Zechariah 13
1 ‘उस दिन दाऊद के वंशजों तथा यरूशलेम के निवासियों को उनके पाप तथा अशुद्धता से धोने के लिए एक झरना फूटेगा।’
2 स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: ‘उस दिन मैं देश से मूर्तियों के नाम भी मिटा दूंगा, और लोग उनके नाम भूल जाएंगे। मैं देश से नबियों और अशुद्ध आत्मा को भी निकाल दूंगा।
3 यदि फिर कोई व्यक्ति नबी के रूप में उदित होगा तो उसको जन्म देनेवाले माता-पिता उससे यह कहेंगे: “तू जीवित नहीं रहेगा; क्योंकि तू प्रभु के नाम में झूठी नबूवत करता है।” अत: जब वह नबूवत करेगा तब उसे जन्म देनेवाले माता-पिता ही उसको बेधेंगे।
4 उस दिन सब नबी नबूवत करने पर अपने-अपने दर्शन के लिए लज्जित होंगे। नबी धोखा देने के लिए कम्बल का वस्त्र नहीं पहिनेगा।
5 परन्तु वह यह कहेगा, “मैं नबी नहीं हूं, बल्कि मैं तो किसान हूँ। बचपन से ही यह जमीन मेरे अधिकार में है।”
6 जब कोई व्यक्ति उससे यह पूछेगा, “तुम्हारे शरीर पर ये घाव कैसे हुए?” वह उससे यह कहेगा, “अपने प्रियजनों के घर पर मुझे ये घाव लगे हैं!”
7 ‘ओ मेरी तलवार, जाग! मेरे चरवाहे पर, मेरे समीप खड़े हुए व्यक्ति पर प्रहार कर!’ स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने यों कहा है: ‘चरवाहे पर प्रहार कर, जिससे भेड़ें तितर-बितर हो जाएं। मैं भेड़ों के बच्चों पर हाथ उठाऊंगा।’
8 प्रभु का यह कथन है: ‘समस्त देश में दो तिहाई आबादी मर-कट जाएगी, केवल एक तिहाई जीवित रहेगी।
9 जैसे भट्ठी में चांदी शुद्ध की जाती है, वैसे ही मैं इस एक तिहाई आबादी को आग में झोंक कर उसे शुद्ध करूंगा। जैसे सोना परखा जाता है वैसे ही मैं उनको परखूंगा। वे मेरे नाम की दुहाई देंगे, और मैं उनको उत्तर दूंगा। मैं यह कहूंगा, “ये मेरे निज लोग हैं”, और वे यह कहेंगे, “प्रभु ही हमारा परमेश्वर है।” ’