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Hosea 3

:
Hindi - CLBSI
1 प्रभु ने मुझे यह आदेश दिया, ‘पुन: जा, और प्रेम कर उस परकीया और व्‍यभिचारिणी स्‍त्री से, जैसे मैं-प्रभु भी इस्राएली लोगों से प्रेम करता हूं; यद्यपि वे अन्‍य देवताओं की ओर उन्‍मुख हो उनकी पूजा करते हैं, और किशमिश की रोटियाँ पसन्‍द करते हैं जो मूर्तियों के सम्‍मुख चढ़ाई जाती है।’
2 अत: मैंने चांदी के पन्‍द्रह सिक्‍कों, और डेढ़ सौ किलो जौ में उसको पुन: प्राप्‍त किया।
3 मैंने उससे यह कहा, ‘तुम्‍हें बहुत दिन तक मेरी बन कर रहना होगा। तुम वेश्‍यावृत्ति नहीं करोगी। तुम परपुरुष से सहवास नहीं करोगी; मैं भी तुम्‍हारे साथ ऐसा ही व्‍यवहार करूंगा।’
4 इसी प्रकार इस्राएली बहुत दिनों तक बिना राजा के निवास करेंगे। उनका कोई शासक होगा, और वे बलि चढ़ा सकेंगे। उनके पूजा-स्‍तम्‍भ होंगे, और एपोद और गृह-देवताओं की मूर्तियाँ।
5 तत्‍पश्‍चात् इस्राएली लौटेंगे, और अपने प्रभु परमेश्‍वर तथा अपने राजा दाऊद को खोजेंगे। वे प्रभु की आशिष के लिए, जो वह आनेवाले दिनों में उन्‍हें देगा, भय से कांपते हुए प्रभु के पास आएंगे।