Jeremiah 49
1 अम्मोनी राष्ट्र के सम्बन्ध में प्रभु यों कहता है: ‘क्या इस्राएल निर्वंश हो गया? क्या उसका कोई वारिस नहीं है? तब अम्मोनी राष्ट्र-देवता मल्काम ने गाद प्रदेश पर क्यों अधिकार कर लिया, और अपने निवासियों को उनके नगरों में बसा दिया?
2 इसलिए, मैं-प्रभु कहता हूं: देखो, वे दिन आ रहे हैं, जब मैं अम्मोन राष्ट्र की राजधानी रब्बाह के विरुद्ध उसके शत्रु को भड़काऊंगा, और चारों ओर युद्ध की आवाज सुनाई देगी; रब्बाह उजड़ जाएगा, वह खण्डहर बन जाएगा। उसके गांव और कस्बे आग से भस्म हो जाएंगे। तब जिन लोगों ने इस्राएली राष्ट्र को उसके देश से निकाल दिया था, इस्राएली उनको उनके देश से निकाल देंगे। प्रभु की यह वाणी है।
3 ‘ओ हेशबोन, मृत्यु-शोक मना; क्योंकि अइ नगर उजाड़ हो गया। ओ रब्बाह की पुत्रियो, मृत्यु-शोक प्रकट करने के लिए, अपनी-अपनी कमर में टाट के वस्त्र पहिनो। छाती पीटती हुई अपने बाड़ों में यहां-वहां दौड़ो। निस्सन्देह तुम्हारा राष्ट्रीय देवता मल्काम, बन्दी बनकर निष्कासित होगा, और उसके साथ उसके पुरोहित और उच्चाधिकारी भी बन्दी बनकर जाएंगे।
4 ‘ओ विश्वासघातिनी पुत्री, तू अपनी घाटियों पर अभिमान क्यों करती है? तुझे अपनी धन-सम्पत्ति पर बड़ा भरोसा था; तू कहती थी, “मुझ पर कौन हमला कर सकता है?”
5 सुन, मैं-स्वर्गिक सेनाओं का स्वामी, प्रभु यह कहता हूं: मैं तुझ पर आतंक ढाहूंगा, तेरे आस-पास के राष्ट्र तुझ पर आक्रमण करेंगे; और उनके आतंक के कारण तेरे सब नगर-निवासी प्राण बचाकर भाग जाएंगे; इन शरणार्थियों को कोई पुन: एकत्र न कर सकेगा।
6 किन्तु मैं बाद में अम्मोनियों की समृद्धि लौटा दूंगा,’ प्रभु की यह वाणी है।
7 एदोम राष्ट्र के सम्बन्द्ध में स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने यह कहा: ‘क्या तेमान नगर में बुद्धि का अकाल पड़ गया है? क्या समझदार व्यक्तियों की सलाह निष्फल हो गई? क्या उनकी बुद्धि को पाला मार गया?
8 ओ ददान के रहने वालो! भागो, शत्रु को पीठ दिखाओ, और कंदराओं में छिप जाओ। क्योंकि जब मैं एसाव को दण्ड दूंगा, तब उस पर विपत्ति ढाहूंगा।
9 क्या अंगूर तोड़ने वाले अंगूर तोड़ते समय कुछ अंगूर छोड़ देते हैं? जब चोर रात में चोरी करता है, तब क्या घर का माल-असबाब सब साफ नहीं कर देता?
