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Joshua 1

:
Hindi - CLBSI
1 प्रभु के सेवक मूसा की मृत्‍यु के पश्‍चात् प्रभु ने नून के पुत्र और मूसा के धर्म-सेवक यहोशुअ से कहा,
2 ‘मेरे सेवक मूसा की मृत्‍यु हो गई। इसलिए अब तैयार हो, और सब इस्राएलियों के साथ इस यर्दन नदी को पार कर उस देश में जा जो मैं इस्राएली समाज को दे रहा हूँ।
3 मैंने मूसा को वचन दिया था। अपने वचन के अनुसार जिस-जिस स्‍थान पर तुम्‍हारे पैर पड़ेंगे, वह मैं तुम्‍हें दूंगा।
4 यह तुम्‍हारी राज्‍य-सीमा होगी: दक्षिण में मरुस्‍थल से उत्तर में लबानोन की पहाड़ियों तक, पूर्व में महानदी फरात और हित्ती जाति के समस्‍त देश से पश्‍चिम में भूमध्‍यसागर तक।
5 जब तक तू जीवित है तब तक कोई भी व्यक्‍ति तेरा सामना नहीं कर सकेगा। जैसे मैं मूसा के साथ था वैसे ही मैं तेरे साथ रहूँगा। मैं तुझे निस्‍सहाय नहीं छोड़ूँगा। मैं तुझे नहीं त्‍यागूंगा।
6 शक्‍तिशाली और साहसी बन! तू ही इस देश पर इस्राएलियों का अधिकार कराएगा। इस देश को प्रदान करने की शपथ मैंने इस्राएलियों के पूर्वजों से खाई थी।
7 तू साहसी और शक्‍तिशाली बन! जिस व्‍यवस्‍था का आदेश मेरे सेवक मूसा ने तुझे दिया है, उसका पालन कर और उसके अनुसार कार्य कर। उस व्‍यवस्‍था से दाहिनी ओर मुड़ना, और बायीं ओर। तब तू जहाँ-जहाँ जाएगा, वहाँ-वहाँ सफल होगा।
8 इस व्‍यवस्‍था-ग्रन्‍थ के शब्‍द तेरे मुंह से कभी अलग हों। तू रात-दिन उसका पाठ करना, ताकि तू उसमें लिखी हुई सब बातों का पालन कर सके और उनके अनुसार कार्य कर सके। तब तू अपने मार्ग पर उन्नति करेगा, तू अपने कार्य में सफल होगा।
9 स्‍मरण रख, मैंने तुझे यह आज्ञा दी है: “शक्‍तिशाली और साहसी बन! भयभीत मत हो! निराश मत हो!” जहाँ-जहाँ तू जाएगा, वहाँ-वहाँ मैं, तेरा प्रभु परमेश्‍वर, तेरे साथ रहूँगा।’
10 तब यहोशुअ ने इस्राएली समाज के शास्‍त्रियों को यह आज्ञा दी,
11 ‘पड़ाव में जाओ, और लोगों को यह आदेश दो, “अपने भोजन आदि का प्रबन्‍ध कर लो; क्‍योंकि तुम्‍हें तीन दिन के भीतर इस यर्दन नदी को पार करना है। तुम्‍हें उस देश पर अधिकार करने के लिए प्रवेश करना है, जिसको तुम्‍हारा प्रभु परमेश्‍वर तुम्‍हारे अधिकार में प्रदान कर रहा है।”
12 फिर यहोशुअ ने रूबेन तथा गाद के वंशजों और मनश्‍शे गोत्र के आधे वंशजों से कहा,
13 ‘जो आज्ञा प्रभु के सेवक मूसा ने तुम्‍हें दी थी, उसको स्‍मरण करो। उन्‍होंने कहा था; “तुम्‍हारा प्रभु परमेश्‍वर तुम्‍हें एक विश्राम-स्‍थल दे रहा है। वह तुम्‍हें यह देश प्रदान कर रहा है।”
14 तुम्‍हारी पत्‍नी, बच्‍चे और पशु यर्दन नदी के इस पार की भूमि पर रहेंगे, जो मूसा ने तुम्‍हें दी है। किन्‍तु तुम्‍हारे सब बलवान पुरुष शस्‍त्र उठाकर अपने जाति-भाई-बन्‍धुओं के आगे-आगे यर्दन नदी पार करेंगे,
15 जब तक प्रभु तुम्‍हारे जाति-भाई-बन्‍धुओं को भी तुम्‍हारे सामान विश्राम-स्‍थल दे। जब उस देश की भूमि पर, जो प्रभु परमेश्‍वर तुम्‍हें प्रदान कर रहा है, उनका अधिकार हो जाएगा, तब तुम अपने अधिकार क्षेत्र में लौट आना। तुम इस भूमि पर अधिकार करना, जो प्रभु के सेवक मूसा ने तुम्‍हें यहां यर्दन नदी के पूर्वी भाग में दी है।’
16 उन्‍होंने यहोशुअ को उत्तर दिया, ‘हम आपके सब आदेशों का पालन करेंगे। जहाँ-जहाँ आप हमें भेजेंगे, वहाँ-वहाँ हम जाएंगे।
17 जिस प्रकार हम मूसा की बातें मानते थे, उसी प्रकार आप की बातें भी मानेंगे। शर्त केवल यह है: जैसे प्रभु परमेश्‍वर मूसा के साथ था वैसे वह आप के साथ भी हो।
18 जो व्यक्‍ति आप के आदेश से विद्रोह करेगा, आपकी बातों को नहीं मानेगा, आपकी आज्ञा का उल्‍लंघन करेगा, उसको मृत्‍यु-दण्‍ड दिया जाएगा। केवल आप शक्‍तिशाली और साहसी हों!’