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Psalms 53

:
Hindi - CLBSI
1 मूर्ख अपने हृदय में यह कहते हैं: “परमेश्‍वर है ही नहीं।” वे भ्रष्‍ट हो गए हैं, वे अन्‍याय के घृणास्‍पद कार्य करते हैं; ऐसा कोई भी नहीं, जो भलाई करता है।
2 परमेश्‍वर स्‍वर्ग से मनुष्‍यों पर दृष्‍टिपात करता है, यह देखने के लिए कि क्‍या कोई ऐसा मनुष्‍य है जो समझ से काम करता है, जो परमेश्‍वर को खोजता है?
3 सब मनुष्‍य मार्ग से हट गए हैं; सब एक-जैसे भ्रष्‍ट हो गए हैं; ऐसा कोई भी नहीं जो भलाई करता है। नहीं, एक भी नहीं।
4 क्‍या कुकर्मी नहीं समझते, मेरे लोगों का खून चूसने वाले कुकर्मी, क्‍या वे बिल्‍कुल नासमझ हैं? वे मुझ-परमेश्‍वर की आराधना नहीं करते।
5 जहां आतंक था ही नहीं वहां वे अत्‍यन्‍त आतंकित हो उठे! परमेश्‍वर ने उनकी अस्‍थियों को चूर-चूर कर दिया, उन्‍होंने तेरे विरुद्ध घेरा डाला था। तूने उन्‍हें लज्‍जित किया; क्‍योंकि परमेश्‍वर ने उन्‍हें त्‍याग दिया था।
6 भला हो कि सियोन से इस्राएल का उद्धार प्रकट हो! जब परमेश्‍वर अपने निज लोगों को समृद्धि पुन: प्रदान करेगा तब याकूब आनन्‍द मनाएगा और इस्राएल हर्षित होगा।