Numbers 7
1 जिस दिन मूसा ने निवास-स्थान को खड़ा किया, उसको तथा उसके समस्त उपकरणों को अभ्यंजित एवं पवित्र किया और वेदी को भी उसके समस्त पात्रों के साथ अभ्यंजित एवं पवित्र किया
2 उस दिन इस्राएल के नेताओं ने चढ़ावा चढ़ाया। ये अपने पूर्वजों के परिवारों के मुखिया, कुलों के नेता थे, जो जनगणना के लिए नियुक्त किए गए थे।
3 वे प्रभु के सम्मुख अपना चढ़ावा लाए: छतवाली छह गाड़ियाँ और बारह बैल। दो नेताओं की ओर से एक बैल। उन्होंने उनको निवास-स्थान के सम्मुख चढ़ाया।
4 प्रभु ने मूसा से कहा,
5 ‘यह चढ़ावा उनके हाथ से ग्रहण कर जिससे वह मिलन-शिविर के सेवा-कार्यों में प्रयुक्त किया जाए। यह लेवी वंशीय प्रत्येक व्यक्ति के सेवा-कार्य के अनुसार उसको दे देना।’
6 अत: मूसा ने गाड़ियाँ तथा बैल ग्रहण किए और उन्हें लेवी वंशियों को सौंप दिया।
7 उन्होंने दो गाड़ी तथा चार बैल गेर्शोनियों के सेवा-कार्य के अनुसार उनको दिए।
8 चार गाड़ी तथा आठ बैल मरारियों के सेवा-कार्य के अनुसार उनको दिए। ये पुरोहित हारून के पुत्र ईतामर के अधीन कार्य करते थे।
9 किन्तु मूसा ने कहात वंशियों को कुछ नहीं दिया; क्योंकि उनका पवित्र वस्तुओं से सम्बन्धित यह सेवा-कार्य था कि वे उनको अपने कन्धों पर वहन किया करें।
10 जिस दिन वेदी को अभ्यंजित किया गया, उस दिन नेताओं ने “प्रतिष्ठा भेंट” चढ़ाई। नेताओं ने वेदी के सम्मुख अपना-अपना चढ़ावा चढ़ाया।
11 प्रभु ने मूसा से कहा, ‘प्रत्येक दिन एक नेता वेदी की प्रतिष्ठा-भेंट के हेतु अपना चढ़ावा चढ़ाएगा।’
12 पहले दिन चढ़ावा चढ़ानेवाला व्यक्ति यहूदा कुल के अम्मीनादब का पुत्र नहशोन था।
13 यह उसका चढ़ावा था: चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−;
14 धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान;
15 अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना;
16 पाप-बलि के लिए एक बकरा;
17 सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। अम्मीनादब के पुत्र नहशोन का यही चढ़ावा था।
18 दूसरे दिन इस्साकार कुल के नेता, सूआर के पुत्र नतनेल ने चढ़ावा चढ़ाया।
19 उसने अपने चढ़ावे में यह चढ़ाया: चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−;
20 धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान;
21 अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना;
22 पाप-बलि के लिए एक बकरा;
23 सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। सूआर के पुत्र नतनेल का यही चढ़ावा था।
24 तीसरे दिन जबूलून वंशियों के नेता, हेलोन के पुत्र एलीआब ने
25 अपना चढ़ावा चढ़ाया: चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−;
26 धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान;
27 अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना;
28 पाप-बलि के लिए एक बकरा;
29 सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। हेलोन के पुत्र एलीआब का यही चढ़ावा था।
30 चौथे दिन रूबेन वंशियों के नेता, शदेऊर के पुत्र एलीसूर ने
31 अपना चढ़ावा चढ़ाया: चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−;
32 धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान;
33 अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना;
34 पाप-बलि के लिए एक बकरा;
35 सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। शदेऊर के पुत्र एलीसूर का यही चढ़ावा था।
36 पांचवें दिन शिमोन वंशियों के नेता, सूरीशद्दय के पुत्र शलूमीएल ने
37 अपना चढ़ावा चढ़ाया: चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−;
38 धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान;
39 अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना;
40 पाप-बलि के लिए एक बकरा;
41 सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। सूरीशद्दय के पुत्र शलूमीएल का यही चढ़ावा था।
42 छठे दिन गाद वंशियों के नेता, दूएल के पुत्र एलयासप ने
43 अपना चढ़ावा चढ़ाया: चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−;
44 धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान;
45 अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना;
