Psalms 5
1 प्रभु, मेरे शब्दों पर कान दे, मेरी मौन प्रार्थना पर विचार कर।
2 हे मेरे राजा, हे मेरे परमेश्वर, मेरी दुहाई पर ध्यान दे, क्योंकि मैं तुझसे ही प्रार्थना करता हूँ।
3 प्रभु, प्रात: तू मेरी पुकार सुनता है, प्रात: मैं तेरे लिए बलि तैयार करता और तेरी प्रतीक्षा करता हूं।
4 तू ऐसा ईश्वर है जो दुराचार से प्रसन्न नहीं होता; तेरे साथ बुराई रह नहीं सकती।
5 तेरे सम्मुख अहंकारी खड़े न हो सकेंगे, तू सभी कुकर्मियों से घृणा करता है।
6 तू झूठ बोलने वालों को नष्ट करता है। प्रभु, तू हत्यारों और धूर्तों से घृणा करता है।
7 पर मैं तेरी अपार करुणा के कारण तेरे घर में प्रवेश करूँगा, मैं तेरे पवित्र मंदिर की ओर भयभाव से वंदना करूंगा।
8 मेरी घात में बैठे शत्रुओं के कारण, प्रभु, अपने धर्म-पथ पर मुझे ले चल। मेरे समक्ष अपना मार्ग सीधा बना।
9 उनके मुंह में सत्य नहीं है, उनका हृदय विनाश है, उनका गला खुली कबर है, वे अपनी जीभ से ठकुर-सुहाती करते हैं।
10 परमेश्वर, उनको अपराधी घोषित कर, उनको अपनी ही सम्मति के कारण गिरने दे, उनके अपराधों की अधिकता के कारण उन्हें बाहर निकाल दे; क्योंकि उन्होंने तुझसे विद्रोह किया है।
11 पर तू अपनी शरण में आनेवालों को आनन्दित कर। वे सदा गाते रहें, क्योंकि तू उनकी रक्षा करता है। तेरे नाम के प्रेमी फूले न समाएँ।
12 प्रभु, तू धार्मिक मनुष्य को आशिष देता है, तू ढाल के सदृश उसको अपनी कृपा से घेरे रहता है।