Bible

Create

Inspiring Presentations Without Hassle

Try Risen Media.io Today!

Click Here

2 Corinthians 6

:
Hindi - HSB
1 हम परमेश्‍वर के सहकर्मी होने के नाते यह आग्रह भी करते हैं कि तुम पर जो परमेश्‍वर का अनुग्रह हुआ, उसे व्यर्थ जाने दो।
2 क्योंकि वह कहता है: उचित समय पर मैंने तेरी सुन ली, और उद्धार के दिन मैंने तेरी सहायता की। देख, अभी है वह उचित समय। देख, आज है वह उद्धार का दिन।
3 हम किसी के लिए ठोकर का कारण नहीं बनते, ऐसा हो कि हमारी सेवा पर कोई दोष लगे,
4 बल्कि हम हर बात में परमेश्‍वर के सेवकों के समान अपने आपको प्रस्तुत करते हैं, अर्थात् बड़े धीरज के साथ क्लेशों में, अभावों में, संकटों में,
5 मार खाने में, बंदी होने में, उपद्रवों में, परिश्रम में, जागते रहने में, भूखे रहने में,
6 हम पवित्रता से, ज्ञान से, सहनशीलता से, दयालुता से, पवित्र आत्मा से, सच्‍चे प्रेम से,
7 सत्य के वचन से, परमेश्‍वर के सामर्थ्य से, और धार्मिकता के हथियारों को दाहिने और बाएँ हाथों में लेकर,
8 आदर और निरादर में, बदनामी और सम्मान में अपने आपको प्रस्तुत करते हैं। हम भरमानेवाले समझे जाते हैं फिर भी सच्‍चे हैं,
9 अनजान समझे जाते हैं फिर भी हमें सब जानते हैं, मरते हुए समझे जाते हैं फिर भी देखो जीवित हैं, मार खानेवाले समझे जाते हैं फिर भी जान से मारे नहीं जाते,
10 शोक मनानेवाले समझे जाते हैं फिर भी सदैव आनंद मनाते हैं, कंगाल समझे जाते हैं फिर भी बहुतों को धनी बना देते हैं, ऐसे समझे जाते हैं मानो हमारे पास कुछ नहीं फिर भी हमारे पास सब कुछ है।
11 हे कुरिंथियो, हमने खुलकर तुमसे बातें की हैं, हमारा हृदय खुला हुआ है।
12 तुम्हारे संकोच का कारण हम नहीं हैं, परंतु तुम अपने ही मनों में संकोच करते हो।
13 इसके बदले तुम भी अपने हृदय खोल दो; मैं तुम्हें अपने बच्‍चे जानकर यह कहता हूँ।
14 अविश्‍वासियों के साथ असमान जुए में जुतो, क्योंकि धार्मिकता और अधर्म का क्या मेल? या ज्योति की अंधकार से क्या सहभागिता?
15 और मसीह का बलियाल से क्या तालमेल? या विश्‍वासी का अविश्‍वासी के साथ क्या साझा?
16 और मूर्तियों के साथ परमेश्‍वर के मंदिर की क्या सहमति? क्योंकि हम तो जीवित परमेश्‍वर का मंदिर हैं; जैसा कि परमेश्‍वर ने कहा है: मैं उनमें वास करूँगा और उनके मध्य चला-फिरा करूँगा। मैं उनका परमेश्‍वर होऊँगा, और वे मेरे लोग होंगे।
17 फिर प्रभु यह कहता है: इसलिए उनके बीच में से निकल आओ और अलग हो जाओ, जो अशुद्ध है उसे मत छुओ, तो मैं तुम्हें ग्रहण करूँगा;
18 और मैं तुम्हारा पिता होऊँगा, और तुम मेरे पुत्र और पुत्रियाँ होगे। सर्वशक्‍तिमान प्रभु यह कहता है।