Bible

Engage

Your Congregation Like Never Before

Try RisenMedia.io Today!

Click Here

Ezra 9

:
Hindi - CLBSI
1 जब ये कार्य हो चुके तब एक दिन पदाधिकारी मेरे पास आए, और उन्‍होंने मुझसे यह कहा, ‘इस्राएली जनता, पुरोहितों तथा उप-पुरोहितों ने इस प्रदेश की विधर्मी जातियों की घृणित प्रथाओं से स्‍वयं को मुक्‍त नहीं किया है। वे कनानी, हित्ती, परिज्‍जी, यबूसी, अम्‍मोनी, मोआबी, मिस्री और एमोरी जातियों
2 की कन्‍याओं से स्‍वयं विवाह करते, और अपने पुत्रों का भी विवाह कराते हैं। इस प्रकार हमारी पवित्र जाति इस देश की अन्‍य जातियों से मिलकर भ्रष्‍ट हो गई है। इस विश्‍वासघात के कार्य में पदाधिकारी और जनता के मुखिया सबसे आगे हैं।’
3 यह सुनकर मैंने शोक प्रकट करने के लिए अपने वस्‍त्र और चादर फाड़ दी, अपने सिर और दाढ़ी के बाल नोचे, और मैं आतंकित-सा बैठ गया।
4 तब इस्राएली कौम के परमेश्‍वर की धर्म-व्‍यवस्‍था से श्रद्धा-भक्‍ति करने वाले लोग मेरे चारों ओर एकत्र हो गए; क्‍योंकि उन्‍होंने निष्‍कासन से लौटे यहूदियों के विश्‍वासघात की खबर सुनी थी। मैं सन्‍ध्‍या-बलि के समय तक आतंकित-सा बैठा रहा।
5 मैं सन्‍ध्‍या-बलि के समय उपवास की स्‍थिति से उठा। मेरे वस्‍त्र और चादर फटी हुई थी। मैंने घुटने टेके, और अपने प्रभु परमेश्‍वर की ओर हाथ फैलाकर यह कहा:
6 ‘हे मेरे परमेश्‍वर, मैं तेरी ओर अपनी आंखें नहीं उठा सकता, मैं लज्‍जित हूं; हमारे अपराधों का ढेर लग गया है, हमारे दुष्‍कर्म आकाश को छूने लगे हैं।
7 हमारे पूर्वजों के समय से आज तक हम घोर दुष्‍कर्म करते आए हैं; अपने इन्‍हीं दुष्‍कर्मों के कारण हम, हमारे राजा और हमारे पुरोहित विदेशी राजाओं के हाथ में पड़ गए। हमें तलवार से मौत के घाट उतारा गया, हमारी सम्‍पत्ति को लूटा गया, हमें गुलाम बनाकर निष्‍कासित किया गया, हमारी दयनीय दशा की गई, जो आज तक है।
8 अब थोड़े समय के लिए, हमारे प्रभु परमेश्‍वर, तूने हम पर कृपा- दृष्‍टि की। हमारी कौम के कुछ लोगों को शेष रखा, इस पवित्र स्‍थान में हमें टिकने का सहारा दिया। हे परमेश्‍वर, तूने हमारी आंखों में आशा की किरण जगा दी। गुलामी की दशा में हमारे जीवन को कुछ विश्राम दिया।
9 हम गुलाम हैं, पर गुलामी में भी, हे परमेश्‍वर, तूने हमें नहीं छोड़ा, वरन् फारस के सम्राट के सम्‍मुख तूने हम पर करुणा की, और हमें गुलामी से कुछ समय के लिए मुक्‍त किया ताकि हम तेरे भवन को पुन: खड़ा कर सकें, उसके खण्‍डहरों की मरम्‍मत कर सकें। हे परमेश्‍वर, तूने हमें यहूदा प्रदेश और यरूशलेम में हमारे सिर के ऊपर एक छत प्रदान की।
10 ‘हे प्रभु परमेश्‍वर, तेरी समस्‍त कृपा के बाद अब हम अपने आचरण के लिए क्‍या सफाई पेश कर सकते हैं? तेरे सेवक नबियों ने जो तेरी आज्ञाएं हमें दी थीं, उनका हमने उल्‍लंघन किया। नबियों ने हमसे कहा था: “जिस देश पर अधिकार करने के लिए, तुम उसमें प्रवेश कर रहे हो, वह अशुद्ध देश है; उसमें निवास करने वाली जातियों ने उसे एक छोर से दूसरे छोर तक अपनी घृणित प्रथाओं से पूर्णत: भर दिया है।
11
12 अत: तुम उन जातियों से विवाह-सम्‍बन्‍ध स्‍थापित करना: अपनी पुत्रियों का विवाह उनके पुत्रों से करना, और ही अपने पुत्रों का विवाह उनकी पुत्रियों से करना। उनकी सुख-समृद्धि की कामना मत करना। तब तुम शक्‍तिशाली बनोगे, उस देश की उत्तमोत्तम वस्‍तुओं का उपभोग करोगे, और अपने बाद अपनी सन्‍तान को उसे पैतृक-अधिकार में छोड़ जाओगे।”
13 ‘हमारे दुष्‍कर्मों, हमारे बड़े-बड़े अधर्म के कामों के कारण हम पर विपत्तियां आईं, पर तूने हमारे अपराधों की तुलना में हमें कम ही दण्‍ड दिया, और हमारी कौम के कुछ लोगों को नष्‍ट होने से बचा लिया।
14 अब हम क्‍या पुन: तेरी आज्ञाओं का उल्‍लंघन करें; और घृणित प्रथाओं को मानने वाली जातियों के साथ विवाह-सम्‍बन्‍ध स्‍थापित करें? तब क्‍या तू हम से क्रुद्ध होगा, और हमें जड़-मूल से नष्‍ट नहीं कर देगा, कि हमारी कौम का कोई चिह्‍न शेष रहे, एक भी इस्राएली तेरे दण्‍ड से भाग सके?
15 हे इस्राएल के प्रभु परमेश्‍वर, तू निस्‍सन्‍देह न्‍याय करने वाला ईश्‍वर है। हम मुक्‍त हुई इस्राएली कौम के बचे हुए लोग हैं, जैसे आज भी हम जीवित रह गए हैं। यद्यपि दुष्‍कर्म के कारण कोई भी व्यक्‍ति तेरे सम्‍मुख खड़ा नहीं हो सकता है, तथापि, प्रभु, हम अपराधी होकर भी तेरे सामने उपस्‍थित हैं।’