Bible

Say Goodbye

To Clunky Software & Sunday Tech Stress!

Try RisenMedia.io Today!

Click Here

Psalms 55

:
Hindi - CLBSI
1 हे परमेश्‍वर, मेरी प्रार्थना पर कान दे; मेरी विनती को अस्‍वीकार कर।
2 मेरी ओर ध्‍यान दे, मुझे उत्तर दे; मैं अपनी विपत्तियों से व्‍यथित हो विलाप करता हूँ।
3 शत्रु की धमकी और दुष्‍ट के दमन के कारण मैं व्‍याकुल रहता हूँ। वे मुझ पर विपत्ति ढाहते हैं, और क्रोध में मेरे प्रति शत्रुभाव रखते हैं।
4 मेरे भीतर मेरा हृदय व्‍यथित है; मृत्‍यु का आतंक मुझ पर छा गया है।
5 कंपन और भय मुझ में समा गये हैं, और आतंक ने मुझे वश में कर लिया है।
6 मैंने कहा, “भला होता कि मेरे कपोत-सदृश पंख होते; और मैं उड़ जाता और शान्‍ति पाता।
7 अहा! मैं दूर उड़ जाता और निर्जन प्रदेश में निवास करता। सेलाह
8 आंधी और अंधड़ से बचने के लिए मैं सुरक्षित स्‍थान में पहुंचने की शीघ्रता करता।”
9 स्‍वामी, उनके प्रयत्‍नों को विफल कर; उनकी जीभ को काट दे; मैंने नगर में हिंसा और कलह देखे हैं।
10 वे दिन-रात उसके परकोटे पर चढ़कर परिक्रमा करते हैं; उसके मध्‍य अनिष्‍ट और कष्‍ट हैं;
11 उसके बीच विनाश है; अत्‍याचार और छल-कपट चौक से दूर नहीं होते।
12 शत्रु ने मेरी निन्‍दा नहीं की है; अन्‍यथा मैं सह जाता; और मुझ से घृणा करनेवाले ने मेरे विरुद्ध शक्‍ति-प्रदर्शन किया; अन्‍यथा मैं उससे छिप जाता।
13 किन्‍तु वह तो तू था− मेरा समकक्ष, मेरा साथी, मेरा परम मित्र!
14 हम परस्‍पर मधुर वार्तालाप करते थे; हम आराधकों के झुंड में परमेश्‍वर के घर जाते थे।
15 विनाश उन पर छा जाए; वे जीवित ही मृतक-लोक को चले जाएं; क्‍योंकि बुराई उनके घर में, उनके मध्‍य में है।
16 मैं परमेश्‍वर को पुकारता हूँ; प्रभु ही मुझे बचाएगा।
17 मैं संध्‍या, प्रात: और दोपहर में दु:ख के उद्गार प्रकट करता, और रोता हूँ; वह मेरी आवाज सुनेगा।
18 युद्ध में प्रभु मेरी रक्षा करेगा; जब मेरे विरुद्ध अनेक शत्रु खड़े होंगे, वह मेरे प्राणों का उद्धार करेगा।
19 परमेश्‍वर सनातन काल से सिंहासन पर विराजमान है, मेरी प्रार्थना सुनकर वह उन्‍हें उत्तर देगा। सेलाह क्‍योंकि उन लोगों का हृदय-परिवर्तन होता है और वे परमेश्‍वर से डरते हैं।
20 मेरे साथी ने अपने ही मित्रों के विरुद्ध हाथ उठाया; उसने अपने समझौते पर आघात किया।
21 उसके मुंह की बातें मक्‍खन से अधिक चिकनी थीं, पर उसके हृदय में द्वेष था। उसके शब्‍द तेल की अपेक्षा कोमल थे; फिर भी वे नंगी तलवार थे।
22 अपना भार प्रभु पर डाल दो; वह तुम्‍हें सहारा देगा; वह धार्मिक मनुष्‍य को कभी विचलित होने देगा!
23 परमेश्‍वर, तू उन्‍हें विनाश के गर्त्त में डालेगा; रक्‍त-पिपासु और कपटी मनुष्‍य आधी आयु भी व्‍यतीत कर पाएंगे। पर मैं तुझ पर ही भरोसा करूंगा।