Bible

Engage

Your Congregation Like Never Before

Try RisenMedia.io Today!

Click Here

Isaiah 23

:
Hindi - HHBD
1 सोर के विषय भारी वचन। हे तर्शीश के जहाजों हाय, हाय, करो; क्योंकि वह उजड़ गया; वहां तो कोई घर और कोई शरण का स्थान है! यह बात उनको कित्तियों के देश में से प्रगट की गई है।
2 हे समुद्र के तीर के रहनेवालों, जिनको समुद्र के पार जानेवाले सीदोनी व्यापारियों ने धन से भर दिया है, चुप रहो!
3 शीहोर का अन्न, और नील नदी के पास की उपज महासागर के मार्ग से उसको मिनती थी, क्योंकि वह और जातियों के लिये व्योपार का स्थान था।
4 हे सीदोन, लज्जित हो, क्योंकि समुद्र ने अर्थात् समुद्र के दृढ़ सिाान ने यह कहा है, मैं ने तो कभी जन्माने की पीड़ा जानी और बालक को जन्म दिया, और बेटों को पाला और बेटियों को पोसा है।
5 जब सोर का समाचार मि में पहुंचे, तब वे सुनकर संकट में पड़ेंगे।
6 हे समुद्र के तीर के रहनेवालों हाय, हाय, करो! पार होकर तर्शीश को जाओ।
7 क्या यह तुम्हारी प्रसन्नता से भरी हुई नगरी है जो प्राचीनकाल से बसी थी, जिसके पांव उसे बसने को दूर ले जाते थे?
8 सोर जो राजाओं की गद्दी पर बैठाती थी, जिसके व्योपारी हाकिम थे, और जिसके महाजन पृथ्वी भर में प्रतिष्ठित थे, उसके विरूद्ध किस ने ऐसी युक्ति की है?
9 सेनाओं के यहोवा ही ने ऐसी युक्ति की है कि समस्त गौरव के घमण्ड को तुच्छ कर दे और पृथ्वी के प्रतिष्ठितों का अपमान करवाए।
10 हे तर्शीश के निवासियों नील नदी की नाई अपने देश में फैल जाओ; अब कुछ बन्धन नहीं रहा।
11 उस ने अपना हाथ समुद्र पर बढ़ाकर राज्यों को हिला दिया है; यहोवा ने कनान के दृढ़ किलों के नाश करने की आज्ञा दी है।
12 और उस ने कहा है, हे सीदोन, हे भ्रष्ट की हुई कुमारी, तू फिर प्रसन्न होने की नहीं; उठ, पार होकर कित्तियों के पास जा, परन्तु वहां भी तुझे चैन मिलेगा।।
13 कसदियों के देश को देखो, वह जाति अब रही; अश्शूर ने उस देश को जंगली जन्तुओं का स्थान बनाया। उन्हों ने अपने गुम्मट उठाए और राजभवनों को ढ़ा दिया, और उसको खण्डहर कर दिया।
14 हे तर्शीश के जहाजों, हाय, हाय, करो, क्योंकि तुम्हारा दृढ़स्थान उजड़ गया है।
15 उस समय एक राजा के दिनों के अनुसार सत्तर वर्ष के बीतने पर सोर वेश्या की नाईं गीत गाने लगेगा।
16 हे बिसरी हुई वेश्या, वीणा लेकर नगर में घूम, भली भांति बजा, बहुत गीत गा, जिस से लोग फिर तुझे याद करें।
17 सत्तर वर्ष के बीतने पर यहोवा सोर की सुधि लेगा, और वह फिर छिनाले की कमाई पर मन लगाकर धरती भर के सब राज्यों के संग छिनाला करेंगी।
18 उसके व्योपार की प्राप्ति, और उसके छिनाले की कमाई, यहोवा के लिये पवित्रा कि जाएगी; वह भण्डार में रखी जाएगी संचय की जाएगी, क्योंकि उसके व्योपार की प्राप्ति उन्हीं के काम में आएगी जो यहोवा के साम्हने रहा करेंगे, कि उनको भरपूर भोजन और चमकीला वस्त्रा मिले।।