Amos 7
1 स्वामी प्रभु ने मुझे यह दृश्य दिखाया: जब राजा के चारे की फसल के बाद रबी फसल में अंकुर फूटने लगे, तब टिड्डी-दल उन पर छा गया।
2 जब टिड्डियाँ भूमि की घास-पात को चट कर गई तब मैंने कहा, ‘ओ स्वामी-प्रभु! कृपया क्षमा कर। इस विनाश के बाद याकूब कैसे खड़ा हो सकेगा? वह बहुत छोटा है।’
3 विनाश के सम्बन्ध में प्रभु को पश्चात्ताप हुआ। स्वामी-प्रभु ने कहा, ‘अब ऐसा न होगा।’
4 स्वामी-प्रभु ने मुझे यह दृश्य दिखाया: मैंने देखा कि प्रभु दण्ड देने के लिए आग को बुला रहा है। आग ने अतल सागर को सुखा दिया। तब वह भूमि को भस्म करने लगी।
5 मैंने कहा, ‘ओ स्वामी-प्रभु! कृपया, दण्ड देना रोक दे। इस विनाश के बाद याकूब कैसे खड़ा हो सकेगा? वह बहुत छोटा है।’
6 विनाश के सम्बन्ध में प्रभु को पश्चात्ताप हुआ। स्वामी-प्रभु ने कहा, ‘अब यह भी न होगा।’
7 स्वामी-प्रभु ने मुझे यह दृश्य दिखाया: मैंने देखा कि स्वामी एक ऊंची दीवार के पास खड़ा है। उसके हाथ में साहुल है।
8 प्रभु ने मुझसे पूछा, ‘आमोस, तू क्या देख रहा है?’ मैंने उत्तर दिया, ‘एक साहुल।’ तब स्वामी ने कहा, ‘देख, मैं अपने निज लोग इस्राएल की सीधाई नापने के लिए साहुल लगाऊंगा। अब मैं उन्हें बिना दण्ड दिए नहीं छोड़ूंगा।
9 इसहाक की पहाड़ी शिखर की वेदियाँ उजड़ जाएंगी। इस्राएल के पवित्र स्थान खण्डहर बन जाएंगे। मैं हाथ में तलवार ले यारोबआम राजवंश के विरुद्ध खड़ा होऊंगा।’
10 बेत-एल की वेदी के पुरोहित अमस्याह ने राजा यारोबआम के पास यह सन्देश भेजा, ‘आमोस आपके विरुद्ध इस्राएल प्रदेश के लोगों में षड्यन्त्र रच रहा है। अब देश उसके शब्दों को और अधिक नहीं सह सकता।
11 आमोस यों कहता है: “यारोबआम तलवार से मृत्यु के घाट उतारा जाएगा। इस्राएली निस्सन्देह अपने देश से निष्कासित होंगे।” ’
12 अमस्याह ने आमोस से कहा, ‘द्रष्टा, अपना प्राण बचाकर यहूदा प्रदेश भाग जा। वहीं अपना गुजारा करना और वहीं नबूवत करना।
13 बेत-एल की वेदी राज-वेदी है। यह इस्राएल राज्य का राज्य-मन्दिर है। यहाँ फिर कभी नबूवत मत करना।’
14 आमोस ने अमस्याह को यह उतर दिया, ‘न तो मैं नबी था, और न नबी का पुत्र मैं मात्र एक चरवाहा था, और गूलर वृक्षों के फल इकट्ठा कर उन्हें बेचता था।
15 मैं रेवड़ को चराता था। प्रभु ने मुझे अपना नबी बनाने के लिए वहां से चुना। उसने मुझे यह आदेश दिया, “जा, मेरे लोग इस्राएलियों का नबी बन।”
16 ‘अब तुम प्रभु का यह संदेश सुनो: तुमने मुझसे यह कहा कि मैं इस्राएलियों को नबूवत नहीं सुनाऊं, मैं इसहाक वंशियों के विरुद्ध प्रवचन नहीं सुनाऊं।
17 अत: प्रभु यों कहता है: तेरी पत्नी इस नगर में वेश्या बनेगी। तेरे पुत्रों और पुत्रियों का तलवार से वध किया जाएगा। तेरी भूमि को डोरी से नापकर आपस में बांट लिया जाएगा। तू स्वयं अपवित्र देश में मरेगा। इस्राएली निस्सन्देह अपने देश से निष्कासित होंगे।” ’