Hosea 1
1 यहूदा प्रदेश के राजाओं उज्जियाह, योताम, आहाज और हिजकियाह के राज्य-काल में तथा इस्राएल प्रदेश के राजा यारोबआम बेन-योआश के राज्य-काल में प्रभु के सन्देश होशे बेन-बएरी को मिले थे।
2 प्रभु का सन्देश होशे के माध्यम से यों आरम्भ हुआ: प्रभु ने होशे को आदेश दिया, ‘जा, किसी वेश्या स्त्री से विवाह कर और उससे सन्तान उत्पन्न कर। यह सन्तान भी अपनी मां के समान निष्ठावान नहीं होगी। इस देश ने मुझ-प्रभु का अनुसरण करना छोड़ दिया है, और यह अन्य देवताओं की पूजा करने लगा है। यह देश वेश्या के समान मेरे प्रति निष्ठावान नहीं रहा।’
3 अत: होशे गया। उसने गोमेर नामक स्त्री से विवाह किया। उसके पिता का नाम दिब्लाइम था। गोमेर गर्भवती हुई। उसने एक पुत्र को जन्म दिया।
4 प्रभु ने होशे से यह कहा: ‘तू अपने पुत्र का नाम यिज्रएल रख; क्योंकि कुछ समय पश्चात् मैं राजा येहू के परिवार को यिज्रएल घाटी में बहाए गए रक्त के लिए दण्ड दूंगा। मैं इस्राएल वंश के राज्य का अंत करूंगा।
5 उस दिन मैं यिज्रएल घाटी में इस्राएल-राज्य की शक्ति को, उसके धनुष को तोड़ूंगा।’
6 गोमेर पुन: गर्भवती हुई। उसने एक पुत्री को जन्म दिया। प्रभु ने होशे से यह कहा, ‘तू पुत्री का नाम लो-रूहामाह रख, क्योंकि मैं फिर कभी इस्राएल वंश पर दया नहीं करूंगा; उसे कदापि क्षमा नहीं करूंगा।
7 पर मैं यहूदा वंश पर दया करूंगा। मैं उसको मुक्त करूंगा; धनुष से नहीं, तलवार से नहीं, युद्ध से नहीं, अश्व से नहीं, घुड़सवार सैनिकों से नहीं, वरन् मैं स्वयं, उसका प्रभु परमेश्वर, उसे मुक्त करूंगा।’
8 लो-रूहामाह का दूध छुड़ाने के पश्चात् गोमेर गर्भवती हुई। उसने एक पुत्र को जन्म दिया।
9 प्रभु ने होशे से यह कहा, ‘तू पुत्र का नाम लो-अम्मी रख; क्योंकि तुम अब मेरे निज लोग नहीं रहे, और न मैं तुम्हारा परमेश्वर रहा।’
10 इस्राएली राष्ट्र की जनसंख्या सागर-तट के रेत कणों के सदृश असंख्य हो जाएगी, जिनको न मापा जा सकता है और न जिनकी गणना ही की जा सकती है। जिस स्थान में उनको ‘लो-अम्मी’ अर्थात् ‘मेरे लोग नहीं’ कहा गया था, वही उन्हें कहा जाएगा, ‘जीवित परमेश्वर की संतान’।
11 यहूदा प्रदेश के निवासी, और इस्राएल प्रदेश के निवासी परस्पर संगठित होंगे; वे अपने लिए एक नेता को नियुक्त करेंगे; तत्पश्चात् वे इस देश में ऊंचे उठते जाएंगे। यिज्रएल का वह दिन, महा दिवस होगा।