Isaiah 43
1 ओ याकूब, तेरा रचनेवाला ओ इस्राएल, तेरा गढ़नेवाला प्रभु अब यों कहता है: ‘मत डर, क्योंकि मैंने तुझे छुड़ा लिया है। मैंने तेरा नाम लेकर तुझे छुड़ाया है, तू मेरा है।
2 जब तू समुद्र पार करेगा, मैं तेरे साथ रहूंगा। जब तू नदियों से होते हुए जाएगा तब नदियां तुझे डुबो न सकेंगी। यदि तू आग पर चलेगा, तो भी तू नहीं जलेगा; लपटें तुझे भस्म न कर सकेंगी;
3 क्योंकि मैं तेरा प्रभु परमेश्वर हूं; मैं तुझे बचानेवाला, इस्राएल का पवित्र परमेश्वर हूं। मैंने तेरे विमोचन के मूल्य में मिस्र देश दिया है, तेरे बदले में इथियोपिआ और सबा देश दिए हैं।
4 मैं तुझ से प्रेम करता हूं। तू मेरी दृष्टि में अनमोल और सम्मानित है, अत: मैं तुझे छुड़ाने के लिए तेरे बदले में अन्य जातियों को देता हूं। तेरे प्राण को बचाने के लिए दूसरी कौमों को देता हूं।
5 मत डर; क्योंकि मैं तेरे साथ हूं। मैं तेरे वंशजों को पूर्व के देशों से लाऊंगा। ओ इस्राएल, मैं तुझे पश्चिम के देशों से एकत्र करूंगा।
6 मैं उत्तर के राज्यों को आदेश दूंगा, “इन्हें छोड़ दो।” मैं दक्षिण के राज्यों से यह कहूंगा, ‘इन्हें मत रोको।” मेरे पुत्रों को दूर-दूर देशों से लाओ, मेरी पुत्रियों को पृथ्वी के सीमान्तों से एकत्र करो।
7 ये सब मेरे नाम से आराधना करते हैं, इनको मैंने अपनी महिमा के लिए रचा है, इनको मैंने गढ़ा है, इनको मैंने बनाया है।”
8 ‘उन लोगों को मेरे सम्मुख प्रस्तुत करो, जिनको आंखें हैं, पर वे देखते नहीं, जिनके कान हैं, पर वे सुनते नहीं।
9 विश्व के सब राष्ट्र एकत्र हों, समस्त कौमें इकट्ठी हों। उनमें से कौन ऐसा राष्ट्र है, जो यह बात बता सकता है? कौन ऐसी कौम है, जो बीती हुई घटनाएँ हमें दिखा सकती है? अपने को निर्दोष प्रमाणित करने के लिए वे अपने गवाह पेश करें। लोग उनकी गवाही सुनें और तब वे यह कह सकें, “यह सच है।” ’
10 प्रभु कहता है, ‘तुम ही मेरे गवाह, मेरे मनोनीत सेवक हो, कि तुम जान सको, तुझ पर विश्वास कर सको, और समझ सको, कि मैं ही “वह” हूं। मुझ से पूर्व कोई भी ईश्वर नहीं हुआ, और न मेरे बाद कोई होगा।
11 मैं, केवल मैं प्रभु हूं, मेरे अतिरिक्त कोई उद्धारकर्ता नहीं!
12 मैंने प्रकट किया था, मैंने ही घोषित किया था, मैंने ही तुम्हें बचाया था, उन दिनों में जब तुम्हारे मध्य अन्य ईश्वर नहीं था।’ प्रभु कहता है, ‘तुम ही मेरे गवाह हो।
13 मैं ही परमेश्वर हूं, और भविष्य में भी मैं ही “वह” रहूंगा। मेरे हाथ से मुक्त करनेवाला कोई नहीं है। जो कार्य मैं सम्पन्न करता हूं, उसे कोई मिटा नहीं सकता।’
14 इस्राएल का पवित्र परमेश्वर, तुम्हारा विमोचक प्रभु, यों कहता है: ‘मैं तुम्हारे हित के लिए सेना को बेबीलोन देश भेजूंगा। मैं सब जंजीरें तोड़ डालूंगा। मैं कसदी सेना का हर्ष-निनाद विलाप में बदल दूंगा।
15 मैं प्रभु हूं; तुम्हारा पवित्र परमेश्वर हूं; इस्राएल का स्रष्टा, तुम्हारा राजा हूं।’
16 प्रभु ही बोल रहा है, जो समुद्र में मार्ग बनाता है, उत्ताल तरंगों में पथ निर्मित करता है।
17 वह ही रथों और घोड़ों को, सेना और योद्धाओं को निकाल कर लाता है। वे भूमि पर पड़े हैं; अब वे उठ नहीं सकते। वे सन की बत्ती की तरह बुझ गए।
18 पर प्रभु यों कहता है: ‘बीती घटनाओं को याद मत करो; प्राचीन काल की बातों पर विचार मत करो।
19 देखो, मैं एक नया कार्य कर रहा हूं: वह अब प्रकट हो रहा है। तुम स्वयं उसका अनुभव कर रहे हो। मैं निर्जन प्रदेश में एक मार्ग बनाऊंगा, मरुस्थल में नदियाँ बहा दूंगा।
20 वन-पशु, गीदड़ और शुतुरमुर्ग मेरा आदर करेंगे; क्योंकि मैं उन्हें निर्जन प्रदेश में पीने को पानी देता हूं, मरुस्थल में नदियां बहाता हूं। मैं अपने मनोनीत लोगों को, पीने का पानी प्रदान करता हूं,
21 जिनको मैंने अपने लिए रचा है, ताकि वे मेरी स्तुति सर्वत्र घोषित करें।’
22 ओ याकूब, फिर भी तूने मेरी आराधना नहीं की। ओ इस्राएल, तू मुझसे ऊब गया।
23 तूने अपनी भेड़ें मुझे अग्नि-बलि में नहीं चढ़ाई; तूने बलि चढ़ाकर मेरा सम्मान नहीं किया। मैंने तुझे इतनी बलि चढ़ाने को नहीं कहा था, कि वह तेरे ऊपर बोझ बन जाए! मैंने तुझे इतना धूप-द्रव्य जलाने का आदेश नहीं दिया था कि तू कष्ट में पड़ जाए!
24 तूने मुझे चढ़ाने के लिए शहद के साथ शक्कर नहीं खरीदी, अपने बलि-पशु की चर्बी की सुगन्ध से मुझे सन्तुष्ट नहीं किया। वरन् तूने अपने पाप का भार मुझ पर लाद दिया; तूने अपने अधर्म से मुझे थका दिया।
25 मैं, मैं ही ‘वह’ प्रभु हूं; मैं अपने निमित्त तेरे अपराध क्षमा कर देता हूं, मैं तेरे पाप स्मरण नहीं रखूंगा।
26 मुझे स्मरण करा, यदि मैंने तेरे किसी सत्कर्म पर ध्यान नहीं दिया: आ, हम परस्पर विवाद करें। अपना पक्ष प्रस्तुत कर ताकि तू निर्दोष प्रमाणित हो सके।
27 तेरे मूल पिता याकूब ने पाप किया था, तेरे प्रवक्ताओं ने मेरे प्रति अपराध किया था।
28 इस कारण मैंने पवित्र स्थान के प्रशासकों को पदच्युत कर दिया, मैंने याकूब को संहार के लिए, इस्राएल को निन्दा के हेतु त्याग दिया।