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Psalms 101

:
Hindi - CLBSI
1 मैं करुणा और न्‍याय के गीत गाऊंगा; हे प्रभु, तेरे लिए मैं राग बजाऊंगा।
2 मैं निर्दोष आचरण पर ध्‍यान दूंगा, प्रभु, तू मेरे पास कब आएगा? मैं अपने घर के भीतर शुद्ध हृदय से आचरण करूंगा;
3 मैं अधम बातों को अपने नेत्रों के समक्ष नहीं रखूंगा। मैं पथभ्रष्‍टों के काम से घृणा करता हूं, मैं दुष्‍कर्म में लिप्‍त नहीं हूंगा।
4 हृदय की कुटिलता मुझ से दूर रहेगी; मैं बुराई से अनजान रहूंगा।
5 जो व्यक्‍ति गुप्‍त रूप से अपने पड़ोसी की निन्‍दा करता है, उसको मैं नष्‍ट करूंगा; जिसकी आखें घमण्‍ड से चढ़ी हैं और जिसके हृदय में अहंकार है, उसको मैं सहन नहीं करूंगा।
6 मेरी कृपादृष्‍टि देश के विश्‍वासपात्रों पर होगी, कि वे मेरे साथ निवास करें; जो व्यक्‍ति निर्दोष मार्ग पर चलता है, वह मेरी सेवा करेगा।
7 जो व्यक्‍ति छल-कपट करता है, वह मेरे घर के भीतर नहीं रह सकेगा; जो झूठ बोलता है, वह मेरे नेत्रों के समक्ष नहीं टिक सकेगा।
8 प्रभु के नगर से, सब कुकर्मियों को मिटाने के लिए मैं सबेरे-सबेरे देश के समस्‍त दुर्जनों को नष्‍ट करूंगा।