Joshua 3
1 यहोशुअ सबेरे उठा। उसने इस्राएली समाज के साथ शिट्टीम के पड़ाव से प्रस्थान किया। वे यर्दन नदी के तट पर पहुंचे। उन्होंने उस पार जाने से पूर्व वहां पर पड़ाव डाला।
2 शास्त्रियों ने तीन दिन के पश्चात् समस्त पड़ाव का दौरा किया।
3 उन्होंने लोगों को यह आदेश दिया, ‘जब तुम अपने प्रभु परमेश्वर की विधान-मंजूषा को लेवीय पुरोहितों के द्वारा ले जाते हुए देखो, तब अपने-अपने स्थान से प्रस्थान कर उसका अनुगमन करना।
4 तब तुम्हें ज्ञात होगा कि किस दिशा में तुम्हें जाना है, क्योंकि तुम इस ओर पहले कभी नहीं आए थे। परन्तु तुम विधान-मंजूषा के निकट मत जाना, वरन् उससे एक किलोमीटर पीछे रहना।’
5 यहोशुअ ने इस्राएलियों से कहा, ‘तुम अपने-आप को शुद्ध करो, क्योंकि प्रभु कल तुम्हारे मध्य आश्चर्यपूर्ण कार्य करेगा।’
6 उसने पुरोहितों से यह कहा, ‘विधान की मंजूषा उठाकर लोगों के आगे-आगे चलो।’ पुरोहित विधान की मंजूषा उठाकर इस्राएली समज के आगे-आगे चलने लगे।
7 प्रभु ने यहोशुअ से कहा, ‘आज मैं एक आश्चर्यपूर्ण कार्य करूंगा। उसके कारण तू समस्त इस्राएली समाज के सम्मुख एक महान् पुरुष के रूप में प्रतिष्ठित हो जाएगा। तब उन्हें ज्ञात होगा कि मैं जैसा मूसा के साथ था वैसा ही तेरे साथ भी हूं।
8 तू विधान-मंजूषा वहन करने वाले पुरोहितों को यह आदेश दे, “जब तुम यर्दन नदी के तट पर पहुंचोगे तब नदी में खड़े हो जाना।” ’
9 यहोशुअ ने इस्राएली लोगों से कहा, ‘पास आओ, और अपने प्रभु परमेश्वर के वचन सुनो।’
10 उसने आगे कहा, ‘तुम्हें आज ज्ञात होगा कि तुम्हारे मध्य जीवित परमेश्वर है, और वह तुम्हारे सामने से कनानी, हित्ती, हिव्वी, परिज्जी, गिर्गाशी, एमोरी और यबूसी जातियों को निश्चय ही खदेड़ देगा।
11 देखो, समस्त पृथ्वी के प्रभु की विधान-मंजूषा तुम्हारे सामने यर्दन नदी को पार कर रही है।
12 अब तुम इस्राएल के प्रत्येक कुल में से एक पुरुष के हिसाब से बारह पुरुष लो।
13 देखो, जब प्रभु, समस्त पृथ्वी के स्वामी, की विधान-मंजूषा वहन करनेवाले पुरोहित यर्दन नदी के जल में पैर रखेंगे, तब यर्दन नदी का जल-प्रवाह रुक जाएगा और ऊपर से आने वाला जल एक ढेर के रूप में खड़ा हो जाएगा।’
14 फसल का समय था। नदी जलमग्न थी। इस्राएली लोगों ने नदी पार करने के लिए अपने तम्बुओं से प्रस्थान किया। विधान की मंजूषा वहन करनेवाले पुरोहित इस्राएलियों के आगे थे। जब पुरोहित यर्दन नदी के तट पर पहुँचे और उन्होंने पैर जल में डाले
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16 तब ऊपर का जल-प्रवाह रुक गया, और वह बहुत दूर, सारतन नगर के निकट आदम नगर पर, एक ढेर के रूप में खड़ा हो गया। नीचे की ओर, अराबाह सागर, अर्थात् मृत सागर, की ओर बहने वाला जल पूर्णत: सूख गया और समस्त इस्राएली समाज ने यरीहो नगर के निकट नदी पार कर ली।
17 इस्राएली सूखी भूमि पर उस पार चलते गए। जब तक समस्त इस्राएली कौम ने यर्दन नदी पार नहीं कर ली तब तक प्रभु की विधान-मंजूषा वहन करनेवाले पुरोहित यर्दन नदी के मध्य सूखी भूमि पर स्थिर खड़े रहे।