Bible

Connect

With Your Congregation Like Never Before

Try RisenMedia.io Today!

Click Here

Job 7

:
Hindi - IRV
1 “क्या मनुष्य को पृथ्वी पर कठिन सेवा करनी नहीं पड़ती? क्या उसके दिन मजदूर के से नहीं होते?
2 जैसा कोई दास छाया की अभिलाषा करे, या मजदूर अपनी मजदूरी की आशा रखे;
3 वैसा ही मैं अनर्थ के महीनों का स्वामी बनाया गया हूँ, और मेरे लिये क्लेश से भरी रातें ठहराई गई हैं।
4 जब मैं लेट जाता, तब कहता हूँ, ‘मैं कब उठूँगा?’ और रात कब बीतेगी? और पौ फटने तक छटपटाते-छटपटाते थक जाता हूँ।
5 मेरी देह कीड़ों और मिट्टी के ढेलों से ढकी हुई है #; मेरा चमड़ा सिमट जाता, और फिर गल जाता है।
6 मेरे दिन जुलाहे की ढरकी से अधिक फुर्ती से चलनेवाले हैं और निराशा में बीते जाते हैं।
7 याद कर # कि मेरा जीवन वायु ही है; और मैं अपनी आँखों से कल्याण फिर देखूँगा।
8 जो मुझे अब देखता है उसे मैं फिर दिखाई दूँगा; तेरी आँखें मेरी ओर होंगी परन्तु मैं मिलूँगा।
9 जैसे बादल छटकर लोप हो जाता है, वैसे ही अधोलोक में उतरनेवाला फिर वहाँ से नहीं लौट सकता;
10 वह अपने घर को फिर लौट आएगा, और अपने स्थान में फिर मिलेगा।
11 “इसलिए मैं अपना मुँह बन्द रखूँगा; अपने मन का खेद खोलकर कहूँगा; और अपने जीव की कड़वाहट के कारण कुड़कुड़ाता रहूँगा।
12 क्या मैं समुद्र हूँ, या समुद्री अजगर हूँ, कि तू मुझ पर पहरा बैठाता है?
13 जब जब मैं सोचता हूँ कि मुझे खाट पर शान्ति मिलेगी, और बिछौने पर मेरा खेद कुछ हलका होगा;
14 तब-तब तू मुझे स्वप्नों से घबरा देता, और दर्शनों से भयभीत कर देता है;
15 यहाँ तक कि मेरा जी फांसी को, और जीवन से मृत्यु को अधिक चाहता है।
16 मुझे अपने जीवन से घृणा आती है; मैं सर्वदा जीवित रहना नहीं चाहता। मेरा जीवनकाल साँस सा है, इसलिए मुझे छोड़ दे।
17 मनुष्य क्या है कि तू उसे महत्त्व दे #, और अपना मन उस पर लगाए,
18 और प्रति भोर को उसकी सुधि ले, और प्रति क्षण उसे जाँचता रहे?
19 तू कब तक मेरी ओर आँख लगाए रहेगा, और इतनी देर के लिये भी मुझे छोड़ेगा कि मैं अपना थूक निगल लूँ?
20 हे मनुष्यों के ताकनेवाले, मैंने पाप तो किया होगा, तो मैंने तेरा क्या बिगाड़ा? तूने क्यों मुझ को अपना निशाना बना लिया है, यहाँ तक कि मैं अपने ऊपर आप ही बोझ हुआ हूँ?
21 और तू क्यों मेरा अपराध क्षमा नहीं करता? और मेरा अधर्म क्यों दूर नहीं करता? अब तो मैं मिट्टी में सो जाऊँगा, और तू मुझे यत्न से ढूँढ़ेगा पर मेरा पता नहीं मिलेगा।”