Bible

Elevate

Your Sunday Morning Worship Service

Try RisenMedia.io Today!

Click Here

Colossians 4

:
Hindi - HSB
1 हे स्वामियो, अपने दासों से न्यायसंगत और उचित व्यवहार करो, क्योंकि तुम जानते हो कि स्वर्ग में तुम्हारा भी एक स्वामी है।
2 प्रार्थना में लगे रहो, धन्यवाद के साथ उसमें जागृत रहो।
3 साथ ही हमारे लिए भी प्रार्थना करते रहो कि परमेश्‍वर हमारे लिए वचन सुनाने का ऐसा द्वार खोले कि मसीह के उस भेद को बता सकें, जिसके कारण मैं बंदी भी बनाया गया हूँ,
4 और उसे ऐसे प्रकट करूँ जैसे मुझे करना चाहिए।
5 अवसर का सदुपयोग करते हुए बाहरवालों के साथ बुद्धिमानी से व्यवहार करो।
6 तुम्हारी बातचीत सदा अनुग्रह के साथ और सलोनी हो ताकि तुम जान जाओ कि हर एक को कैसे उत्तर देना चाहिए।
7 प्रभु में प्रिय भाई और विश्‍वासयोग्य सेवक तथा संगी दास तुखिकुस तुम्हें मेरे विषय में सब बता देगा।
8 मैंने उसे तुम्हारे पास इसी लिए भेजा है कि तुम हमारे विषय में जान लो और वह तुम्हारे मनों को प्रोत्साहित करे
9 उसके साथ विश्‍वासयोग्य और प्रिय भाई उनेसिमुस भी है जो तुम्हीं में से है। वे तुम्हें यहाँ की सारी बातें बता देंगे।
10 मेरा साथी बंदी अरिस्तर्खुस तुम्हें नमस्कार कहता है और मरकुस भी जो बरनाबास का संबंधी है (जिसके विषय में तुम्हें आज्ञा मिली है कि यदि वह तुम्हारे पास आए तो तुम उसका स्वागत करना),
11 और यीशु भी जो यूस्तुस कहलाता है। ख़तना किए हुओं में से केवल ये ही परमेश्‍वर के राज्य के लिए मेरे सहकर्मी हैं, और मेरी सांत्वना का कारण बने हैं।
12 इपफ्रास, जो तुममें से है और मसीह यीशु का दास है, तुम्हें नमस्कार कहता है। वह अपनी प्रार्थनाओं में तुम्हारे लिए सदा संघर्ष करता है कि तुम परिपक्‍व और परमेश्‍वर की संपूर्ण इच्छा पर आश्‍वस्त होकर स्थिर रहो।
13 मैं उसकी साक्षी देता हूँ कि वह तुम्हारे लिए और जो लौदीकिया और हियरापुलिस में हैं उनके लिए बहुत परिश्रम करता है।
14 प्रिय वैद्य लूका और देमास तुम्हें नमस्कार कहते हैं।
15 लौदीकिया के भाइयों को और नुमफास तथा उसके घर की कलीसिया को नमस्कार कहना।
16 जब यह पत्र तुम्हारे बीच पढ़ा जाए तो ऐसा करना कि इसे लौदीकिया की कलीसिया में भी पढ़ा जाए, और जो पत्र लौदीकिया से आए उसे भी तुम पढ़ना।
17 अरखिप्पुस से कहना, “ध्यान दे कि जो सेवा तुझे प्रभु में सौंपी गई है, उसे तू पूरा करे।”
18 मुझ पौलुस का अपने हाथ से लिखा हुआ नमस्कार। मेरी बेड़ियों को स्मरण रखना। तुम पर अनुग्रह होता रहे। आमीन।