Bible

Upgrade

Your Church Presentations in Minutes

Try RisenMedia.io Today!

Click Here

Revelation 15

:
Hindi - HSB
1 तब मैंने स्वर्ग में एक और बड़ा तथा अद्भुत चिह्‍न देखा: सात स्वर्गदूत सात अंतिम विपत्तियाँ लिए हुए थे, क्योंकि इनके साथ ही परमेश्‍वर का प्रकोप भी समाप्‍त हो जाएगा।
2 फिर मैंने अग्‍नि-मिश्रित काँच के समुद्र जैसा कुछ देखा, और जो लोग उस पशु पर और उसकी मूर्ति पर तथा उसके नाम की संख्या पर जयवंत हुए थे, वे उस काँच के समुद्र पर परमेश्‍वर की वीणाएँ लिए हुए खड़े थे।
3 वे परमेश्‍वर के दास मूसा का गीत और मेमने का गीत गा रहे थे: “हे सर्वशक्‍तिमान प्रभु परमेश्‍वर! तेरे कार्य महान और अद्भुत हैं। हे जाति-जाति के राजा! तेरे मार्ग न्यायसंगत और सच्‍चे हैं।
4 हे प्रभु! कौन तुझसे डरेगा और तेरे नाम की महिमा करेगा? क्योंकि केवल तू ही पवित्र है। सब जातियाँ आएँगी और तेरे सामने दंडवत् करेंगी, क्योंकि तेरे न्याय के कार्य प्रकट हो गए हैं।”
5 इन बातों के बाद मैंने देखा कि स्वर्ग में साक्षी का तंबू अर्थात् मंदिर खोला गया,
6 और वे सातों स्वर्गदूत जिनके पास सात विपत्तियाँ थीं, मलमल के स्वच्छ और चमकीले वस्‍त्र पहने और छाती के चारों ओर सोने की पट्टियाँ बाँधे हुए मंदिर से निकले।
7 तब उन चारों प्राणियों में से एक ने उन सातों स्वर्गदूतों को युगानुयुग जीवित परमेश्‍वर के प्रकोप से भरे सोने के सात कटोरे दिए।
8 तब परमेश्‍वर की महिमा और उसके सामर्थ्य के कारण मंदिर धुएँ से भर गया, और जब तक सातों स्वर्गदूतों की सातों विपत्तियाँ समाप्‍त हुईं तब तक मंदिर में कोई भी प्रवेश कर सका।