Amos 6
1 ‘धिक्कार है तुम्हें, ओ राष्ट्रों के प्रमुख इस्राएली राष्ट्र के नेताओ! तुम्हारे ही पास इस्राएली जनता न्याय के लिए आती है; पर तुम सियोन पर्वत पर निश्चिंत निवास करते हो; तुम्हें सामरी पहाड़ पर सुरक्षा का भरोसा है।
2 कलनेह नगर को जाओ, और उसको देखो, और वहाँ से महानगर हमात को। तत्पश्चात् पलिश्ती देश के गत नगर को जाओ क्या तुम इन नगर-राज्यों से श्रेष्ठ हो? क्या तुम्हारी राज्य-सीमाएं इन राज्यों की सीमाओं से बड़ी हैं?
3 तुम जनता से कहते हो, ‘दुर्दिन बहुत दूर हैं’; यों तुम हिंसा का शासन समीप ला रहे हो।
4 ‘धिक्कार है तुम्हें, ओ हाथी दांत के पलंग पर सोनेवालो! शय्या पर आराम से पांव फैलाकर लेटनेवालो! भेड़शाला के मेमनों का कोमल मांस खानेवालो! पशुशाला के बछड़ों का मांस खानेवालो!
5 तुम सारंगी की तान पर नए-नए गीत रचते हो। दाऊद के समान नए-नए बाजों का आविष्कार करते हो।
6 तुम प्याले-पर-प्याला शराब पीते हो; और सर्वोत्तम तेल से सिर की मालिश कराते हो! पर तुम्हें यूसुफ वंश के विनाश का कुछ भी दु:ख नहीं।
7 अत: तुम सबसे पहले अपने देश से निष्कासित होगे; पैर फैलाकर रंगरलियां मनानेवालो, तुम्हारी रंगरलियां समाप्त हो जाएंगी!
8 स्वयं स्वामी प्रभु ने अपनी शपथ खाई है। स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु परमेश्वर यों कहता है: ‘मैं याकूब की अहं-भावना से नफरत करता हूं। मैं उसके महलों से घृणा करता हूं। मैं सामरी नगर और उसका सब कुछ शत्रु के हाथ में सौंप दूंगा।’
9 यदि किसी परिवार में दस पुरुष शेष बचेंगे, तो वे भी मारे जाएंगे।
10 मृतक पुरुष का चाचा और शव पर मसाला लगानेवाला उसको उठाएंगे, और गाड़ने के लिए घर से बाहर ले जाएंगे। वे घर के कोने में छिपे हुए व्यक्ति से पूछेंगे, ‘क्या वहां और है?’ वह उत्तर देगा, ‘नहीं।’ वह आगे कहेगा, ‘चुप रहो! क्योंकि प्रभु का नाम उच्चारित नहीं होना चाहिए।’
11 देखो, प्रभु के आदेश से ऊंचे भवन ध्वस्त हो जाते हैं, और छोटे मकान टुकड़े-टुकड़े।
12 क्या घोड़े चट्टानों पर दौड़ते हैं? क्या बैलों से समुद्र पर हल चलाया जाता है? परन्तु तुमने न्याय-व्यवस्था को जहर, और धर्म को चिरायता-सा कड़ुवा बना दिया है।
13 तुम व्यर्थ ही प्रसन्न हो रहे हो, और अहंकार में डूबे हुए यह कह रहे हो, ‘हमने अपने बल से करनईम नगर जीता है।’
14 ‘ओ इस्राएल! मैं तेरे विरुद्ध एक राष्ट्र को खड़ा करूंगा। वह तुझे हमात नगर के प्रवेश द्वार से अराबा घाटी के मार्ग तक तंग करेगा।’ स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु परमेश्वर ने यह कहा है।