Bible

Designed

For Churches, Made for Worship

Try RisenMedia.io Today!

Click Here

Psalms 88

:
Hindi - HINOVBSI
1 हे मेरे उद्धारकर्ता परमेश्‍वर यहोवा, मैं दिन को और रात को तेरे आगे चिल्‍लाता आया हूँ।
2 मेरी प्रार्थना तुझ तक पहुँचे, मेरे चिल्‍लाने की ओर कान लगा!
3 क्योंकि मेरा प्राण क्लेश से भरा हुआ है, और मेरा प्राण अधोलोक के निकट पहुँचा है।
4 मैं कबर में पड़नेवालों में गिना गया हूँ; मैं बलहीन पुरुष के समान हो गया हूँ।
5 मैं मुर्दों के बीच छोड़ा गया हूँ, और जो घात होकर कबर में पड़े हैं, जिनको तू फिर स्मरण नहीं करता और वे तेरी सहायता रहित हैं, उनके समान मैं हो गया हूँ।
6 तू ने मुझे गड़हे के तल ही में, अन्धेरे और गहिरे स्थान में रखा है।
7 तेरी जलजलाहट मुझी पर बनी हुई है, और तू ने अपने सब तरंगों से मुझे दु:ख दिया है।
8 तू ने मेरे पहिचानवालों को मुझ से दूर किया है; और मुझ को उनकी दृष्‍टि में घिनौना किया है। मैं बन्दी हूँ और निकल नहीं सकता;
9 दु:ख भोगते भोगते मेरी आँखें धुन्धला गईं। हे यहोवा, मैं लगातार तुझे पुकारता और अपने हाथ तेरी ओर फैलाता आया हूँ।
10 क्या तू मुर्दों के लिये अद्भुत काम करेगा? क्या मरे लोग उठकर तेरा धन्यवाद करेंगे?
11 क्या कबर में तेरी करुणा का, और विनाश की दशा में तेरी सच्‍चाई का वर्णन किया जाएगा?
12 क्या तेरे अद्भुत काम अन्धकार में, या तेरा धर्म विश्‍वासघात की दशा में जाना जाएगा?
13 परन्तु हे यहोवा, मैं ने तेरी दोहाई दी है; और भोर को मेरी प्रार्थना तुझ तक पहुँचेगी।
14 हे यहोवा, तू मुझ को क्यों छोड़ता है? तू अपना मुख मुझ से क्यों छिपाए रहता है?
15 मैं बचपन ही से दु:खी वरन् अधमुआ हूँ, तुझ से भय खाते मैं अति व्याकुल हो गया हूँ।
16 तेरा क्रोध मुझ पर पड़ा है; उस भय से मैं मिट गया हूँ।
17 वह दिन भर जल के समान मुझे घेरे रहता है; वह मेरे चारों ओर दिखाई देता है।
18 तू ने मित्र और भाईबन्धु दोनों को मुझ से दूर किया है; और मेरे जान–पहिचानवालों को अन्धकार में डाल दिया है।