Galatians 6
1 हे भाइयो, यदि कोई मनुष्य किसी अपराध में पकड़ा भी जाए, तो तुम जो आत्मिक हो नम्रतापूर्वक उसे सुधारो, परंतु स्वयं चौकस रहो कि कहीं तुम भी परीक्षा में न पड़ जाओ।
2 एक दूसरे का बोझ उठाओ और इस प्रकार तुम मसीह की व्यवस्था को पूर्ण करोगे।
3 क्योंकि यदि कोई व्यक्ति कुछ न होने पर भी अपने को कुछ समझता है तो वह अपने आपको धोखा देता है।
4 प्रत्येक व्यक्ति अपने ही कार्य को परखे और तब उसे किसी दूसरे पर नहीं बल्कि स्वयं पर ही गर्व होगा;
5 क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति अपना ही बोझ उठाएगा।
6 जो वचन की शिक्षा प्राप्त करता है, वह अपने शिक्षक को सब अच्छी वस्तुओं में सहभागी बनाए।
7 धोखा न खाओ, परमेश्वर ठट्ठों में नहीं उड़ाया जाता। मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा;
8 क्योंकि जो अपने शरीर के लिए बोता है वह शरीर से विनाश की कटनी काटेगा, परंतु जो आत्मा के लिए बोता है वह आत्मा से अनंत जीवन की कटनी काटेगा।
9 हम भलाई करने में निरुत्साहित न हों, क्योंकि यदि हम शिथिल न पड़ें तो उचित समय पर कटनी काटेंगे।
10 इसलिए अब जब भी अवसर मिले तो हम सब के साथ भलाई करें, विशेषकर विश्वास के घराने के साथ।
11 देखो, मैंने कैसे बड़े-बड़े अक्षरों में तुम्हें अपने हाथों से लिखा है।
12 जो लोग शारीरिक दिखावा चाहते हैं, वे तुम्हें ख़तना कराने के लिए विवश करते हैं, केवल इसलिए कि मसीह के क्रूस के कारण उन्हें सताव न सहना पड़े।
13 क्योंकि ख़तनावाले स्वयं तो व्यवस्था का पालन नहीं करते, परंतु तुम्हारा ख़तना इसलिए कराना चाहते हैं कि तुम्हारी शारीरिक दशा पर घमंड करें।
14 परंतु ऐसा कभी न हो कि मैं हमारे प्रभु यीशु मसीह के क्रूस को छोड़ किसी और बात पर घमंड करूँ, जिसके द्वारा संसार मेरे प्रति क्रूस पर चढ़ाया जा चुका है और मैं संसार के प्रति।
15 क्योंकि न तो ख़तने का कुछ महत्त्व है और न बिना ख़तने का, परंतु केवल नई सृष्टि का।
16 जितने इस नियम पर चलेंगे, उन पर और परमेश्वर के इस्राएल पर शांति और दया होती रहे।
17 अब से मुझे कोई दुःख न दे, क्योंकि मैं यीशु के दागों को अपनी देह में लिए फिरता हूँ।
18 हे भाइयो, हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह तुम्हारी आत्मा के साथ बना रहे। आमीन।