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Ruth 3

:
Hindi - HINOVBSI
1 उसकी सास नाओमी ने उससे कहा, “हे मेरी बेटी, क्या मैं तेरे लिये ठाँव ढूँढ़ूँ कि तेरा भला हो?
2 अब जिसकी दासियों के पास तू थी, क्या वह बोअज़ हमारा कुटुम्बी नहीं है? वह तो आज रात को खलिहान में जौ फटकेगा।
3 तू स्‍नान कर तेल लगा, और अच्छे वस्त्र पहिनकर खलिहान को जा; परन्तु जब तक वह पुरुष खा–पी चुके तब तक अपने को उस पर प्रगट करना।
4 और जब वह लेट जाए, तब तू उस के लेटने के स्थान को देख लेना; फिर भीतर जाकर उसके पाँव उघाड़ के लेट जाना; तब वही तुझे बताएगा कि तुझे क्या करना चाहिये।”
5 उसने उससे कहा, “जो कुछ तू कहती है वह सब मैं करूँगी।”
6 तब वह खलिहान को गई और अपनी सास की आज्ञा के अनुसार ही किया।
7 जब बोअज़ खा–पी चुका, और उसका मन आनन्दित हुआ, तब जाकर अनाज के ढेर के एक सिरे पर लेट गया। तब वह चुपचाप गई, और उसके पाँव उघाड़ के लेट गई।
8 आधी रात को वह पुरुष चौंक पड़ा, और आगे की ओर झुककर क्या पाया, कि उसके पाँवों के पास कोई स्त्री लेटी है।
9 उसने पूछा, “तू कौन है?” तब वह बोली, “मैं तो तेरी दासी रूत हूँ; तू अपनी दासी को अपनी चद्दर ओढ़ा दे, क्योंकि तू हमारी भूमि छुड़ानेवाला कुटुम्बी है।”
10 उसने कहा, “हे बेटी, यहोवा की ओर से तुझ पर आशीष हो; क्योंकि तू ने अपनी पिछली प्रीति पहली से अधिक दिखाई, क्योंकि तू क्या धनी क्या कंगाल, किसी जवान के पीछे नहीं लगी।
11 इसलिये अब, हे मेरी बेटी, मत डर, जो कुछ तू कहेगी मैं तुझ से करूँगा; क्योंकि मेरे नगर के सब लोग जानते हैं कि तू भली स्त्री है।
12 और सच तो है कि मैं छुड़ानेवाला कुटुम्बी हूँ, तौभी एक और है जिसे मुझ से पहले ही छुड़ाने का अधिकार है।
13 अत: रात भर ठहरी रह, और सबेरे यदि वह तेरे लिये छुड़ानेवाले का काम करना चाहे; तो अच्छा, वही ऐसा करे; परन्तु यदि वह तेरे लिये छुड़ानेवाले का काम करना चाहे, तो यहोवा के जीवन की शपथ मैं ही वह काम करूँगा। भोर तक लेटी रह।”
14 तब वह उसके पाँवों के पास भोर तक लेटी रही, और इस से पहले कि कोई दूसरे को पहचान सके वह उठी। तब बोअज़ ने कहा, “कोई जानने पाए कि खलिहान में कोई स्त्री आई थी।”
15 तब बोअज़ ने कहा, “जो चद्दर तू ओढ़े है उसे फैलाकर पकड़ ले। और जब उसने उसे पकड़ा तब उसने छ: नपुए जौ नापकर उसको उठा दिया; फिर वह नगर में चली गई।
16 जब रूत अपनी सास के पास आई तब उस ने पूछा, “हे बेटी, क्या हुआ?” तब जो कुछ उस पुरुष ने उससे किया था वह सब उसने उसे कह सुनाया।
17 फिर उसने कहा, “यह छ: नपुए जौ उसने यह कहकर मुझे दिया, कि अपनी सास के पास छूछे हाथ मत जा।”
18 उसने कहा, “हे मेरी बेटी, जब तक तू जाने कि इस बात का कैसा फल निकलेगा, तब तक चुपचाप बैठी रह, क्योंकि आज उस पुरुष को यह काम बिना निपटाए चैन पड़ेगा।”