Isaiah 31
1 ओ इस्राएलियो, धिक्कार है तुम्हें! तुम मिस्र-देश से सहायता मांगने जाते हो; तुम उसकी अश्व-शक्ति का सहारा लेते हो। तुम्हें उसके रथों पर भरोसा है; क्योंकि उसके पास असंख्य रथ हैं। तुम्हें उसके घुड़सवारों पर विश्वास है; क्योंकि वे बहुत बलवान हैं। ओ इस्राएलियो, धिक्कार है तुम्हें! तुम इस्राएल के पवित्र परमेश्वर की ओर सहायता के लिए नहीं देखते; तुम प्रभु का मार्गदर्शन नहीं खोजते।
2 परन्तु प्रभु भी बुद्धिमान है; वह दुर्जनों को दु:ख देता है। वह अपने वचन से नहीं मुकरता है। वह दुर्जनों के गृह-कुल के विरुद्ध उठता है। वह उनको भी दण्डित करता है जो दुष्कर्मियों की सहायता करते हैं।
3 मिस्र निवासी मनुष्य हैं, ईश्वर नहीं। उनके घोड़े ‘हाड़-मांस’ हैं, आत्मा नहीं! प्रभु के हाथ उठाते ही सहायता करनेवाला औंधे मुंह गिर पड़ेगा; और जिसकी उसने सहायता की है, वह धराशायी हो जाएगा। यों दोनों एक साथ नष्ट हो जाएंगे।
4 प्रभु ने मुझ से यह कहा: “सिंह या सिंह-शावक अपने शिकार को दबोच कर गुर्राता है; और उसको भगाने के लिए अनेक चरवाहे बुलाए जाते हैं। वे हल्ला करते हैं, पर वह उनके हो-हल्ला से आतंकित नहीं होता; वह उनके शोर-गुल की परवाह नहीं करता। इसी प्रकार मैं-स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु सियोन पर्वत पर, उसकी पहाड़ी पर युद्ध करने के लिए नीचे आऊंगा।
5 जैसे पक्षी अपने घोंसले के चारों ओर मंडराकर अपने बच्चों की रक्षा करते हैं, वैसे ही मैं-स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यरूशलेम नगर की रक्षा करूंगा। मैं यरूशलेम की रक्षा कर उसको मुक्त करूंगा; मैं उसको नष्ट न होने दूंगा, मैं उसको बचाऊंगा।
6 ओ इस्राएलियो, जिसके प्रति तुमने भारी विद्रोह किया, उसकी ओर लौटो।
7 सोना-चांदी की मूर्तियां जिन को तुमने अपने लिए पूजा के उद्देश्य से अपने हाथों से गढ़ा, और यों पाप किया, उनको तुम उस दिन फेंक दोगे।
8 “असीरिया राष्ट्र तलवार से मौत के घाट उतारा जाएगा, पर यह तलवार मनुष्य की नहीं होगी! यह तलवार उसका पूर्ण संहार करेगी। असीरियाई सेना इस तलवार के कारण उसके सम्मुख से भागेगी; उसके सैनिक बन्दी होंगे, और वे बेगार करेंगे।
9 असीरिया का राजा आतंकित हो भाग जाएगा; प्रशासक भयाकुल हो राष्ट्र-पताका छोड़कर भाग जाएंगे।” जिसकी अग्नि-ज्वाला सियोन में है, जिसका अग्नि-कुण्ड यरूशलेम में है, उस प्रभु ने यह कहा है।