Numbers 25
1 जब इस्राएली शिट्टीम नगर में बस गए, तब वे मोआबी लड़कियों के साथ व्यभिचार करने लगे।
2 लड़कियों ने इस्राएलियों को अपने देवताओं के बलिभोज में आमन्त्रित किया। इस्राएलियों ने बलि-भोज खाया और उनके देवताओं की झुककर वन्दना की।
3 इस प्रकार इस्राएली पओर के बअल देवता की पूजा के दासत्व में फंस गए। अत: प्रभु का क्रोध इस्राएलियों के विरुद्ध भड़क उठा।
4 प्रभु ने मूसा से कहा, ‘इस्राएलियों के सब मुखियों को ले, और मुझ-प्रभु के सम्मुख उन्हें धूप में लटका दे, जिससे मेरी क्रोधाग्नि इस्राएल से लौटकर दूर हो जाए।’
5 मूसा ने इस्राएलियों के शासकों से कहा, ‘तुम अपने उन सब पुरुषों का वध करो जो पओर के बअल देवता की पूजा के दासत्व में फंस गए हैं।’
6 जब इस्राएली समाज मिलन-शिविर के द्वार पर शोक मना रहा था, एक इस्राएली पुरुष आया। वह मूसा तथा समस्त मंडली की आंखों के सामने अपने परिवार में एक मिद्यानी स्त्री को ले आया।
7 जब पुरोहित हारून के पौत्र और एलआजर के पुत्र पीनहास ने यह देखा, तब वह मंडली के मध्य से उठा। उसने अपने हाथ में एक भाला लिया
8 और वह इस्राएली पुरुष के पीछे-पीछे शयन-कक्ष में गया। वहां उसने दोनों को, इस्राएली पुरुष तथा मिद्यानी स्त्री के शरीर को भाले से बेध दिया। इस प्रकार महामारी, जो इस्राएली समाज में फैल गई थी, रुक गई।
9 फिर भी महामारी में मारे गए लोगों की संख्या चौबीस हजार थी।
10 प्रभु मूसा से बोला,
11 ‘पुरोहित हारून के पौत्र और एलआजर के पुत्र पीनहास ने इस्राएली समाज पर से मेरे प्रकोप को लौटाकर दूर किया है। उन लोगों में वही एकमात्र ऐसा व्यक्ति है जिसमें मेरी ईष्र्या के समान ईष्र्या है। इसलिए मैंने अपनी ईष्र्यावश इस्राएलियों का अन्त नहीं किया।
12 तू उनसे कहना, “देखो, मैं उसे शान्ति का अपना विधान प्रदान करता हूं।
13 यह उसके लिए और उसके पश्चात् उसके वंशजों के लिए स्थायी पुरोहित-पद का विधान होगा; क्योंकि उसने अपने परमेश्वर के हेतु उत्साह दिखाया था, और इस्राएली लोगों के लिए प्रायश्चित्त किया था।” ’
14 उस वध किए गए इस्राएली पुरुष का नाम जिम्री था जिसका वध मिद्यानी स्त्री के साथ किया गया था। वह सालू का पुत्र और शिमोनी पितृ-कुल के एक परिवार का मुखिया था।
15 वध की गई मिद्यानी स्त्री का नाम कोज्बी था। वह सूर की पुत्री थी, जो मिद्यानी पितृ-कुल के एक गोत्र का मुखिया था।
16 प्रभु मूसा से बोला,
17 ‘मिद्यानियों को सता, उन्हें मार;
18 क्योंकि उन्होंने पओर के विषय में छल-कपट करके तुम्हें सताया था। उन्होंने अपनी जाति-बहिन, अर्थात् मिद्यान के मुखिया की पुत्री कोज्बी के विषय में छल-कपट किया था, जिसका वध पओर की पूजा के कारण फैली महामारी के दिन किया गया था।’