Bible

Power Up

Your Services with User-Friendly Software

Try RisenMedia.io Today!

Click Here

Judges 5

:
Hindi - CLBSI
1 उसी दिन दबोराह ने अबीनोअम के पुत्र बारक के साथ यह गीत गाया:
2 ‘इस्राएल के योद्धाओं ने केश बिखराए, लोग स्‍वेच्‍छा से युद्ध में गए, प्रभु को धन्‍य कहो!
3 ‘ओ राजाओ, सुनो! शासको, ध्‍यान दो! मैं प्रभु के लिए गीत गाऊंगा इस्राएल के प्रभु परमेश्‍वर के लिए वाद्य बजाऊंगा।
4 ‘प्रभु, जब तू सेईर देश से बाहर निकला, जब तूने एदोम के मैदान से प्रस्‍थान किया, तब भूमि कांपने लगी, और आकाश बरसने लगा, मेघ जल बरसाने लगे।
5 इस्राएल के प्रभु परमेश्‍वर के सम्‍मुख, सीनय पर्वत के प्रभु के सामने, पर्वत कंपित हो गए!
6 ‘अनात के पुत्र शमगर के दिनों में, याएल के दिनों में राजमार्गों पर कारवों का जाना बन्‍द हो गया था। तब यात्री पगडंडियों से जाते थे।
7 जब तक तू, दबोराह, इस्राएल देश में माता के रूप में नहीं उठी तब तक इस्राएली गांव निर्जन पड़े रहे।
8 जब नए देवता चुने गए, तब नगर के प्रवेश-द्वार पर युद्ध गया। इस्राएली सेना के चालीस हजार सैनिकों के पास क्‍या ढाल और भाले दिखाई दिए?
9 मेरा हृदय इस्राएली सेना-नायकों को अर्पित है, जो लोगों के मध्‍य से स्‍वेच्‍छा से युद्ध में गए। प्रभु को धन्‍य कहो!
10 सफेद गदहियों पर सवारी करनेवालो! कीमती कालीनों पर विराजनेवालो! राजमार्ग के पथिको! इस बात पर विचार करो।
11 पनघट पर पानी भरनेवाली स्‍त्रियाँ उच्‍च स्‍वर में गीत गाती हैं; वे प्रभु की विजय के गीत गाती हैं; इस्राएली ग्रामीणों की विजय के गीत गाती हैं। तब प्रभु के लोग नगर के प्रवेश-द्वारों पर गए।
12 ‘जाग, जाग, दबोराह! जाग, जाग! गीत गा! उठ, बारक! अबीनोअम के पुत्र, अपने युद्ध बन्‍दियों को प्रदर्शित कर!
13 कुलीन वर्ग के शेष लोग नीचे उतर गए, प्रभु के लोग उसकी ओर से शक्‍तिशाली शत्रु से युद्ध करने के लिए नीचे उतरे।
14 एफ्रइम पहाड़ी प्रदेश से वे घाटी में आए बिन्‍यामिन के कुल, तेरे पीछे तेरे सम्‍बन्‍धी गए। माकीर गोत्र से सेना-नायक, शास्‍त्रियों की लाठी वहन करनेवाले जबूलून कुल के लोग नीचे उतरे।
15 इस्‍साकार के शासक दबोराह के साथ आए; इस्‍साकार बारक के प्रति निष्‍ठावान था। वे उसके पीछे घाटी में उतर पड़े। किन्‍तु रूबेन कुल के गोत्र अपने-अपने हृदय टटोलते रह गए।
16 क्‍यों तू भेड़शालाओं के मध्‍य बैठा था? क्‍या चरवाहों का बांसुरी-वादन सुनने के लिए? रूबेन कुल के गोत्र सोच-विचार करते रहे।
17 गिलआद-कुल यर्दन नदी के उस पार रह गया। क्‍यों दान के वंशज दूर जलयानों में लगे रहते हैं? आशेर कुल समुद्र तट पर निश्‍चल बैठा है। वह अपने बन्‍दरगाहों में शांति से निवास कर रहा है।
18 पर जबूलून कुल के लोगों ने, अपने प्राण को संकट में डालकर मृत्‍यु का सामना किया। नफ्‍ताली कुल के वंशजों ने भी ऊंचे मैदानी टीलों पर यही किया।
19 ‘राजा आए। उन्‍होंने युद्ध किया। तब कनान के राजाओं ने तअनख पर मगिद्दो के जलाशय पर युद्ध किया; पर उन्‍हें लूट में चाँदी हाथ लगी।
20 आकाश में से नक्षत्रों ने युद्ध किया। उन्‍होंने सीसरा के विरुद्ध अपनी कक्षा में से युद्ध किया।
21 कीशोन की प्रचण्‍ड धारा ने, सतत प्रवाहित प्रचण्‍ड धारा ने, कीशोन की प्रचण्‍ड धारा ने उन्‍हें बहा दिया। मेरे प्राण, साहस से आगे बढ़!
22 अब घोड़ों के खुरों की टाप का स्‍वर उच्‍च हुआ; उसके जंगी घोड़ों के सरपट दौड़ने से यह स्‍वर हुआ।
23 प्रभु का दूत यह कहता है: “मेरोज नगर को शाप दो! उसके निवासियों को निश्‍चय ही शाप दो! क्‍योंकि वे प्रभु की सहायता करने, शक्‍तिशाली शत्रु के विरुद्ध प्रभु की सहायता करने नहीं आए।”
24 ‘केनीय हेबर की पत्‍नी याएल सब स्‍त्रियों में धन्‍य है! तम्‍बुओं में निवास करनेवाली स्‍त्री-जाति में याएल सर्वाधिक धन्‍य है!
25 सीसरा ने पानी माँगा, उसने दूध दिया। वह राजसी पात्र में दही लाई।
26 याएल ने तम्‍बू की खूंटी पर हाथ रखा; उसने दाहिने हाथ से लोहार का हथौड़ा उठाया; और सीसरा पर प्रहार किया। उसने सीसरा का सिर कुचल दिया। उसकी कनपटी को फोड़ दिया। कनपटी को आरपार छेद दिया।
27 सीसरा के घुटने लड़खड़ाए! वह गिर पड़ा। वह याएल के पैरों पर निश्‍चल पड़ा था! जहाँ वह लड़खड़ाया वहीं मरकर गिर पड़ा।
28 ‘सीसरा की माँ ने खिड़की से झांका, उसने चिलमन से बाहर निहारा: “सीसरा के रथ के आने में देर क्‍यों हो रही है? उसके रथों के टापने की आवाज को विलम्‍ब क्‍यों हो रहा है?”
29 तब उसकी सर्वाधिक बुद्धिमती सखी ने उसे उत्तर दिया, नहीं, उसने स्‍वयं अपने-आप को उत्तर दिया:
30 “निस्‍सन्‍देह वे लूट के माल को एकत्र कर, आपस में बांट रहे हैं, प्रत्‍येक पुरुष को एक या दो कन्‍याएँ; लूट के रंगीन वस्‍त्र, रंगीन, बेल-बूटेदार वस्‍त्र सीसरा को मिलेंगे; मेरे गले के लिए लूट में बेल-बूटेदार दो रूमाल मिलेंगे।”
31 ‘यों, हे प्रभु, तेरे सब शत्रु मर मिटें! पर तेरे मित्र शक्‍ति के साथ उगते हुए सूर्य के सदृश हों!’ इस्राएलियों के देश में चालीस वर्ष तक शान्‍ति रही।