Bible

Transform

Your Worship Experience with Great Ease

Try RisenMedia.io Today!

Click Here

Isaiah 65

:
Hindi - HINOVBSI
1 जो मुझ को पूछते भी थे वे मेरे खोजी हैं; जो मुझे ढूँढ़ते भी थे उन्होंने मुझे पा लिया, और जो जाति मेरी नहीं कहलाई थी, उस से भी मैं कहता हूँ, “देख, मैं उपस्थित हूँ ।”
2 मैं एक हठीली जाति के लोगों की ओर दिन भर हाथ फैलाए रहा, जो अपनी युक्‍तियों के अनुसार बुरे मार्गों में चलते हैं।
3 ऐसे लोग, जो मेरे सामने ही बारियों में बलि चढ़ा चढ़ाकर और ईंटों पर धूप जला जलाकर, मुझे लगातार क्रोध दिलाते हैं।
4 ये कब्र के बीच बैठते और छिपे हुए स्थानों में रात बिताते; जो सूअर का मांस खाते, और घृणित वस्तुओं का रस अपने बर्तनों में रखते;
5 जो कहते हैं, “हट जा, मेरे निकट मत आ, क्योंकि मैं तुझ से पवित्र हूँ।” ये मेरी नाक में धूएँ उस आग के समान हैं जो दिन भर जलती रहती है।
6 देखो, यह बात मेरे सामने लिखी हुई है: “मैं चुप रहूँगा, मैं निश्‍चय बदला दूँगा वरन् तुम्हारे पुरखाओं के भी अधर्म के कामों का बदला तुम्हारी गोद में भर दूँगा।
7 क्योंकि उन्होंने पहाड़ों पर धूप जलाया और पहाड़ियों पर मेरी निन्दा की है, इसलिये मैं यहोवा कहता हूँ, कि उनके पिछले कामों के बदले को मैं इनकी गोद में तौलकर दूँगा।”
8 यहोवा यों कहता है: “जिस भाँति दाख के किसी गुच्छे में नया दाखमधु भर आता है, तब लोग कहते हैं, उसे नष्‍ट मत कर, क्योंकि उसमें आशीष है, उसी भाँति मैं अपने दासों के निमित्त ऐसा करूँगा कि सभों को नष्‍ट करूँगा।
9 मैं याकूब में से एक वंश, और यहूदा में से अपने पर्वतों का एक वारिस उत्पन्न करूँगा, मेरे चुने हुए उसके वारिस होंगे, और मेरे दास वहाँ निवास करेंगे।
10 मेरी प्रजा जो मुझे ढूँढ़ती है, उसकी भेड़–बकरियाँ तो शारोन में चरेंगी, और उसके गाय–बैल आकोर नामक तराई में विश्राम करेंगे।
11 परन्तु तुम जो यहोवा को त्याग देते और मेरे पवित्र पर्वत को भूल जाते हो, जो भाग्य देवता के लिये मेज पर भोजन की वस्तुएँ सजाते और भावी देवी के लिये मसाला मिला हुआ दाखमधु भर देते हो;
12 मैं तुम्हें गिन गिनकर तलवार का कौर बनाऊँगा, और तुम सब घात होने के लिये झुकोगे; क्योंकि जब मैं ने तुम्हें बुलाया तुमने उत्तर दिया, जब मैं बोला, तब तुम ने मेरी सुनी; वरन् जो मुझे बुरा लगता है वही तुम ने नित किया, और जिस से मैं अप्रसन्न होता हूँ, उसी को तुम ने अपनाया।”
13 इस कारण प्रभु यहोवा यों कहता है: “देखो, मेरे दास तो खाएँगे, पर तुम भूखे रहोगे; मेरे दास पीएँगे, पर तुम प्यासे रहोगे; मेरे दास आनन्द करेंगे, पर तुम लज्जित होगे;
14 देखो, मेरे दास हर्ष के मारे जयजयकार करेंगे, परन्तु तुम शोक से चिल्‍लाओगे और खेद के मारे हाय हाय, करोगे।
15 मेरे चुने हुए लोग तुम्हारी उपमा दे दे कर शाप देंगे, और प्रभु यहोवा तुझ को नष्‍ट करेगा; परन्तु अपने दासों का दूसरा नाम रखेगा।
16 तब सारे देश में जो कोई अपने को धन्य कहेगा वह सच्‍चे परमेश्‍वर का नाम लेकर अपने को धन्य कहेगा, और जो कोई देश में शपथ खाए वह सच्‍चे परमेश्‍वर* के नाम से शपथ खाएगा; क्योंकि पिछला कष्‍ट दूर हो गया और वह मेरी आँखों से छिप गया है।
17 “क्योंकि देखो, मैं नया आकाश और नई पृथ्वी उत्पन्न करता हूँ; और पहली बातें स्मरण रहेंगी और सोच विचार में भी आएँगी।
18 इसलिये जो मैं उत्पन्न करने पर हूँ, उसके कारण तुम हर्षित हो और सदा सर्वदा मगन रहो; क्योंकि देखो, मैं यरूशलेम को मगन और उसकी प्रजा को आनन्दित बनाऊँगा
19 मैं आप यरूशलेम के कारण मगन, और अपनी प्रजा के हेतु हर्षित हूँगा; उसमें फिर रोने या चिल्‍लाने का शब्द सुनाई पड़ेगा।
20 उसमें फिर तो थोड़े दिन का बच्‍चा, और ऐसा बूढ़ा जाता रहेगा जिसने अपनी आयु पूरी की हो; क्योंकि जो लड़कपन में मरनेवाला है वह सौ वर्ष का होकर मरेगा, परन्तु पापी सौ वर्ष का होकर श्रापित ठहरेगा।
21 वे घर बनाकर उन में बसेंगे; वे दाख की बारियाँ लगाकर उनका फल खाएँगे।
22 ऐसा नहीं होगा कि वे बनाएँ और दूसरा बसे; या वे लगाएँ, और दूसरा खाए; क्योंकि मेरी प्रजा की आयु वृक्षों की सी होगी, और मेरे चुने हुए अपने कामों का पूरा लाभ उठाएँगे।
23 उनका परिश्रम व्यर्थ होगा, उनके बालक घबराहट के लिये उत्पन्न होंगे; क्योंकि वे यहोवा के धन्य लोगों का वंश ठहरेंगे, और उनके बाल–बच्‍चे उन से अलग होंगे।
24 उनके पुकारने से पहले ही मैं उनको उत्तर दूँगा, और उनके माँगते ही मैं उनकी सुन लूँगा।
25 भेड़िया और मेम्ना एक संग चरा करेंगे, और सिंह बैल के समान भूसा खाएगा; और सर्प का आहार मिट्टी ही रहेगा। मेरे सारे पवित्र पर्वत पर तो कोई किसी को दु:ख देगा और कोई किसी की हानि करेगा, यहोवा का यही वचन है।