Bible

Engage

Your Congregation Like Never Before

Try RisenMedia.io Today!

Click Here

Joshua 11

:
Hindi - CLBSI
1 हासोर के राजा याबीन ने यह समाचार सुना। उसने मादोन नगर के राजा योबाब को, शिमरोन नगर के राजा और अक्‍शाफ नगर के राजा को,
2 उत्तर के पहाड़ी क्षेत्र के राजाओं, किन्नेरेत के दक्षिण में यर्दन नदी की घाटी के राजाओं, निचले भूमि-प्रदेश के राजाओं और दोर नगर के निकट पश्‍चिमी समुद्रतटीय राजाओं को दूत भेजे।
3 उसने यर्दन नदी के दोनों किनारों पर बसे कनानी लोगों को, एमोरी, हित्ती, परिज्‍जी और पहाड़ी यबूसी जाति के लोगों को, और मिस्‍पाह देश के हेर्मोन पहाड़ की तराई में रहनेवाले हिव्‍वी जाति के लोगों को भी दूत भेजे।
4 अत: वे अपनी-अपनी विशाल सेना के साथ, जिसके सैनिकों की संख्‍या सागर-तट के रेतकणों के सदृश थी, अपने नगरों से बाहर निकले। उनके साथ उनके घोड़े और रथ थे।
5 इन राजाओं ने अपनी सेनाओं को संयुक्‍त किया, और इस्राएलियों से युद्ध करने के लिए मेरोम के जलाशय पर पहुँचे। वहाँ उन्‍होंने पड़ाव डाला।
6 प्रभु ने यहोशुअ से कहा, ‘इनसे मत डर; क्‍योंकि मैं कल, इस समय तक, इस्राएलियों के कारण इनका वध कर चुका हूंगा। तू इनके घोड़ों को पंगु बना देना, इनके रथों में आग लगा देना।’
7 अत: यहोशुअ ने अपने सैनिकों के साथ याबीन की सम्‍मिलित सेना पर, मेरोम के जलाशय पर अचानक आक्रमण कर दिया। वह उन पर टूट पड़ा।
8 प्रभु ने उन्‍हें इस्राएलियों के अधिकार में कर दिया, और उन्‍होंने उत्तर दिशा में महा सीदीन तथा मिसरपोत-मयिम तक और पूर्व दिशा में मिस्‍पेह की घाटी तक उनका पीछा किया और उन्‍हें मारा। जब तक शत्रु-सेना का एक भी व्यक्‍ति जीवित नहीं बचा तब तक वे उन्‍हें मारते रहे।
9 जैसा प्रभु ने यहोशुअ से कहा था, वैसा ही उसने किया: उसने उनके घोड़ों के पैर के पिछले भाग की नस काटकर उन्‍हें पंगु बना दिया और उनके रथों में आग लगा दी।
10 तब यहोशुअ वापस लौटा, और उसने हासोर नगर पर अधिकार कर लिया। उसने उसके राजा को तलवार से मार डाला। उस समय उन राज्‍यों में हासोर एक प्रमुख राज्‍य था।
11 इस्राएलियों ने हासोर नगर में रहनेवाले सब प्राणियों को तलवार से मार डाला। उन्‍हें पूर्णत: नष्‍ट कर दिया। एक भी प्राणी जीवित नहीं बचा। तत्‍पश्‍चात् यहोशुअ ने नगर में आग लगा दी।
12 यहोशुअ ने उन राजाओं और उनके नगरों पर अधिकार कर लिया। जैसी आज्ञा प्रभु के सेवक मूसा ने उसे दी थी, उसके अनुसार उसने उनके निवासियों को तलवार से मार डाला, उन्‍हें पूर्णत: नष्‍ट कर दिया।
13 किन्‍तु हासोर नगर के अतिरिक्‍त जिसको यहोशुअ ने आग से भस्‍म कर दिया, इस्राएलियों ने उन नगरों में आग नहीं लगाई, जो टीलों पर स्‍थित थे।
14 इस्राएलियों ने इन नगरों की माल-सम्‍पत्ति और पशुओं को अपने लिए लूट लिया, पर मनुष्‍यों को तलवार से मार डाला; उन्‍हें नष्‍ट कर दिया। उन्‍होंने एक भी प्राणी जीवित नहीं छोड़ा।
15 प्रभु ने अपने सेवक मूसा को यह आज्ञा दी थी। मूसा ने यही आज्ञा यहोशुअ को दी और यहोशुअ ने इस आज्ञा के अनुसार कार्य किया। जो आज्ञाएँ प्रभु ने मूसा को दी थीं, यहोशुअ ने उन सब के अनुसार कार्य किया।
16 इस प्रकार यहोशुअ ने समस्‍त देश पर, पहाड़ी क्षेत्र, समस्‍त नेगेब प्रदेश, गोशेन प्रदेश, निचले भूमि-प्रदेश, यर्दन घाटी, इस्राएली क्षेत्र के पहाड़ी भाग और उसके निचले भूमि-प्रदेश पर अधिकार कर लिया।
17 उसके अधिकार-क्षेत्र की सीमा सेईर की ओर उठे हुए हालक पर्वत से हेर्मोन पहाड़ के दक्षिण में लबानोन की घाटी के बअल-गाद नगर तक थीं। यहोशुअ को अनेक दिन तक इन क्षेत्रों के राजाओं से युद्ध करना पड़ा। अन्‍त में उसने उन राजाओं को परास्‍त कर दिया, और उन्‍हें मार डाला, उनका वध कर दिया।
18
19 गिब्ओन नगर में रहने वाले हिव्‍वी जाति के लोगों के अतिरिक्‍त किसी भी नगर-राज्‍य ने इस्राएलियों से सुरक्षा का अभयदान नहीं मांगा था। अत: युद्ध में उन्‍हें पराजित होना पड़ा।
20 यह प्रभु का कार्य था; क्‍योंकि उसने उनका हृदय कठोर कर दिया था कि वे इस्राएलियों से युद्ध करने के लिए अपने नगर से बाहर निकलें, जिससे उनको पूर्णत: नष्‍ट किया जा सके; उन पर दया-दृष्‍टि नहीं की जा सके वरन् उन्‍हें धरती से मिटाया जा सके, जैसी प्रभु ने मूसा को आज्ञा दी थी।
21 उस समय यहोशुअ आया, और उसने हेब्रोन, दबीर और अनब नगरों के पहाड़ी क्षेत्रों में तथा यहूदा और इस्राएल प्रदेशों के पहाड़ी क्षेत्रों में रहनेवाले ऊंचे-ऊंचे अनक वंशियों का सफाया कर दिया। यहोशुअ ने उनके नगरों के साथ उन्‍हें पूर्णत: नष्‍ट कर दिया।
22 तब इस्राएल देश में अनक-वंशी नहीं रह गए। वे केवल गाजा, गत और अश्‍दोद नगरों में शेष रहे।
23 जैसा प्रभु मूसा से बोला था, उसके अनुसार यहोशुअ ने समस्‍त देश पर अधिकार कर लिया। उसने यह देश पैतृक अधिकार के लिए इस्राएली समाज को दे दिया। उसने उसको खण्‍डों में विभाजित किया, और प्रत्‍येक कुल को एक-एक खण्‍ड दे दिया। इस प्रकार युद्ध समाप्‍त हुआ, और देश को शान्‍ति मिली।