Bible

Create

Inspiring Presentations Without Hassle

Try Risen Media.io Today!

Click Here

Esther 5

:
Hindi - HINOVBSI
1 तीसरे दिन एस्तेर अपने राजकीय वस्त्र पहिनकर राजभवन के भीतरी आँगन में जाकर, राजभवन के सामने खड़ी हो गई। राजा राजभवन में राजगद्दी पर भवन के द्वार के सामने विराजमान था;
2 और जब राजा ने एस्तेर रानी को आँगन में खड़ी हुई देखा, तब उसने प्रसन्न होकर सोने का राजदण्ड जो उसके हाथ में था उसकी ओर बढ़ाया। तब एस्तेर ने निकट जाकर राजदण्ड की नोक छुई।
3 तब राजा ने उससे पूछा, “हे एस्तेर रानी, तुझे क्या चाहिये? तू क्या माँगती है? माँग और तुझे आधा राज्य तक दिया जाएगा।”
4 एस्तेर ने कहा, “यदि राजा को स्वीकार हो, तो आज हामान को साथ लेकर उस भोज में आए, जो मैं ने राजा के लिये तैयार किया है।”
5 तब राजा ने आज्ञा दी, “हामान को तुरन्त ले आओ, कि एस्तेर का निमंत्रण ग्रहण किया जाए।” अत: राजा और हामान एस्तेर के तैयार किए हुए भोज में आए।
6 भोज के समय जब दाखमधु पिया जाता था, तब राजा ने एस्तेर से कहा, “तेरा क्या निवेदन है? वह पूरा किया जाएगा। तू क्या माँगती है? माँग, और आधा राज्य तक तुझे दिया जाएगा।”
7 एस्तेर ने उत्तर दिया, “मेरा निवेदन और जो मैं माँगती हूँ वह यह है,
8 कि यदि राजा मुझ पर प्रसन्न है और मेरा निवेदन सुनना और जो वरदान मैं माँगूँ वही देना राजा को स्वीकार हो, तो राजा और हामान कल उस भोज में आएँ जिसे मैं उनके लिये करूँगी, और कल मैं राजा के इस वचन के अनुसार करूँगी।”
9 उस दिन हामान आनन्दित और मन में प्रसन्न होकर बाहर गया। परन्तु जब उसने मोर्दकै को राजभवन के फाटक में देखा, कि वह उसके सामने तो खड़ा हुआ, और हटा, तब वह मोर्दकै के विरुद्ध क्रोध से भर गया।
10 तौभी वह अपने को रोककर अपने घर गया; और अपने मित्रों और अपनी स्त्री जेरेश को बुलवा भेजा।
11 तब हामान ने उन से अपने धन का वैभव, और अपने बाल–बच्‍चों की बढ़ती और राजा ने उसको कैसे कैसे बढ़ाया, और अन्य सब हाकिमों और अपने और सब कर्मचारियों से ऊँचा पद दिया था, इन सब का वर्णन किया।
12 हामान ने यह भी कहा, “एस्तेर रानी ने भी मुझे छोड़ और किसी को राजा के संग, अपने किए हुए भोज में आने दिया; और कल के लिये भी राजा के संग उसने मुझी को नेवता दिया है।
13 तौभी जब जब मुझे वह यहूदी मोर्दकै राजभवन के फाटक में बैठा हुआ दिखाई पड़ता है, तब तब यह सब मेरी दृष्‍टि में व्यर्थ लगता है ।”
14 उसकी पत्नी जेरेश और उसके सब मित्रों ने उससे कहा, “पचास हाथ ऊँचा फाँसी का एक खम्भा बनाया जाए, और सबेरे राजा से कहना कि उस पर मोर्दकै लटका दिया जाए; तब राजा के संग आनन्द से भोज में जाना।” इस बात से प्रसन्न होकर हामान ने वैसा ही फाँसी का एक खम्भा बनवाया।