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Psalms 34

:
Hindi - CLBSI
1 मैं प्रभु को हर समय धन्‍य कहूँगा। मैं निरन्‍तर उसकी स्‍तुति करता रहूंगा।
2 मेरा प्राण प्रभु पर गर्व करेगा; दु:खी मनुष्‍य यह सुन कर सुखी होगा।
3 मेरे साथ प्रभु का गुणगान करो; हम सब उसके नाम को उन्नत करें।
4 मैंने प्रभु को खोजा; और उसने मुझे उत्तर दिया, उसने मेरे सब भय से मुझे मुक्‍त किया
5 प्रभु पर दृष्‍टि करो, तब तुम्‍हारा मुख प्रकाशमय हो जाएगा; और तुम अपने विश्‍वास के लिए कभी लज्‍जित होगे!
6 इस पीड़ित व्यक्‍ति ने प्रभु को पुकारा, और प्रभु ने उसकी प्रार्थना सुनी; प्रभु ने उसके सब संकटों से उसको बचाया।
7 जो लोग प्रभु की भक्‍ति करते हैं, उन्‍हें प्रभु का दूत चारों ओर से घेरे रहता है; वह उन्‍हें मुक्‍त करता है।
8 परखकर देखो कि प्रभु कितना भला है। धन्‍य है वह व्यक्‍ति जो प्रभु की शरण में आता है।
9 प्रभु के संतो! प्रभु से डरो। जो लोग प्रभु से डरते हैं, उन्‍हें अभाव नहीं होता।
10 युवा सिंहों को घटी होती और उन्‍हें भूख लगती है; पर जो लोग प्रभु को खोजते हैं, उन्‍हें भली वस्‍तु का अभाव नहीं होता।
11 पुत्र-पुत्रियों! आओ! मेरी बात सुनो; मैं तुम्‍हें प्रभु की भक्‍ति करना सिखाऊंगा
12 वह कौन मनुष्‍य है जो जीवन की कामना करता है; जो दीर्घ आयु का इच्‍छुक है कि भलाई को देख सके?
13 अपनी जीभ को बुराई से दूर रखो, और ओंठों को छल-कपट से।
14 बुराई को छोड़ों, और भलाई करो; शांति को खोजो, और उसका अनुसरण करो।
15 प्रभु की आंखें धार्मिकों पर लगी हैं, और उसके कान उनकी दुहाई पर।
16 प्रभु का मुख बुराई करने वालों के विरुद्ध है। वह उनकी स्‍मृति को धरती से मिटा देगा।
17 जब धार्मिक मनुष्‍य दुहाई देते हैं तब प्रभु सुनता है; वह उनके संकट से उन्‍हें बचाता है।
18 प्रभु पश्‍चात्ताप करने वाले हृदय के निकट है; वह विदीर्ण आत्‍मा का उद्धार करता है।
19 धार्मिक मनुष्‍य के दु:ख अनेक हैं; तोभी प्रभु उन सब से उसे मुक्‍त करता है।
20 वह उसकी समस्‍त अस्‍थियों को सुरक्षित रखता है; उनमें से एक भी नहीं टूटेगी।
21 बुराई दुर्जन को नष्‍ट करेगी; जो लोग धार्मिक मनुष्‍य से घृणा करते हैं, वे दोषी ठहरेंगे।
22 प्रभु अपने सेवकों की आत्‍मा का उद्धार करता है; जो मनुष्‍य उसकी शरण में आते हैं, वे दोषी नहीं ठहरेंगे।