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Hosea 9

:
Hindi - CLBSI
1 इस्राएल, आनन्‍द मत मना, अन्‍य राष्‍ट्रों के समान आनन्‍दित मत हो। तूने अपने परमेश्‍वर को त्‍यागकर अन्‍य देवताओं के प्रति विश्‍वास प्रकट किया है। यों तूने वेश्‍यावृत्ति की। तूने सभी खलियानों में वेश्‍या की कमाई आनन्‍द से ली।
2 पर तू खलियान के अन्न से, अंगूर के कुण्‍ड से भी तृप्‍त होगा। नया अंगूर-रस भी तुझे तृप्‍त कर सकेगा।
3 तू मुझ-प्रभु के देश में रह सकेगा; एफ्रइम, तुझे मिस्र देश की गुलामी में लौटना होगा। तू असीरिया देश में अशुद्ध वस्‍तुएँ खाएगा।
4 इस्राएली लोग प्रभु को अंगूर-रस की पेयबलि चढ़ा सकेंगे। वे प्रभु को अपने बलि-पशुओं से प्रसन्न कर पाएंगे। उनकी रोटी शोक करनेवालों की रोटी बनेगी; जो व्यक्‍ति उसको खाएगा, वह अशुद्ध हो जाएगा। उनकी रोटी केवल भूख बुझाने के काम आएगी। उसे प्रभु के भवन में नहीं चढ़ाया जाएगा।
5 वे प्रभु के निर्धारित पर्व-दिन पर, अथवा यात्रा-पर्व के दिन क्‍या करेंगे?
6 देखो, वे विनाश से डरकर भाग रहे हैं। पर मिस्र देश उनको एकत्र करेगा, और मेमफिस नगर उनको दफनाएगा! बिच्‍छू पौधे उनकी चांदी की बहुमूल्‍य वस्‍तुओं के मालिक बनेंगे, कांटे उनके तम्‍बूओं पर अधिकार करेंगे!
7 दण्‍ड-दिवस समीप गए; प्रतिकार के दिन गए। इस्राएल इसका अनुभव करेगा। तुम्‍हारे महा अधर्म के कारण, तुम्‍हारी अत्‍यधिक घृणा के कारण नबी मूर्ख बन गया है, और जिस पुरुष पर आत्‍मा उतरता है, वह पागल हो गया है।
8 मेरे परमेश्‍वर के निज लोगों का, एफ्रइम का प्रहरी है नबी! पर उसके मार्ग पर बहेलिए का जाल बिछाया गया। उसके परमेश्‍वर के भवन में घृणा फैलाई गई।
9 गिबआ नगर के दिनों में जैसे उन्‍होंने स्‍वयं को भ्रष्‍ट किया था, वैसे ही उन्‍होंने आज बहुत भ्रष्‍टाचार किया है। प्रभु उनके अधर्म को स्‍मरण करेगा, वह उनके पाप-कर्म के लिए उन्‍हें दण्‍ड देगा।
10 निर्जन प्रदेश में अंगूर के समान मैंने इस्राएल को पाया था; अंजीर के वृक्ष पर, उसके मौसम पर प्रथम फल के सदृश मैंने तुम्‍हारे पूर्वजों को देखा था। जब वे बअल-पओर नगर में आए तब उन्‍होंने बअल के सम्‍मुख स्‍वयं को अर्पित कर दिया। जिस घृणित देवता से उन्‍होंने प्रेम किया, वे उसी के समान स्‍वयं घृणित बन गए!
11 एफ्रइम का वैभव पक्षी के समान उड़ जाएगा; स्‍त्रियों को सन्‍तान होगी, गर्भधारण होगा और गर्भ रहेगा।
12 यदि एफ्रइम-निवासी अपने पुत्र-पुत्रियों का पालन-पोषण कर उन्‍हें बड़ा करने का प्रयत्‍न करेंगे, तो मैं उनके पुत्र-पुत्रियों को बालिग बनने के पूर्व ही समाप्‍त कर दूंगा। जब मैं उनके पास से चला जाऊंगा, उनकी दशा दयनीय होगी!
13 सिंह के बच्‍चे केवल शिकार बनने के लिए अपनी मांद से बाहर निकलते हैं। ऐसे ही एफ्रइम भी केवल वध के लिए अपने बच्‍चों का पालन कर रहा है।
14 हे प्रभु, उनको दे..! पर क्‍या देगा तू उन्‍हें? गर्भपात करनेवाले गर्भाशय, और सूखे स्‍तन!
15 उनके कुकर्मों का आरम्‍भ गिलगाल नगर में हुआ था, वहाँ से ही मैं उनसे घृणा करने लगा था। मैं उनके कुकर्मों के कारण अपने निवास से उन्‍हें निकाल दूंगा। मैं उनसे फिर प्रेम नहीं करूंगा। उनके सब शासक विद्रोही हैं।
16 एफ्रइम का वृक्ष कट गया, उसकी जड़ें सूख गईं। अब उसमें फल नहीं लगेगा। यदि एफ्रइम सन्‍तान उत्‍पन्न करेगा भी तो मैं उसके गर्भ के प्रिय फलों का नाश कर दूंगा।
17 एफ्रइम ने मेरे परमेश्‍वर की बात नहीं सुनी: अत: वह उसको अपने देश से निकाल देगा; वह एक राष्‍ट्र से दूसरे राष्‍ट्र में भटकता रहेगा।