनके गोफन के पत्थरों को कुचलेंगे, वे मदिरा के सदृश उनका रक्तपान करेंगे। वे चषक के समान छलकेंगे। वे वेदी के कोने के सदृश लबालब भर जाएंगे।
16 उस दिन उनका प्रभु परमेश्वर उन्हें बचाएगा; क्योंकि वे उसके निज लोग हैं, उसके रेवड़ की निज भेड़ें हैं। वे मुकुट के हीरों के सदृश उसके देश में चमकेंगे।
17 वह दिन कितना भला और सुन्दर होगा, युवा भरपेट भोजन करेंगे, और युवतियां नव अंगूर-रस से तृप्त होंगी।