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Joshua 23

:
Hindi - CLBSI
1 बहुत समय बीत गया। प्रभु ने इस्राएली समाज को उसके आस-पास के शत्रुओं से शान्‍ति प्रदान की। यहोशुअ वृद्ध हो गया था। उसकी बहुत आयु हो गई थी।
2 यहोशुअ ने समस्‍त इस्राएलियों को, उनके धर्मवृद्धों, मुखियों, शासकों और शास्‍त्रियों को बुलाया। उसने उनसे कहा, ‘अब मैं वृद्ध हो गया हूँ। मेरी बहुत आयु हो गई।
3 जो व्‍यवहार प्रभु परमेश्‍वर ने तुम्‍हारे कारण इन जातियों के साथ किया है, वह तुमने स्‍वयं देखा है। स्‍वयं प्रभु परमेश्‍वर ने तुम्‍हारे लिए इनसे युद्ध किया।
4 देखो, मैं उन समस्‍त जातियों की भूमि को जिन्‍हें मैं यर्दन नदी से पश्‍चिम में भूमध्‍य-सागर तक नष्‍ट कर चुका हूँ या जो बच गए हैं, तुम्‍हारे पैतृक-अधिकार के लिए सब कुलों में बांट चुका हूँ।
5 जो जातियाँ बच गई हैं, उन्‍हें प्रभु परमेश्‍वर पीछे हटा देगा, तुम्‍हारी आंखों के सामने से निकाल देगा, और तुम उनकी भूमि पर अधिकार कर लोगे, जैसा प्रभु परमेश्‍वर ने तुमसे कहा है।
6 अत: तुम मूसा की व्‍यवस्‍था की पुस्‍तक में लिखी आज्ञाओं का दृढ़तापूर्वक पालन करो, उनके अनुसार कार्य करो। उससे बाईं ओर मुड़ना और दाईं ओर।
7 तुम इन जातियों में, जो तुम्‍हारे मध्‍य शेष रह गई हैं, मत मिलना-जुलना। उनके देवताओं का नाम मत लेना। उन देवताओं के नाम की शपथ भी नहीं खाना। उनकी पूजा मत करना, और झुककर उन की वन्‍दना करना।
8 वरन् जैसा आज तक तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर से सम्‍बद्ध रहे हो वैसा ही भविष्‍य में रहना।
9 प्रभु ने तुम्‍हारे सम्‍मुख से बड़ी और शक्‍तिशाली जातियों को निकाला। आज तक कोई जाति तुम्‍हारे सम्‍मुख खड़ी नहीं रह सकी।
10 तुम्‍हारा एक सैनिक शत्रुपक्ष के हजार सैनिकों को भगा सकता है; क्‍योंकि प्रभु परमेश्‍वर तुम्‍हारे लिए उनसे युद्ध करता है, जैसा उसने तुमसे कहा है।
11 इसलिए अपने प्रभु परमेश्‍वर से प्रेम करने के लिए सदा तत्‍पर रहो!
12 यदि तुम प्रभु से विमुख हो जाओगे, और अपने मध्‍य निवास करने वाली इन शेष जातियों में घुल-मिल जाओगे, इनसे विवाह-सम्‍बन्‍ध स्‍थापित करोगे, उनकी कन्‍याओं से तुम विवाह करोगे और वे तुम्‍हारी कन्‍याओं से
13 तो तुम निश्‍चय जान लो कि प्रभु परमेश्‍वर तुम्‍हारे सम्‍मुख से इन जातियों को फिर नहीं निकालेगा। जब तक तुम इस उत्तम देश में, जो प्रभु परमेश्‍वर ने तुम्‍हें प्रदान किया है, नष्‍ट नहीं हो जाओगे, तब तक वे तुम्‍हारे लिए जाल और फन्‍दा बनी रहेंगी। वे तुम्‍हारी आँखों में किरकिरी के सदृश और पसलियों में कांटे के समान चुभेंगी।
14 ‘देखो, अब मैं मृत्‍यु के उस मार्ग पर हूँ, जिस पर सब को चलना है। तुम सब अपने हृदय से, अपने अन्‍त:करण से जानते हो कि जिन अच्‍छे कामों को तुम्‍हारे लिए करने की प्रतिज्ञा प्रभु परमेश्‍वर ने की थी, उसने उन सब को पूर्ण किया। एक भी कार्य शेष नहीं रहा।
15 परन्‍तु जैसा प्रभु परमेश्‍वर के वचन के अनुसार तुम्‍हारे हितार्थ सब भले कार्य सम्‍पन्न हुए, वैसा ही तुम्‍हारे अनिष्‍ट के लिए भी बुरे कार्य पूर्ण होंगे। जो देश प्रभु परमेश्‍वर ने तुम्‍हें दिया है, जब तक तुम उस पर नष्‍ट नहीं हो जाओगे तब तक वह तुम पर विपत्तियां ढाहता रहेगा।
16 यदि तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर के विधान को भंग करोगे, जिसका पालन करने की आज्ञा उसने तुम्‍हें दी थी, और दूसरे देवताओं का अनुसरण कर उनकी पूजा करोगे, झुक कर उनकी वन्‍दना करोगे, तो तुम्‍हारे प्रति प्रभु का क्रोध भड़क उठेगा, और तुम इस उत्तम देश में, जिसको उसने तुम्‍हें प्रदान किया है, अविलम्‍ब नष्‍ट हो जाओगे।’