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Psalms 141

:
Hindi - CLBSI
1 हे प्रभु, मैं तुझको पुकारता हूं, शीघ्र ही मेरी सहायता कर। जब मैं तुझको पुकारूं, मेरी पुकार को ध्‍यान से सुन।
2 मेरी प्रार्थना तेरे सम्‍मुख सुगन्‍धित धूप, और मेरा हाथ जोड़ना सान्‍ध्‍य-बलि माना जाए!
3 हे प्रभु, मेरे मुंह पर पहरा बैठा; मेरे ओंठों के द्वार की रखवाली कर;
4 बुराई की ओर मेरे हृदय को झुकने दे। मेरा हृदय कुकर्मी जनों के साथ बुर्रे कर्मों में संलग्‍न हो; मैं उनके स्‍वादिष्‍ट भोजन को खाऊं!
5 यदि धार्मिक व्यक्‍ति करुणा से मुझे मारे, तो यह उसकी करुणा है; यदि वह मुझे ताड़ित करें, तो यह मेरे सिर का अभ्‍यंजन है; और मैं अपने सिर को नहीं हटाऊंगा। पर दुर्जनों के दुष्‍कर्मों के विरुद्ध मैं निरन्‍तर प्रार्थना करता रहूंगा।
6 जब वे अपने न्‍यायाधीशों को सौंप दिये जाएंगे; तब वे यह अनुभव करेंगे कि प्रभु का वचन सत्‍य है।
7 चट्टान के सदृश जिसको तोड़कर व्यक्‍ति भूमि पर बिखेर देता है, उनकी हड्डियां भी मृतक-लोक के मुख पर छितराई जाएंगी।
8 पर, हे प्रभु परमेश्‍वर, मेरी आंखें तुझ पर लगी हैं; मैं तेरी शरण में आया हूं; मुझे असुरक्षित छोड़।
9 जो फन्‍दा उन्‍होंने मेरे लिए लगाया है उससे, तथा कुकर्मियों के जाल से मेरी रक्षा कर।
10 दुर्जन अपने ही जालों में फंसें, पर मैं बच जाऊं।