Bible

Focus

On Your Ministry and Not Your Media

Try RisenMedia.io Today!

Click Here

2 Kings 20

:
Hindi - HHBD
1 उन दिनों में हिजकिरयाह ऐसा रोगी हुआ कि मरते पर था, और आमोस के पुत्रा यशायाह भविष्यद्वक्ता ने उसके पास जाकर कहा, यहोवा यों कहता है, कि अपने घराने के विषय जो आज्ञा देनी हो वह दे; क्योंकि तू नहीं बचेगा, मर जाएगा।
2 तब उस ने भीत की ओर मुंह फेर, यहोवा से प्रार्थना करके कहा, हे यहोवा!
3 मैं बिन्ती करता हूँ, स्मरण कर, कि मैं सच्चाई और खरे मन से अपने को तेरे सम्मुख जानकर चलता आया हूँ; और जो तुझे अच्छा तगता है वही मैं करता आया हूँ। तब हिजकिरयाह बिलक बिलक कर रोया।
4 और ऐसा हुआ कि यशायाह नगर के बीच तक जाने भी पाया था कि यहोवा का यह वचन उसके पास पहुंचा,
5 कि लौटकर मेरी प्रजा के प्रधान हिजकिरयाह से कह, कि तेरे मूलपुरूष दाऊद का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, कि मैं ने तेरी प्रार्थना सुनी और तेरे आंसू देखे हैं; देख, मैं तुझे चंगा करता हूँ; परसों तू यहोवा के भवन में जा सकेगा।
6 और मैं तेरी आयू पन्द्रह वर्ष और बढ़ा दूंगा। और अश्शूर के राजा के हाथ से तुझे और इस नगर को बचाऊंगा, और मैं अपने निमित्त और अपने दास दाऊद के निमित्त इस नगर की रक्षा करूंगा।
7 तब यशायाह ने कहा, अंजीरों की एक टिकिया लो। जब उन्हों ने उसे लेकर फोड़े पर बान्धा, तब वह चंगा हो गया।
8 हिजकिरयाह ने यशायाह से पूछा, यहोवा जो मुझे चंगा करेगा और मैं परसों यहोवा के भवन को जा सकूंगा, इसका क्या चिन्ह होगा?
9 यशायाह ने कहा, यहोवा जो अपने कहे हुए वचन को पूरा करेगा, इस बात का यहोवा की ओर से तेरे लिये यह चिन्ह होगा, कि धूपघड़ी की छाया दस अंश आगे बढ़ जाएगी, दस अंश घट जाएगी।
10 हिजकिरयाह ने कहा, छाया का दस अंश आगे ण्ढ़ना तो हलकी बात है, इसलिए ऐसा हो कि छाया दस अंश पीछे लौट जाए।
11 तब यशायाह भविष्यद्वक्ता ने यहोवा को पुकारा, और आहाज की घूपघड़ी की छाया, जो दस अंश ढल चुकी थी, यहोवा ने उसको पीछे की ओर लौटा दिया।
12 उस समय बलदान का पुत्रा बरोदकबलदान जो बाबेल का राजा था, उस ने हिजकिरयाह के रोगी होने की चर्चा सुनकर, उसके पास पत्री और भेंट भेजी।
13 उनके लानेवालों की मानकर हिजकिरयाह ने उनको अपने अनमोल पदाथ का सब भणडार, और चान्दी और सोना और सुगन्ध द्ररय और उत्तम तेल और अपने हथियारों का पूरा घर और अपने भणडारों में जो जो वस्तुएं थीं, वे सब दिखाई; हिजकिरयाह के भवन और राज्य भर में कोई ऐसी वस्तु रही, जो उस ने उन्हें दिख्खाई हो।
14 तब यशायाह भविष्यद्वक्ता ने हिजकिरयाह राजा के पास जाकर पुछा, वे मनुष्य क्या कह गए? और कहां से तेरे पास आए थे? हिजकिरयाह ने कहा, वे तो दूर देश से अर्थात् बाबेल से आए थे।
15 फिर उस ने पूछा, तेरे भवन में उन्हों ने क्या क्या देखा है? हिजकिरयाह ने कहा, जो कुछ मेरे भवन में है, वह सब उन्हों ने देखा। मेरे भणडारों में कोई ऐसी वस्तु नहीं, जो मैं ने उन्हें दिखाई हो।
16 यशायाह ने हिजकिरयाह से कहा, यहोवा का वचन सुन ले।
17 ऐसे दिन आनेवाले है, जिन में जो कुछ तेरे भवन में हैं, और जो कुछ तेरे मुरखाओं का रखा हुआ आज के दिन तक भणडारों में है वह सब बाबेल को उठ जाएगा; यहोवा यह कहता है, कि कोई वस्तु बचेगी।
18 और जो पुत्रा तेरे वंश में उत्पन्न हों, उन में से भी कितनों को वे बन्धुआई में ले जाएंगे; और वे खोजे बनकर बाबेल के राजभवन में रहेंगे।
19 हिजकिरयाह ने यशायाह से कहा, यहोवा का वचन जो तू ने कहा है, वह भला ही है, फिर उस ने कहा, क्या मेरे दिनों में शांति और सच्चाई बनी रहेंगी?
20 हिजकिरयाह के और सब काम और उसकी सारी वीरता और किस रीति उस ने एक पोखरा और नाली खुदवाकर नगर में पानी पहुंचा दिया, यह सग क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है?
21 निदान हिजकिरयाह अपने पुरखाओं के संग सो गया और उसका पुत्रा मनश्शे उसके स्थान पर राज्य करने लगा।