Zechariah 12
1 प्रभु की ओर से यह एक गंभीर चेतावनी है। जिस प्रभु ने आकाश को ताना है, जिसने पृथ्वी की नींव डाली है और जिसने मानव के भीतर की आत्मा को निर्मित किया है, उस प्रभु की इस्राएल के सम्बन्ध में यह वाणी है। प्रभु यों कहता है:
2 ‘देखो, मैं यरूशलेम को शराब का प्याला बना रहा हूं। यरूशलेम के चारों ओर के राष्ट्र उसको पीकर लड़खड़ाएंगे। यरूशलेम की घेराबन्दी के समय यहूदा प्रदेश भी लड़खड़ाएगा।
3 उस दिन विश्व की सब कौमों के लिए मैं यरूशलेम को भारी चट्टान बनाऊंगा। जो उसे उठाएगा, वह स्वयं को गम्भीर चोट पहुंचाएगा। विश्व के सब राष्ट्र संगठित रूप से उसे उठाने आएंगे।
4 प्रभु यों कहता है, उस दिन मैं प्रत्येक घोड़े में आतंक उत्पन्न करूँगा और घुड़सवार सैनिक को पागल बनाऊंगा। मैं प्रत्येक राष्ट्र के हर एक घोड़े को अन्धा कर दूंगा। किन्तु मैं यहूदा प्रदेश पर नजर रखूंगा।
5 तब यहूदा प्रदेश के कुल परस्पर यह कहेंगे, “यरूशलेम के निवासियों ने अपने परमेश्वर से, स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु से, यह शक्ति प्राप्त की है।”
6 ‘उस दिन मैं यहूदा वंश के कुलों को लकड़ी के ढेर में भभकती हुई अंगीठी या पूले में जलती हुई मशाल बना दूंगा और वे आस-पास के राष्ट्र को भस्म कर डालेंगे। पर यरूशलेम अपने स्थान पर आबाद रहेगा।’
7 सर्वप्रथम प्रभु यहूदा कुल के परिवारों को बचाएगा, जिससे दाऊद के वंशज और यरूशलेम के निवासी यहूदा कुल पर प्रबल होकर गर्व न करें।
8 प्रभु यरूशलेम नगर के निवासियों के लिए मानो ढाल बनेगा और उनकी रक्षा करेगा। फलत: उस दिन यरूशलेम वासियों का दुर्बल से दुर्बल व्यक्ति राजा दाऊद के समान बलवान बनेगा। दाऊद का परिवार ईश्वर के समान, प्रभु के दूत के समान उनका नेतृत्व करेगा।
9 प्रभु कहता है: ‘उस दिन मैं उन राष्ट्रों को नष्ट करूंगा, जो यरूशलेम पर आक्रमण करते हैं।
10 मैं दाऊद के परिवार और यरूशलेम के निवासियों पर कृपा और प्रार्थना की आत्मा उण्डेलूंगा। अत: वे मुझ पर दृष्टि डालेंगे। जिस व्यक्ति को उन्होंने बेधा है उसके लिए वे विलाप करेंगे, जैसे कोई अपने मृत इकलौते पुत्र के लिए विलाप करता है। वे रोएंगे, जैसे कोई अपने ज्येष्ठ पुत्र की मृत्यु पर रोता है।
11 ‘उस दिन यरूशलेम नगर में महा रोदन होगा, जैसा मगिद्दो की तराई में हदद-रिम्मोन देवता के लिए किया जाता है।
12 सारा देश, प्रत्येक परिवार, दाऊद वंश के सब परिवार और उनकी स्त्रियां, नातान वंश के सब परिवार और उनकी स्त्रियां,
13 लेवी कुल के सब परिवार और उनकी स्त्रियां, शिमई वंश के सब परिवार और उनकी स्त्रियां,
14 और शेष सब परिवार और उनकी स्त्रियां विलाप करेंगी।