Bible

Designed

For Churches, Made for Worship

Try RisenMedia.io Today!

Click Here

Psalms 50

:
Hindi - CLBSI
1 सर्वशक्‍तिमान प्रभु परमेश्‍वर ने यह कहा है- उसने उदयाचल से अस्‍ताचल तक पृथ्‍वी को बुलाया है।
2 साकार सौन्‍दर्य-सियोन से परमेश्‍वर प्रकाशमान हुआ।
3 हमारा परमेश्‍वर आता है; वह शान्‍त नहीं रह सकता; उसके समक्ष भस्‍मकारी अग्‍नि है और उसके चारों ओर प्रचंड आंधी।
4 वह आकाश और पृथ्‍वी को बुलाता है जिससे वह अपने निज लोगों का न्‍याय करे;
5 “मेरे भक्‍तों को मेरे निकट एकत्र करो; जिन्‍होंने बलि चढ़ाकर मुझसे विधान स्‍थापित किया है।”
6 आकाश परमेश्‍वर की धार्मिकता को घोषित करता है; क्‍योंकि परमेश्‍वर स्‍वयं न्‍यायधीश है। सेलाह
7 “ओ मेरे निज लोगो! सुनो, मैं तुमसे बात करूंगा; इस्राएली प्रजा, मैं तेरे विरुद्ध साक्षी दूंगा। मैं परमेश्‍वर, तेरा परमेश्‍वर हूँ।
8 मैं तेरी भिन्न-भिन्न बलि के लिए तेरी भत्‍र्सना नहीं करता; तेरी अग्‍निबलि तो मेरे समक्ष निरन्‍तर विद्यमान है।
9 अब मैं तेर घर से बैल, और तेरी पशुशाला से बकरे स्‍वीकार नहीं करूंगा।
10 क्‍योंकि वन का प्रत्‍येक प्राणी, हजारों पर्वतों के पशु मेरे ही हैं।
11 आकाश के समस्‍त पक्षियों को मैं जानता हूँ; भूमि का ‘पशु धन’ मेरा ही है।
12 “यदि मैं भूखा होता तो तुझ से नहीं कहता; क्‍योंकि संसार और उसकी परिपूर्णता मेरी ही है।
13 क्‍या मैं बैल का मांस खाता हूँ, और बकरे का रक्‍त पीता हूँ?
14 मुझे-अपने परमेश्‍वर को ‘स्‍तुति बलि’ चढ़ा; और सर्वोच्‍च प्रभु के लिए अपने व्रत पूर्ण कर।
15 संकटकाल में मुझे पुकार। मैं तुझे मुक्‍त करूंगा, और तू मेरी महिमा करेगा।”
16 पर परमेश्‍वर दुर्जन से यह कहता है: “तुझे मेरी संविधि का पाठ करने और अपने मुंह पर मेरा विधान लाने का अधिकार नहीं।
17 तू अनुशासन से घृणा करता, और मेरे वचनों को त्‍याग देता है।
18 यदि तू चोर को देखता है, तो उसका साथी बन जाता है। व्‍यभिचारियों के साथ तेरा संपर्क है;
19 तूने अपना मुंह बुराई को सौंप दिया है; तेरी जीभ छल की बातें गढ़ती है।
20 तू बैठकर अपने भाई-बहिन के विरुद्ध बोलता है; तू अपने सगे भाई-बहिन की निन्‍दा करता है।
21 ये काम तूने किए, पर मैं चुप रहा; तूने सोचा कि मैं तेरे जैसा हूँ। पर अब मैं तेरी भत्‍र्सना करता हूँ− और तेरी आंखों के सामने अभियोग सिद्ध करता हूँ।
22 परमेश्‍वर को भूलने वालो! इस बात को समझो− ऐसा हो कि मैं तुम्‍हें सिंह के समान विदीर्ण करूं, और तुम्‍हें मुक्‍त करने वाला कोई हो।
23 जो मुझे ‘स्‍तुति-बलि’ चढ़ाता है, वह मेरी महिमा करता है; जो अपना आचारण निर्दोष रखता है, उसे मैं−परमेश्‍वर, अपने उद्धार के दर्शन कराऊंगा।”