Psalms 94
1 प्रभु प्रतिशोधी परमेश्वर है। हे प्रतिशोधी परमेश्वर, प्रकाशवान हो!
2 हे पृथ्वी के न्यायकर्ता, उठ! अहंकारियों को प्रतिफल दे!
3 हे प्रभु, दुर्जन कब तक, दुर्जन कब तक आनन्दित होते रहेंगे?
4 वे निरन्तर धृष्ट वचन बोलते हैं; समस्त कुकर्मी डींग मारते हैं।
5 हे प्रभु, वे तेरे निज लोगों को कुचलते हैं; तेरी मीरास को पीड़ित करते हैं।
6 वे परदेशी और विधवा की हत्या करते हैं, वे पितृहीन बच्चों को मार डालते हैं;
7 वे यह कहते हैं, ‘प्रभु नहीं देखता है; इस्राएल का परमेश्वर नहीं समझता है।’
8 अरे नासमझ लोगो, तुम विचार करो; अरे मूर्खो, तुम कब समझ से काम लोगे?
9 क्या कान को बनाने वाला स्वयं नहीं सुनता? अथवा आंख का रचयिता स्वयं नहीं देखता?
10 क्या राष्ट्रों को ताड़ित करनेवाला प्रभु उन्हें ताड़ित न करेगा? जो प्रभु मनुष्यों को ज्ञान की बातें सिखाता है,
11 वह मनुष्यों के विचारों को जानता है; वह यह भी जानता है कि मनुष्य श्वास मात्र है।
12 धन्य है वह मनुष्य, जिसको, प्रभु, तू ताड़ित करता है, और यों उसे अपनी व्यवस्था सिखाता है।
13 तू उसे संकट के दिनों में उस समय तक शान्ति देता है, जब तक दुर्जन के लिए गड्ढा न खुद जाए।
14 प्रभु अपने निज लोगों को नहीं छोड़ेगा, वह अपनी मीरास को नहीं त्यागेगा।
15 न्याय धार्मिकता की ओर लौटेगा, और सब निष्कपट व्यक्ति उसका अनुसरण करेंगे।
16 दुर्जन के विरुद्ध कौन मेरे पक्ष में उठेगा? कुकर्मियों के विरोध में कौन मेरे लिए खड़ा होगा?
17 यदि प्रभु ने मेरी सहायता न की होती, तो मैं तत्काल मृत्यु की खामोशी में निवास करता।
18 जब मैंने यह कहा, ‘मेरे पग फिसल रहे हैं,’ तब हे प्रभु, तेरी करुणा ने मुझे सहारा दिया।
19 जब मेरे हृदय में चिन्ताएं बढ़ जाती हैं, तब तेरे आश्वासन मेरे चित्त को प्रसन्न करते हैं।
20 क्या वे अत्याचारी राजा तुझसे सम्बद्ध हो सकते हैं जो संविधि की आड़ में उत्पात मचाते हैं?
21 वे भक्त के प्राण के लिए एकत्र होते हैं, वे निर्दोष को मृत्यु-दण्ड देते हैं;
22 किन्तु प्रभु मेरे लिए शरण-स्थल है, मेरा परमेश्वर मेरे आश्रय की चट्टान बन गया है।
23 वह उन पर ही उनका अनिष्ट लौटाएगा; वह उन्हीं की बुराई के द्वारा उनको नष्ट करेगा; निश्चय ही हमारा प्रभु परमेश्वर उनको नष्ट करेगा।