10 इसी प्रकार मैंने एसाव को नंगा कर दिया। मैंने उसके छिपने के स्थानों को उघाड़ दिया, और वह स्वयं को फिर न छिपा सका। उसके बच्चे, उसके भाई-बन्धु, उसके पड़ोसी सब नष्ट हो गए।
11 ‘ओ ददान के निवासियो! अपने पितृहीन बच्चों को, मेरे पास छोड़ जाओ, मैं उनके जीवन की रक्षा करूंगा; तुम्हारी विधवाएं मुझ पर भरोसा करें।’
12 प्रभु यों कहता है: ‘देख, जिन राष्ट्रों का रक्त-सम्बन्ध इस्राएल से नहीं है, उनको भी मैंने दण्ड दिया; उन्होंने मेरे क्रोध की मदिरा पी, तो तू क्या दण्ड से बच जाएगा? ओ एदोम, तू मेरे दण्ड से नहीं बच सकता। तुझे मेरे क्रोध की मदिरा पीना पड़ेगी।
13 मैं-प्रभु ने स्वयं अपने जीवन की सौगन्ध खाई है कि बोसरा नगर उजड़ जाएगा। वह दूसरे राष्ट्र के नगरों के लिए आतंक का कारण बन जाएगा। वह शापित नगर कहलाएगा, अन्य जातियां उसकी निन्दा करेंगी। एदोम के सब नगर सदा के लिए उजड़ जाएंगे।’
14 प्रभु ने मुझे समाचार दिया है कि सब राष्ट्रों में एक दूत भेजा गया है। वह उनसे यह कहता है: ‘अपनी सेनाएं एकत्र करो, और एदोम पर आक्रमण करो; युद्ध के लिए तैयार हो।’
15 ‘ओ एदोम! मैं राष्ट्रों में तुझे सबसे छोटा बना दूंगा। सब जातियां तुझे तुच्छ समझेंगी।
16 ओ चट्टान की गुफाओं में रहने वाले! ओ पहाड़ी शिखरों पर निवास करने वाले! तुझे अपनी शक्ति पर बड़ा घमण्ड था। और तूने आसपास के राष्ट्रों में अपनी शक्ति का आतंक फैला रखा था। तेरे इसी आतंक ने, तेरे हृदय के घमण्ड ने तुझे धोखा दिया! यद्यपि तूने बाज की तरह ऊंचे स्थान पर अपना घोंसला बनाया है, तो भी मैं तुझे ऊंचे स्थान से नीचे गिराऊंगा। मुझ-प्रभु की यह वाणी है।
17 ‘एदोम देश अन्य राष्ट्रों के लिए आतंक का कारण बन जाएगा। जो भी पथिक उस के पास से गुजरेगा, वह उसको देख कर आतंकित हो जाएगा। वह उसके विनाश को देख कर व्याकुल होगा।
18 जैसे सदोम और गमोरा नगर-राज्यों तथा उनके आसपास के नगरों के उलट-पुलट जाने के पश्चात् वे निर्जन और उजाड़ हो गए थे, वैसे ही एदोम की दशा होगी। वहां न कोई मनुष्य निवास करेगा, और न ही प्रवास करेगा।
19 देखो, जैसे सिंह यर्दन के जंगल से निकलता, तथा मजबूत भेड़शाला पर टूट पड़ता और भेड़ों को तितर-बितर कर देता है, वैसे ही मैं एदोम के निवासियों को एदोम देश से अचानक भगा दूंगा। तब जिसको मैं चुनूंगा, उस को उन पर नियुक्त करूंगा। ‘मेरे समान ईश्वर कौन है? कौन मेरे निर्णय को चुनौती दे सकता है? कौन राजा − अपनी प्रजा का चरवाहा − मेरे सम्मुख खड़ा हो सकता है?
20 अत: सुनो, मैं-प्रभु ने एदोम के विरुद्ध एक योजना बनाई है। मैंने निश्चय किया है कि तेमान के निवासियों को दण्ड दूंगा। उसका शत्रु भेड़शाला के छोटे-से-छोटे बच्चों को भी घसीट ले जाएगा। भेड़शाला उनकी इस दशा को देख कर भयाकुल हो उठेगी।
21 उनके गिरने की आवाज सुनकर पृथ्वी कांप उठेगी। उनके चीत्कार की आवाज लाल सागर तक सुनाई देगी।
22 देखो, वह बाज की तरह वेग से उड़कर आएगा, और बोसरा पर अपने पंख फैला देगा। जैसे प्रसव के समय स्त्री का हृदय डर से कांपता है, वैसे ही उस दिन एदोम के योद्धाओं का हृदय डर से कांपेगा।’
23 प्रभु ने दमिश्क नगर के सम्बन्ध में यह कहा: ‘जब हमात और अर्पद नगरों ने ये दु:खद समाचार सुने तब वे हताश हो गए। डर से उनके हाथ-पैर फूल गए, वे अशान्त सागर के समान कांपने लगे। अशांत सागर को कौन शान्त कर सकता है?
