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Psalms 111

:
Hindi - HINOVBSI
1 याह की स्तुति करो मैं सीधे लोगों की गोष्‍ठी में और मण्डली में भी सम्पूर्ण मन से यहोवा का धन्यवाद करूँगा।
2 यहोवा के काम बड़े हैं, जितने उनसे प्रसन्न रहते हैं, वे उन पर ध्यान लगाते हैं।
3 उसके काम वैभवशाली और ऐश्‍वर्यमय होते हैं, और उसका धर्म सदा तक बना रहेगा।
4 उसने अपने आश्‍चर्यकर्मों का स्मरण कराया है; यहोवा अनुग्रहकारी और दयावन्त है।
5 उसने अपने डरवैयों को आहार दिया है; वह अपनी वाचा को सदा तक स्मरण रखेगा।
6 उसने अपनी प्रजा को जाति जाति का भाग देने के लिये, अपने कामों का प्रताप दिखाया है।
7 सच्‍चाई और न्याय उसके हाथों के काम हैं; उसके सब उपदेश विश्‍वासयोग्य हैं,
8 वे सदा सर्वदा अटल रहेंगे, वे सच्‍चाई और सिधाई से किए हुए हैं।
9 उसने अपनी प्रजा का उद्धार किया है; उसने अपनी वाचा को सदा के लिये ठहराया है। उसका नाम पवित्र और भययोग्य है।
10 बुद्धि का मूल यहोवा का भय है; जितने उसकी आज्ञाओं को मानते हैं, उनकी बुद्धि अच्छी होती है। उसकी स्तुति सदा बनी रहेगी।