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Psalms 61

:
Hindi - CLBSI
1 हे परमेश्‍वर, मेरी पुकार सुन; मेरी प्रार्थना पर ध्‍यान दे।
2 जब मेरा हृदय डूबने लगता है, तब मैं पृथ्‍वी के सीमान्‍त से तुझ को पुकारता हूँ। मुझे ऊपर उठा और चट्टान पर बैठा, जो मेरी अपेक्षा ऊंची है;
3 क्‍योंकि तू मेरा शरण-स्‍थल है; शत्रु के समक्ष मेरा सुदृढ़ गढ़ है।
4 मैं युग-युगान्‍त तेरे शिविर में रहूँगा; मैं तेरे पंखों के आश्रय में शरण लूंगा। सेलाह
5 हे परमेश्‍वर, तूने मेरे व्रत स्‍वीकार किए हैं। जो तेरे नाम के भक्‍त हैं, तूने उनकी मनोकामनाएँ पूर्ण की हैं।
6 राजा को दीर्घायु प्रदान कर। उसकी आयु के वर्ष कई पीढ़ियों के तुल्‍य हो जाएं।
7 वह परमेश्‍वर के सम्‍मुख सदा सिंहासन पर रहे। तू अपनी करुणा और सच्‍चाई को नियुक्‍त कर कि वे उसकी रक्षा करें।
8 जैसे मैं प्रति दिन अपने व्रत पूर्ण करता हूँ, वैसे मैं निरन्‍तर तेरे नाम की स्‍तुति गाता रहूँगा।