Bible

Upgrade

Your Church Presentations in Minutes

Try RisenMedia.io Today!

Click Here

Psalms 57

:
Hindi - CLBSI
1 हे परमेश्‍वर, मुझ पर कृपा कर; मुझ पर कृपा कर; क्‍योंकि मैं तेरी ही शरण में आया हूँ। जब तक विनाश की आंधी चली जाए, मैं तेरे पंखों की छाया में रहूंगा।
2 मैं सर्वोच्‍च परमेश्‍वर को पुकारता हूँ; परमेश्‍वर को, जो मेरे लिए सब कुछ पूर्ण करता है।
3 जब मुझे कुचलनेवाला मेरी निन्‍दा करता होगा वह स्‍वर्ग से मुझे बचा लेगा; सेलाह परमेश्‍वर अपनी करुणा और सत्‍य भेजेगा।
4 मेरा प्राण सिंहों के मध्‍य है; मैं धधकती ज्‍वाला में सोता हूँ; ऐसे मनुष्‍यों के बीच जिन के दांत भाले और तीर हैं, जिनकी जीभ दुधारी तलवार है।
5 हे परमेश्‍वर, स्‍वर्ग पर अपनी महानता प्रकट कर, समस्‍त पृथ्‍वी पर तेरी महिमा व्‍याप्‍त हो।
6 शत्रुओं ने मेरे पैरों के लिए जाल फैलाया है; मैं झुक गया हूँ। उन्‍होंने मेरे सम्‍मुख एक गड्ढा खोदा है; पर वे स्‍वयं उसमें गिर पड़े हैं। सेलाह
7 हे परमेश्‍वर, मेरा हृदय तुझ में लीन है। लीन है मेरा हृदय! मैं गीत गाऊंगा, राग बजाऊंगा।
8 जाग, मेरे प्राण! जागो, वीणा और सितार! मैं प्रभात को जगा दूंगा।
9 स्‍वामी, मैं देश-देश में तेरी सराहना करूँगा; राष्‍ट्रों के मध्‍य मैं तेरी स्‍तुति गाऊंगा।
10 तेरी करुणा स्‍वर्ग तक महान है; और तेरा सत्‍य मेघों तक।
11 हे परमेश्‍वर, स्‍वर्ग पर अपनी महानता प्रकट कर; समस्‍त पृथ्‍वी पर तेरी महिमा व्‍याप्‍त हो!