24 दमिश्क कमजोर हो गया, घबराहट ने उसको दबोच लिया, वह सिर पर पैर रखकर भाग रहा है। जैसे प्रसव के समय स्त्री पीड़ा और कष्ट में डूब जाती है, वैसे ही दमिश्क पर दु:ख के बादल मंडरा रहे हैं।
25 आनन्द-उल्लास से भरा नगर! विश्व में विख्यात् नगर! प्रभु ने विनाश के लिए तुझे क्यों त्याग दिया?
26 स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु कहता है, दमिश्क के चौराहों पर उसके युवक तलवार से मौत के घाट उतारे जाएंगे, और उस दिन उसके सब सैनिकों का संहार होगा।
27 मैं दमिश्क की शहरपनाह में आग लगाऊंगा, और यह आग राजा बेन-हदद के महलों को भस्म कर देगी।’
28 केदार और हासोर राज्यों के सम्बन्ध में नबूवत। इनको बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर ने पराजित किया था। प्रभु यों कहता है: ‘ओ बेबीलोन के सैनिकों, उठो, और केदार नगर पर आक्रमण करो; पूर्व देश के लोगों को नष्ट कर दो।
29 बेबीलोन के सैनिक केदार के निवासियों के तम्बू और भेड़-बकरियां हांककर ले जाएंगे; वे उनकी कनातें और माल-असबाब लूट कर ले जाएंगे; वे उनके कनातें और माल-असबाब लूट कर ले जाएंगे; वे उनके ऊंटों को उनसे छीन लेंगे; लोग पुकार कर उनसे कहेंगे: “चारों ओर आतंक ही आतंक छाया है।”
30 प्रभु कहता है: ओ हासोर के निवासियो! भागो, नगर से दूर चले जाओ, और कन्दराओं में छिप जाओ। क्योंकि बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर ने तुम्हारे विनाश के लिए एक योजना बनाई है, उसने तुम्हें नष्ट करने का निश्चय किया है।’
31 प्रभु कहता है: ‘सुख-चैन से रहने वाले, निश्चिंत निवास करने वाले राष्ट्र पर आक्रमण करने के लिए उठो, और उसके विरुद्ध मोर्चाबन्दी करो। वे तम्बुओं में रहते हैं, उनके नगरों में न प्रवेश-द्वार हैं, और न फाटकों में अर्गलाएं हैं।
32 तुम्हें लूट में ऊंट मिलेंगे, तुम उनके पशुओं के रेवड़ों पर कब्जा कर लोगे; क्योंकि मैं उस कौम को, दाढ़ी के कोने मूंड़ने वाली जाति को सब दिशाओं में तितर-बितर करूंगा; मैं चारों दिशाओं से उस पर विपत्ति डालूंगा।
33 हासोर नगर गीदड़ों का डेरा बनेगा, वह सदा के लिए उजाड़ हो जाएगा; न उसमें कोई निवास करेगा, और न प्रवास करेगा,’ प्रभु की यह वाणी है।
34 यहूदा प्रदेश के राजा सिदकियाह के राज्य-काल के आरम्भ में प्रभु का यह वचन नबी यिर्मयाह को मिला। प्रभु ने एलाम देश के सम्बन्ध में यह कहा:
35 स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: ‘देखो, एलाम का बल उसकी धनुष-विद्या में है; मैं उसके धनुष को तोड़ डालूंगा।
36 मैं आकाश के चारों कोनों से, चारों दिशाओं से एलामियों पर विपत्ति डालूंगा, और उनको चहुंओर तितर-बितर कर दूंगा। संसार में एक भी ऐसा राष्ट्र न होगा, जहां एलाम से निकाले गए शरणार्थी न आएंगे।
37 मैं-प्रभु कहता हूँ: मैं एलाम को उसके शत्रुओं के सामने, उसके प्राणों के ग्राहकों के सम्मुख आतंकित करूंगा। मैं अपनी क्रोधाग्नि के कारण उस पर विपत्ति ढाहूंगा। मैं अपनी विनाशकारी तलवार भेजूंगा, जो एलाम के निवासियों का पीछा करती रहेगी, जब तक मैं उनका पूर्णत: विनाश न कर दूंगा।
38 मैं उनके राजा और उच्चाधिकारियों को नष्ट करूंगा और एलाम देश में अपना सिंहासन प्रतिष्ठित करूंगा,’ प्रभु की यह वाणी है।
39 ‘किन्तु मैं बाद में एलाम राष्ट्र की समृद्धि लौटा दूंगा।’ प्रभु की यह वाणी है।