Bible

Designed

For Churches, Made for Worship

Try RisenMedia.io Today!

Click Here

2 Corinthians 5

:
Hindi - HSB
1 हम जानते हैं कि जब हमारा पृथ्वी पर का तंबू रूपी घर गिराया जाएगा, तो स्वर्ग में हमें परमेश्‍वर से ऐसा भवन अर्थात् अनंत घर मिलेगा जो हाथों से बना हुआ नहीं होगा।
2 इस घर में हम कराहते हैं और लालसा करते हैं कि अपने स्वर्गीय घर को पहन लें,
3 और यदि हम उसे पहनते हैं तो नग्‍न नहीं पाए जाएँगे।
4 वास्तव में इस तंबू में रहते हुए हम बोझ से दबे कराहते हैं, क्योंकि हम निर्वस्‍त्र होना नहीं बल्कि धारण करना चाहते हैं ताकि जो मरणशील है वह जीवन के द्वारा निगल लिया जाए।
5 अब जिसने हमें इस बात के लिए तैयार किया है वह परमेश्‍वर है, और उसी ने बयाने में हमें अपना आत्मा दिया है।
6 अतः हम सदा साहस रखते हैं और यह भी जानते हैं कि जब तक हम देह रूपी घर में रहते हैं, प्रभु से दूर हैं,
7 क्योंकि हम रूप देखकर नहीं, बल्कि विश्‍वास से चलते हैं।
8 इसलिए हम साहस रखते हैं और देह से अलग होकर प्रभु के साथ रहना और भी उत्तम समझते हैं।
9 इस कारण हमारी अभिलाषा यह है कि हम चाहे साथ रहें या अलग, उसे भाते रहें।
10 क्योंकि हम सब को मसीह के न्यायासन के सामने उपस्थित होना अवश्य है ताकि प्रत्येक को अपने उन भले या बुरे कार्यों का प्रतिफल मिले जो उसने देह के द्वारा किए हैं।
11 अतः हम प्रभु का भय मानते हुए लोगों को समझाते हैं, परंतु परमेश्‍वर के सामने हमारी दशा स्पष्‍ट है और मैं आशा करता हूँ कि तुम्हारे विवेक में भी स्पष्‍ट होगी।
12 हम तुम्हारे सामने फिर से अपनी प्रशंसा नहीं कर रहे हैं बल्कि तुम्हें हम पर गर्व करने का अवसर दे रहे हैं ताकि तुम उन्हें उत्तर दे सको जो मन पर नहीं बल्कि दिखावे पर घमंड करते हैं।
13 यदि हम बेसुध हैं तो परमेश्‍वर के लिए हैं, और यदि सुध में हैं तो तुम्हारे लिए हैं।
14 मसीह का प्रेम हमें विवश करता है क्योंकि हमें यह निश्‍चय है कि जब एक सब के लिए मरा तो सब मर गए;
15 और वह सब के लिए मरा, ताकि वे जो जीवित हैं अब से अपने लिए जीएँ बल्कि उसके लिए जीएँ जो उनके लिए मरा और फिर जी उठा।
16 इसलिए अब से हम किसी को शरीर के अनुसार नहीं समझेंगे। यद्यपि हमने मसीह को शरीर के अनुसार ही जाना था, फिर भी अब हम उसे वैसे नहीं जानते।
17 अतः यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है। पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, सब नई हो गई हैं।
18 यह सब परमेश्‍वर की ओर से हुआ है, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेल-मिलाप कर लिया, और हमें मेल-मिलाप की सेवा सौंप दी है;
19 अर्थात् परमेश्‍वर ने मसीह में होकर संसार का अपने साथ मेल-मिलाप कर लिया और उनके अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया, और मेल-मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है।
20 इसलिए हम मसीह के राजदूत हैं और परमेश्‍वर हमारे द्वारा समझाता है; हम मसीह की ओर से विनती करते हैं कि तुम परमेश्‍वर से मेल-मिलाप कर लो।
21 वह जो पाप से अनजान था, उसे परमेश्‍वर ने हमारे लिए पाप ठहराया कि हम उसमें परमेश्‍वर की धार्मिकता बन जाएँ।