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Ezekiel 39

:
Hindi - HINOVBSI
1 “फिर हे मनुष्य के सन्तान, गोग के विरुद्ध भविष्यद्वाणी करके यह कह, हे गोग, हे रोश, मेशेक और तूबल के प्रधान, परमेश्‍वर यहोवा यों कहता है: मैं तेरे विरुद्ध हूँ।
2 मैं तुझे घुमा ले आऊँगा, और उत्तर दिशा के दूर दूर देशों से चढ़ा ले आऊँगा, और इस्राएल के पहाड़ों पर पहुँचाऊँगा।
3 वहाँ मैं तेरा धनुष तेरे बाएँ हाथ से गिराऊँगा, और तेरे तीरों को तेरे दाहिने हाथ से गिरा दूँगा।
4 तू अपने सारे दलों और अपने साथ की सारी जातियों समेत इस्राएल के पहाड़ों पर मार डाला जाएगा; मैं तुझे भाँति भाँति के मांसाहारी पक्षियों और वनपशुओं का आहार कर दूँगा।
5 तू खेत में गिरेगा, क्योंकि मैं ही ने ऐसा कहा है, परमेश्‍वर यहोवा की यही वाणी है।
6 मैं मागोग में और द्वीपों के निडर रहनेवालों के बीच आग लगाऊँगा; और वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।
7 “मैं अपनी प्रजा इस्राएल के बीच अपना नाम प्रगट करूँगा; और अपना पवित्र नाम फिर अपवित्र होने दूँगा; तब जाति–जाति के लोग भी जान लेंगे कि मैं यहोवा, इस्राएल का पवित्र हूँ।
8 यह घटना होनेवाली है और वह हो जाएगी, परमेश्‍वर यहोवा की यही वाणी है। यह वही दिन है जिसकी चर्चा मैं ने की है।
9 “तब इस्राएल के नगरों के रहनेवाले निकलेंगे और हथियारों में आग लगाकर जला देंगे, ढाल, और फरी, धनुष, और तीर, लाठी, बर्छे, सब को वे सात वर्ष तक जलाते रहेंगे।
10 इसके कारण वे मैदान में लकड़ी बीनेंगे, जंगल में काटेंगे, क्योंकि वे हथियारों ही को जलाया करेंगे, वे अपने लूटनेवाले को लूटेंगे, और अपने छीननेवालों से छीनेंगे, परमेश्‍वर यहोवा की यही वाणी है।
11 “उस समय मैं गोग को इस्राएल के देश में कब्रिस्तान दूँगा, वह ताल की पूर्व ओर होगा; वह आने जानेवालों की तराई कहलाएगी, और आने जानेवालों को वहाँ रुकना पड़ेगा; वहाँ सब भीड़ समेत गोग को मिट्टी दी जाएगी और उस स्थान का नाम गोग की भीड़ की तराई पड़ेगा।
12 इस्राएल का घराना उनको सात महीने तक मिट्टी देता रहेगा ताकि अपने देश को शुद्ध करे।
13 देश के सब लोग मिलकर उनको मिट्टी देंगे; और जिस समय मेरी महिमा होगी, उस समय उनका भी नाम बड़ा होगा, परमेश्‍वर यहोवा की यही वाणी है।
14 तब वे मनुष्यों को नियुक्‍त करेंगे, जो निरन्तर इसी काम में लगे रहेंगे, अर्थात् देश में घूम–घामकर आने जानेवालों के संग होकर देश को शुद्ध करने के लिये उनको जो भूमि के ऊपर पड़े हों, मिट्टी देंगे; और सात महीने के बीतने तक वे ढूँढ़ ढूँढ़कर यह काम करते रहेंगे।
15 देश में आने जानेवालों में से जब कोई मनुष्य की हड्डी देखे, तब उसके पास एक चिह्न खड़ा करेगा, यह उस समय तक बना रहेगा जब तक मिट्टी देनेवाले उसे गोग की भीड़ की तराई में गाड़ दें।
16 वहाँ के नगर का नाम भी ‘हमोना’ है। यों देश शुद्ध किया जाएगा।
17 “फिर हे मनुष्य के सन्तान, परमेश्‍वर यहोवा यों कहता है: भाँति भाँति के सब पक्षियों और सब वनपशुओं को आज्ञा दे, इकट्ठे होकर आओ, मेरे इस बड़े यज्ञ में जो मैं तुम्हारे लिये इस्राएल के पहाड़ों पर करता हूँ, हर एक दिशा से इकट्ठे हो कि तुम मांस खाओ और लहू पीओ।
18 तुम शूरवीरों का मांस खाओगे, और पृथ्वी के प्रधानों का लहू पीओगे और मेढ़ों, मेम्नों, बकरों और बैलों का भी जो सब के सब बाशान के तैयार किए हुए होंगे।
19 मेरे उस भोज की चर्बी से जो मैं तुम्हारे लिये करता हूँ, तुम खाते–खाते अघा जाओगे, और उसका लहू पीते–पीते छक जाओगे।
20 तुम मेरी मेज पर घोड़ों, सवारों, शूरवीरों, और सब प्रकार के योद्धाओं से तृप्‍त होगे, परमेश्‍वर यहोवा की यही वाणी है।
21 “मैं जाति–जाति के बीच अपनी महिमा प्रगट करूँगा, और जाति जाति के सब लोग मेरे न्याय के काम जो मैं करूँगा, और मेरा हाथ जो उन पर पड़ेगा, देख लेंगे।
22 उस दिन से आगे इस्राएल का घराना जान लेगा कि यहोवा हमारा परमेश्‍वर है।
23 जाति जाति के लोग भी जान लेंगे कि इस्राएल का घराना अपने अधर्म के कारण बँधुआई में गया था; क्योंकि उन्होंने मुझ से ऐसा विश्‍वासघात किया कि मैं ने अपना मुँह उनसे मोड़ लिया और उनको उनके बैरियों के वश कर दिया, और वे सब तलवार से मारे गए।
24 मैं ने उनकी अशुद्धता और अपराधों ही के अनुसार उन से बर्ताव करके उन से अपना मुँह मोड़* लिया था।
25 “इसलिये परमेश्‍वर यहोवा यों कहता है: अब मैं याकूब को बँधुआई से लौटा लाऊँगा, और इस्राएल के सारे घराने पर दया करूँगा; और अपने पवित्र नाम के लिये मुझे जलन होगी।
26 तब उस सारे विश्‍वासघात के कारण जो उन्होंने मेरे विरुद्ध किया वे लज्जित होंगे; और अपने देश में निडर रहेंगे; और कोई उनको डराएगा।
27 जब मैं उनको जाति–जाति के बीच से लौटा लाऊँगा, और उन शत्रुओं के देशों से इकट्ठा करूँगा, तब बहुत जातियों की दृष्‍टि में उनके द्वारा पवित्र ठहरूँगा।
28 तब वे जान लेंगे कि यहोवा हमारा परमेश्‍वर है, क्योंकि मैं ने उनको जाति–जाति में बँधुआ करके फिर उनके निज देश में इकट्ठा किया है। मैं उन में से किसी को फिर परदेश में छोड़ूँगा,
29 और उन से अपना मुँह फिर कभी मोड़ लूँगा, क्योंकि मैं ने इस्राएल के घराने पर अपना आत्मा उण्डेला है, परमेश्‍वर यहोवा की यही वाणी है।”