46 पाप-बलि के लिए एक बकरा;
47 सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। दूएल के पुत्र एलयासप का यही चढ़ावा था।
48 सातवें दिन एफ्रइम वंशियों के नेता, अम्मीहूद के पुत्र एलीशामा ने
49 अपना चढ़ावा चढ़ाया: चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−;
50 धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान;
51 अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना;
52 पाप-बलि के लिए एक बकरा;
53 सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। अम्मीहूद के पुत्र एलीशामा का यही चढ़ावा था।
54 आठवें दिन मनश्शे वंशियों के नेता, पदासूर के पुत्र गम्लीएल ने
55 अपना चढ़ावा चढ़ाया: चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−;
56 धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान;
57 अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना;
58 पाप-बलि के लिए एक बकरा;
59 सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। पदासूर के पुत्र गम्लीएल का यही चढ़ावा था।
60 नौवें दिन बिन्यामिन वंशियों के नेता, गिद्ओनी के पुत्र अबीदन ने
61 अपना चढ़ावा चढ़ाया: चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−;
62 धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान;
63 अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना;
64 पाप-बलि के लिए एक बकरा;
65 सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। गिद्ओनी के पुत्र अबीदन का यही चढ़ावा था।
66 दसवें दिन दान वंशियों के नेता, अम्मीशद्दय के पुत्र अहीएजर ने
67 अपना चढ़ावा चढ़ाया: चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−;
68 धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान;
69 अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना;
70 पाप-बलि के लिए एक बकरा;
71 सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। अम्मीशद्दय के पुत्र अहीएजर का यही चढ़ावा था।
72 ग्यारहवें दिन आशेर वंशियों के नेता, ओक्रन के पुत्र पगईएल ने
73 अपना चढ़ावा चढ़ाया: चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−;
74 धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान;
75 अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना;
76 पाप-बलि के लिए एक बकरा;
77 सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। ओक्रन के पुत्र पगईएल का यही चढ़ावा था।
78 बारहवें दिन नफ्ताली वंशियों के नेता, एनन के पुत्र अहीर ने
79 अपना चढ़ावा चढ़ाया: चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−;
80 धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान;
81 अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना;
82 पाप-बलि के लिए एक बकरा;
83 सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। एनन के पुत्र अहीर का यही चढ़ावा था।
84 जिस दिन वेदी को अभ्यंजित किया गया, उस दिन इस्राएल के नेताओं की ओर से वेदी के लिए यही ‘प्रतिष्ठा भेंट’ चढ़ाई गई: चांदी के बारह परात, चांदी की बारह चिलमची, बारह स्वर्ण-धूपदान।
85 प्रत्येक परात का भार डेढ़ किलो, हरएक चिलमची का भार आठ सौ ग्राम था। इस प्रकार चांदी के समस्त पात्रों का भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार सत्ताईस किलो छ: सौ ग्राम था।
86 पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार प्रत्येक धूपदान का भार एक सौ बीस ग्राम था। धूप से भरे बारह स्वर्ण-धूपदान थे। इस प्रकार धूपदानों का स्वर्ण-भार एक किलो चार सौ चालीस ग्राम था।
87 अग्नि-बलि के लिए अन्न-बलि के साथ कुल बारह बैल, बारह मेढ़े, एक-एक वर्ष के बारह मेमने, तथा पाप-बलि के लिए बारह बकरे।
88 सहभागिता-बलि के लिए कुल चौबीस बैल, साठ मेढ़े, साठ बकरे, एक-एक वर्ष के साठ मेमने। वेदी के अभ्यंजन के पश्चात् वेदी के लिए चढ़ाई गई ‘प्रतिष्ठा भेंट’ यही थी।
89 मूसा प्रभु से वार्तालाप करने के लिए मिलन-शिविर में गए। वहाँ उन्होंने दया-आसन के ऊपर साक्षी-मंजूषा पर स्थापित दोनों करूबों के मध्य से यह वाणी सुनी, जो उनसे बात कर रही थी।