Bible

Engage

Your Congregation Like Never Before

Try RisenMedia.io Today!

Click Here

Isaiah 48

:
Hindi - HINOVBSI
1 हे याकूब के घराने, यह बात सुन, तुम जो इस्राएली कहलाते और यहूदा के सोतों के जल से उत्पन्न हुए हो; जो यहोवा के नाम की शपथ खाते हो और इस्राएल के परमेश्‍वर की चर्चा तो करते हो, परन्तु सच्‍चाई और धर्म से नहीं करते।
2 क्योंकि वे अपने को पवित्र नगर के बताते हैं, और इस्राएल के परमेश्‍वर पर, जिसका नाम सेनाओं का यहोवा है, भरोसा करते हैं।
3 “होनेवाली बातों को तो मैं ने प्राचीनकाल ही से बताया है, और उनकी चर्चा मेरे मुँह से निकली, मैं ने अचानक उन्हें प्रगट किया और वे बातें सचमुच हुईं।
4 मैं जानता था कि तू हठीला है और तेरी गर्दन लोहे की नस और तेरा माथा पीतल का है।
5 इस कारण मैं ने इन बातों को प्राचीनकाल ही से तुझे बताया उनके होने से पहले ही मैं ने तुझे बता दिया, ऐसा हो कि तू यह कह पाए कि यह मेरे देवता का काम है, मेरी खोदी और ढली हुई मूर्तियों की आज्ञा से यह हुआ।
6 “तू ने सुना है, अब इन सब बातों पर ध्यान कर; और देखो, क्या तुम उसका प्रचार करोगे? अब से मैं तुझे नई नई बातें और ऐसी गुप्‍त बातें सुनाऊँगा जिन्हें तू नहीं जानता।
7 वे अभी अभी सृजी गई हैं, प्राचीनकाल से नहीं; परन्तु आज से पहले तू ने उन्हें सुना भी था, ऐसा हो कि तू कहे कि देख मैं तो इन्हें जानता था।
8 हाँ! निश्‍चय तू ने उन्हें तो सुना, जाना, इस से पहले तेरे कान ही खुले थे। क्योंकि मैं जानता था कि तू निश्‍चय विश्‍वासघात करेगा, और गर्भ ही से तेरा नाम अपराधी पड़ा है।
9 “अपने ही नाम के निमित्त मैं क्रोध करने में विलम्ब करता हूँ, और अपनी महिमा के निमित्त अपने आप को रोक रखता हूँ, ऐसा हो कि मैं तुझे काट डालूँ।
10 देख, मैं ने तुझे निर्मल तो किया, परन्तु चाँदी के समान नहीं; मैं ने दु:ख की भट्ठी में परखकर तुझे चुन लिया है।
11 अपने निमित्त, हाँ अपने ही निमित्त मैं ने यह किया है, मेरा नाम क्यों अपवित्र ठहरे? अपनी महिमा मैं दूसरे को नहीं दूँगा।
12 “हे याकूब, हे मेरे बुलाए हुए इस्राएल, मेरी ओर कान लगाकर सुन! मैं वही हूँ, मैं ही आदि और मैं ही अन्त हूँ
13 निश्‍चय मेरे ही हाथ ने पृथ्वी की नींव डाली, और मेरे ही दाहिने हाथ ने आकाश फैलाया; जब मैं उनको बुलाता हूँ, वे एक साथ उपस्थित हो जाते हैं।
14 “तुम सब के सब इकट्ठे होकर सुनो! उन में से किसने कभी इन बातों का समाचार दिया? यहोवा उस से प्रेम रखता है: वह बेबीलोन पर अपनी इच्छा पूरी करेगा, और कसदियों पर उसका हाथ पड़ेगा।
15 मैं ने, हाँ मैं ही ने कहा और उसको बुलाया है, मैं उसको ले आया हूँ, और उसका काम सफल होगा।
16 मेरे निकट आकर इस बात को सुनो: आदि से लेकर अब तक मैं ने कोई भी बात गुप्‍त में नहीं कही; जब से वह हुआ तब से मैं वहाँ हूँ।” और अब प्रभु यहोवा ने और उसकी आत्मा ने मुझे भेज दिया है
17 यहोवा जो तेरा छुड़ानेवाला और इस्राएल का पवित्र है, वह यों कहता है: “मैं ही तेरा परमेश्‍वर यहोवा हूँ जो तुझे तेरे लाभ के लिये शिक्षा देता हूँ, और जिस मार्ग से तुझे जाना है उसी मार्ग पर तुझे ले चलता हूँ।
18 भला होता कि तू ने मेरी आज्ञाओं को ध्यान से सुना होता! तब तेरी शान्ति नदी के समान और तेरा धर्म समुद्र की लहरों के समान होता;
19 तेरा वंश बालू के किनकों के तुल्य होता, और तेरी निज सन्तान उसके कणों के समान होती; उनका नाम मेरे सम्मुख से कभी काटा और मिटाया जाता।”
20 बेबीलोन में से निकल जाओ, कसदियों के बीच में से भाग जाओ; जयजयकार करते हुए इस बात का प्रचार करके सुनाओ, पृथ्वी की छोर तक इसकी चर्चा फैलाओ; कहते जाओ: “यहोवा ने अपने दास याकूब को छुड़ा लिया है!”
21 जब वह उन्हें निर्जल देशों में ले गया, तब वे प्यासे हुए; उसने उनके लिये चट्टान में से पानी निकाला; उसने चट्टान को चीरा और जल बह निकला।
22 “दुष्‍टों के लिये कुछ शान्ति नहीं,” यहोवा का यही वचन है।