Joshua 14
1 कनान देश में ये भूमि-भाग पैतृक-अधिकार में इस्राएलियों को प्राप्त हुए, जिन्हें पुरोहित एलआजर, यहोशुअ बेन-नून और इस्राएली कुलों के परिवारों के मुखियों ने उनके मध्य बांटा।
2 जैसी आज्ञा प्रभु ने मूसा को दी थी, उसके अनुसार साढ़े नौ कुलों के क्षेत्र को चिट्ठी डालकर पैतृक-अधिकार के लिए निर्धारित किया गया।
3 मूसा ने अढ़ाई कुलों को यर्दन नदी की पूर्व दिशा में पैतृक-अधिकार के लिए भूमि प्रदान की थी; किन्तु उन्होंने इस्राएली समाज के मध्य लेवी कुल को पैतृक-अधिकार के लिए भूमि प्रदान नहीं की थी।
4 यूसुफ के वंशज दो गोत्रों में बंट गए थे: मनश्शे और एफ्रइम। लेवी कुल के लोगों को पैतृक-अधिकार में भूमि नहीं दी गई। पर इसके बदले में उन्हें रहने के लिए नगर तथा उनकी पशु-सम्पत्ति के लिए चरागाह दिए गए।
5 जैसा प्रभु ने मूसा को आज्ञा दी थी, वैसा ही इस्राएली लोगों ने किया। उन्होंने पैतृक-अधिकार के लिए भूमि बांट ली।
6 यहूदा कुल के लोग गिलगाल में यहोशुअ के पास आए। यपून्ने के पुत्र और कनिज्जी गोत्र के कालेब ने उससे कहा, ‘जो बातें प्रभु ने मेरे और तुम्हारे सम्बन्ध में अपने सेवक मूसा से कादेश-बर्नेअ नगर में की थीं, उन्हें तुम जानते हो।
7 जब प्रभु के सेवक मूसा ने इस देश का भेद लेने के लिए मुझे कादेश-बर्नेअ से भेजा था, तब मैं चालीस वर्ष का था। मैं सच्चे हृदय से भेद लेकर लौटा था।
8 पर जो भाई मेरे साथ गए थे, उन्होंने इस्राएली लोगों के हृदय को भय से आतंकित कर दिया था। फिर भी मैंने अपने प्रभु परमेश्वर का सच्चाई से अनुसरण किया था।
9 मूसा ने उस दिन यह शपथ खाई थी, “तुमने मेरे प्रभु परमेश्वर का सच्चाई से अनुसरण किया है, इसलिए जिस भूमि-खण्ड पर तुम्हारे पैर पड़ेंगे, वह तुम्हें और तुम्हारी सन्तान को सदा के लिए पैतृक-अधिकार में अवश्य ही दिया जाएगा।”
10 देखिए, प्रभु की कृपा से मैं अब तक जीवित हूं। जब प्रभु ने मूसा से ये शब्द कहे थे तब से पैंतालीस वर्ष व्यतीत हो गए। उन दिनों इस्राएली समाज निर्जन प्रदेश से गुजर रहा था। अब देखिए, मैं पचासी वर्ष का हूं।
11 मैं आज भी उतना ही हट्टा-कट्टा हूं जितना उस दिन था, जब मूसा ने मुझे भेद लेने के लिए भेजा था। युद्ध के लिए, युद्ध की अन्य सेवाओं के लिए जितनी शक्ति मुझमें उस समय थी, उतनी आज भी है।
12 जैसा प्रभु ने कहा था, उसके अनुसार, अब मुझे यह पहाड़ी क्षेत्र दीजिए। जब हम भेद लेकर लौटे थे, उस दिन तुमने हमारे मुंह से सुना था कि वहाँ अनक वंशी दानव रहते हैं, जिनके नगर ऊंचे-ऊंचे परकोटों से घिरे हैं। प्रभु मेरे साथ रहेगा, और मैं उन्हें वहां से निकाल दूंगा, जैसा प्रभु ने कहा भी है।’
13 यहोशुअ ने शुभ-कामना प्रकट की; और कालेब बेन-यपून्ने को पैतृक-अधिकार के लिए हेब्रोन नगर दे दिया।
14 यपून्ने के पुत्र और कनिज्जी गोत्र के कालेब ने इस्राएल के प्रभु परमेश्वर का सच्चाई से अनुसरण किया था; इसलिए आज तक हेब्रोन नगर कालेब के वंशजों के पैतृक-अधिकार में है।
15 इसके पूर्व हेब्रोन का नाम किर्यात-अर्बा था। अर्बा नामक व्यक्ति दानव-जाति का महान बलवान पुरुष था। इस प्रकार युद्ध समाप्त हुआ, और देश को शान्ति मिली।